कोरोना: क्या वाकई सुधर रहे हैं दिल्ली के हालात? | DW | 01.07.2020

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जानकार इन सारे सुधारों को केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के मिल कर किए हुए प्रयासों का नतीजा बता रहे हैं. Corona COVID19India delhicovidinvestigation

13 जून को जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कोविड-19 के प्रबंधन में गंभीर त्रुटियों के लिए फटकारा था, तब दिल्ली में संक्रमण के कुल 38,958 मामले थे. इनमें से 22,742 सक्रिय मामले थे. प्रतिदिन लगभग 2000 नए मामले सामने आ रहे थे. कुल मरने वालों की संख्या 1271 थी और हर दिन लगभग 60 लोगों की जान जा रही थी.

उसके कुछ दिन बाद जब केंद्र सरकार की मदद से दिल्ली में टेस्ट की संख्या बढ़ाई गई तो रोजाना 4000 के आस पास नए मामले सामने आने लगे. लेकिन पिछले कुछ दिनों में तस्वीर काफी बदल गई है. रोजाना नए मामलों की संख्या फिर से 2000 के आस पास चली गई है, जबकि टेस्ट की संख्या काफी बढ़ा दी गई है. मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मीडिया को बताया कि पहले हर 100 जांच के सैंपलों में से 31 पॉजिटिव आते थे और अब 100 में से 13 पॉजिटिव आ रहे हैं.

मरीजों के ठीक होने की दर में भी सुधार हुआ है. यह दर 60 प्रतिशत से 66 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि राष्ट्रीय दर 59 प्रतिशत है. आध्यात्मिक संस्था राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने दिल्ली में अपना एक केंद्र कोविड-19 मरीजों के लिए एक केंद्र बनाने के लिए उपलब्ध कराया है. केंद्र में कार्डबोर्ड के हजारों बिस्तर लगाए जा रहे हैं.केंद्र के सुझाव पर कन्टेनमेंट इलाकों को चिन्हित करने की रणनीति बदल दी गई और दोबारा चिन्हित किया गया. इससे कन्टेनमेंट इलाके 261 से 417 हो गए, लेकिन इन पर निगरानी रखना ज्यादा आसान हो गया.

 

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