गगनयान: भारत के दो फ्लाइट सर्जन रूस में लेंगे अंतरिक्ष यात्रियों के इलाज का प्रशिक्षण Gaganyaan PMOIndia
गगनयान मिशन से जुड़े दो दो फ्लाइट सर्जन रूसी समकक्षों से अंतरिक्ष में चिकित्सा का प्रशिक्षण लेने के लिए जल्द ही रूस
बता दें, गगनयान भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके तहत वर्ष 2022 में अंतरिक्ष में तीन यात्रियों को भेजने का लक्ष्य है। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से इसमें कुछ देरी हुई है।फ्लाइट सर्जन भारतीय वायुसेना के डॉक्टर हैं और उन्हें एयरोस्पेस मेडिसिन में विशेषज्ञता हासिल है। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि फ्लाइट सर्जन जल्द रवाना होंगे। वे रूस के फ्लाइट सर्जन से सीधे प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
अंतरिक्ष में मानव मिशन का सबसे अहम पहलू अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण है। फ्लाइट सर्जन, अंतरिक्ष यात्रियों की उड़ान के दौरान और उसके बाद की सेहत के लिए जिम्मेदार होते हैं। फ्लाइट सर्जन को संभावित अंतरिक्ष यात्री के तौर पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के चार टेस्ट पायलटों को भारत के पहले मानव मिशन के लिए चुना गया है और वे पिछले साल फरवरी से ही मास्को के नजदीक यूरी गागरिन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस केंद्र का नाम दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री के नाम पर रखा गया है।
फ्लाइट सर्जन प्रशिक्षण के लिए फ्रांस की भी यात्रा करेंगे। अधिकारी ने बताया कि फ्रांसीसी स्पेस सर्जन का प्रशिक्षण ज्यादतर सैद्धांतिक होगा। वर्ष 2018 में फ्लाइट सर्जन ब्रिगिट गोडार्ड फिजिशियन और इंजीनियर को प्रशिक्षण देने के लिए भारत आए थे। वह उस समय फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस में कार्यरत थे। headtopics.com
फ्रांस ने अंतरिक्ष चिकित्सा के प्रशिक्षण के लिए भी व्यवस्था की है। उसने सीएनईएस की अनुषंगी के तौर पर एमईडीईएस स्पेस क्लीनिक की स्थापना की है, जहां पर फ्लाइट सर्जन को प्रशिक्षण दिया जाता है। रवाना होंगे। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने रविवार को दी।
विज्ञापनबता दें, गगनयान भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके तहत वर्ष 2022 में अंतरिक्ष में तीन यात्रियों को भेजने का लक्ष्य है। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से इसमें कुछ देरी हुई है।फ्लाइट सर्जन भारतीय वायुसेना के डॉक्टर हैं और उन्हें एयरोस्पेस मेडिसिन में विशेषज्ञता हासिल है। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि फ्लाइट सर्जन जल्द रवाना होंगे। वे रूस के फ्लाइट सर्जन से सीधे प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
अंतरिक्ष में मानव मिशन का सबसे अहम पहलू अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण है। फ्लाइट सर्जन, अंतरिक्ष यात्रियों की उड़ान के दौरान और उसके बाद की सेहत के लिए जिम्मेदार होते हैं। फ्लाइट सर्जन को संभावित अंतरिक्ष यात्री के तौर पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के चार टेस्ट पायलटों को भारत के पहले मानव मिशन के लिए चुना गया है और वे पिछले साल फरवरी से ही मास्को के नजदीक यूरी गागरिन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस केंद्र का नाम दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री के नाम पर रखा गया है।
फ्लाइट सर्जन प्रशिक्षण के लिए फ्रांस की भी यात्रा करेंगे। अधिकारी ने बताया कि फ्रांसीसी स्पेस सर्जन का प्रशिक्षण ज्यादतर सैद्धांतिक होगा। वर्ष 2018 में फ्लाइट सर्जन ब्रिगिट गोडार्ड फिजिशियन और इंजीनियर को प्रशिक्षण देने के लिए भारत आए थे। वह उस समय फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस में कार्यरत थे। headtopics.com
फ्रांस ने अंतरिक्ष चिकित्सा के प्रशिक्षण के लिए भी व्यवस्था की है। उसने सीएनईएस की अनुषंगी के तौर पर एमईडीईएस स्पेस क्लीनिक की स्थापना की है, जहां पर फ्लाइट सर्जन को प्रशिक्षण दिया जाता है।आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
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मनसुख हीरेन की मौत का क्या है स्कॉर्पियो कनेक्शन? देखें वारदात
एंटिलिया के बाहर स्कॉर्पियो में मिले विस्फोटक का सच एनआईए पता लगाएगी. धमकी और मनसुख हीरेन की मौत में कोई रिश्ता है? एनआईए इस साजिश का भी पता लगाएगी. पहले मुंबई क्राइम ब्रांच, क्राइम यूनिट, फिर एटीएस और अब एनआईए जिस तेज़ी से जांच एजेंसियां बदल रही हैं, उसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मामला या साजिश कितनी बड़ी है. हालांकि फिलहाल एनआईए एंटीलिया के के बाहर मिली विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो कार के मामले की ही जांच करेगी लेकिन वो स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हीरेन की मौत पर भी नजर बनाए हुए है. देखें वारदात, शम्स ताहिर खान के साथ.