स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, उसके बाद बाकी फ़्रंटलाइन वर्कर्स और फिर बुजुर्गों और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को दी जाएगी.
भारत सरकार वैक्सीन कार्यक्रम के लिए को-विन नाम का ऐप लाई है, जहाँ वैक्सीन लगवाने के इच्छुक लोग पंजीकरण कर सकते हैं. देश में लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक किया जा रहा है हालाँकि सरकार किसी पर टीका लगवाने के लिए दबाव नहीं डालेगी.इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक लिस्ट जारी करके वैक्सीन से जुड़ी शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की थी. इस लिस्ट के सवाल कुछ इस तरह थेमंत्रालय ने इसके जवाब में बताया है कि आम तौर पर कोरोना की एंटीबॉडी विकसित करने में शरीर को वैक्सीन की दो खुराक की ज़रूरत होती है.
मंत्रालय ने कहा, "टीका लगने के बाद अगर आपको किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो आप नज़दीक के स्वास्थ्य अधिकारियों, डॉक्टर, एएनएम या आशा कार्यकर्ता से संपर्क करें."वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क पहनने, फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने और हाथ धोने जैसी सावधानियों का पूरा ध्यान रखना होगा.
Hmm सही किया पहले देश के गरीब खत्म होंगे tabhi to अमीर राज करेगा...
रविस, बीबीसी और टोटी,टोपी टीका न लगवायें। अगर गलती से भी गलती कर गये तो राष्ट्रवादी बन जाएंगे हां😂
सबसे पहले प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री को टीका लगाना चाहिए राज्य के मुख्यमंत्री और राज्य मंत्री को टीका लगाना चाहिए फिर चुनाव आयोग के कर्मचारी सब को ये टीका लगाना चाहिए मिडिया चैनल वाले को लगाना चाहिए आखिर ये लोग पहले टीका क्यू नही लगा रहे BanglarGorboMB WasiuddinSiddi1
ਮਰ ਜਾਣੇ ਮੋਦੀ ਦੇ ਲਾਓ ਟੀਕਾ ਉਹੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਕਾਰੋਨਾ
Then on what basis adarpoonawalla get vaccination
बीबीसी ,एनडीटीवी मीडिया,देशविरोधी चीनी बामपंथ ,मुस्लिम कट्टरता इस्लामिक आतंकबाद ,अरवन नक्सल हिंदुस्तान के इस वैक्सीन अभियान की सफलता देखकर बहुत दुखी होगी ,हिंदुस्तान ने इतनी जल्दी जनहित व देशहित मे वैक्सीन तेयार कर ली .......
डॉक्टरों और नर्सों के साथ-साथ में कुछ देश विरोधियों को भी कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाना था। आखिर वह लोग भी घर बैठे बैठे बिना माचिस के आग लगाते रहते हैं।
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