उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं! जीवन की रक्षा महत पुण्य है. मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!.’
उन्होंने कहा था कि कुंभ और मरकज के बीच कोई तुलना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि कुंभ को मरकज से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है.ने यहां तक कह दिया था, ‘सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.’
बहरहाल तीरथ सिंह रावत भाजपा के अकेले नेता नहीं हैं, जिन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच कुंभ मेले की वकालत की है. देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना वायरस मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है और रोज रिकॉर्ड नए मरीज सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उसका यह फैसला ठीक नहीं है, क्योंकि कुंभ के बारे में कोई भी फैसला सभी 13 अखाड़े मिलकर लेते हैं.
अपना भीड़ देख कर खुश होने वाले PM के मुँह से ये बात शर्मनाक
Please 🙏 ssc_chsl_exam_postponed
Idea koi hai nahin doosre ki tweet se gyan chura rahe hain
ये साधू अब वहाँ से जा कर पूरे देश मे कोरोना फैलायेगे पर उलटे ईसे ये लोगों की सुरक्षा कह कर समाज की झूठे सहानुभूति बटोरने की कोर्शिश कर रहे है अगर ऐसा है तो ईतने दिन तक कुम्ब मे जामवाडा क्यों किये ?जब स्वयं साधू बीमार व मरने लगे तो डर कर समापन की घोषणा किये ।
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।