कोरोना: हजारों मजदूरों का रिवर्स पलायन, गांव तक संक्रमण फैलने का खतरा

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डॉक्टर चेतावनी दे रहे हैं कि लॉकडाउन में लोगों के ऐसा करने से कोरोना वायरस महामारी के सामुदायिक संक्रमण का खतरा है CoronavirusPandemic

दिहाड़ी मजदूरों का सैलाब सड़कों पर उतर आया है. ये पैदल ही अपने घरों की ओर बढ़ रहे हैं. डॉक्टर चेतावनी दे रहे हैं कि लॉकडाउन में लोगों के एकसाथ ऐसा करने से कोरोना वायरस महामारी के सामुदायिक संक्रमण का खतरा है. नोएडा और गाजियाबाद प्रशासन ऐसे लोगों को ज्यादा से ज्यादा खाने के पैकेट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि उन्हें घर जाने से रोका जा सके. स्थानीय लोग भी मदद को आगे आए हैं और 250 परिवारों को उन्होंने आगे जाने से रोका.

इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार लौट रहे लोगों को बसें उपलब्ध कराने से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ेगा.नीतीश कुमार ने एक बयान में कहा,लोगों को उनके पैतृक स्थानों पर स्पेशल बसों से भेजना लॉकडाउन के उद्देश्य को ही मात दे देगा और अगले कुछ दिनों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलेगा. इसकी जगह वो जहां हैं वहीं उनके लिए कैम्प लगाना बेहतर रहेगा. राज्य सरकार इन कैम्पों पर जो खर्च आएगा उसका भुगतान करेगी.

नीतीश कुमार के मुताबिक, बिहार के स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचे पर पहले से ही दबाव है और सरकार कोरोना वायरस मरीजों के इलाज से जूझ रही है. स्थानीय प्रशासनों को चेक करना चाहिए कि भीड़ में क्या कोई कोरोना वायरस के लक्षण वाले भी शामिल हैं. अगर हैं तो उन्हें अलग करना चाहिए. सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल के वरिष्ठ सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण लखनपाल कहते हैं, सभी प्रवासी मजदूरों को मास्क पहनना चाहिए. ग्रुप में चलने, बस में यात्रा करते या लिफ्ट लेते वक्त दूसरों से सुरक्षित फासला बनाए रखें. अगर किसी को बुखार या खांसी है तो उसके बारे में अधिकारियों को तत्काल सूचित करें और उसके साथ यात्रा न करें.विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हजारों में एक भी संक्रमित हुआ तो उसका नतीजा बहुत घातक होगा. इससे महामारी उन छोटे गांवों में भी पहुंच सकती है जहां ये लोग जा रहे हैं.

ग्रेटर नोएडा में जेवर सीट से विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कहा, हमने टनों राशन और खाने के पैकेट निर्माण स्थलों तक पहुंचाएं हैं जहां मजदूर झुग्गियों में रह रहे हैं. हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये मजदूर लॉकडाउन में वहां से न हटें. हम उनके खाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.

 

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किस काम का लाक डाउन भीड भाड बराबर दिख रहा है सरकार को चाहिए की लाक डाउन का पालन सख्ती से हो येजो लोग सब्जी या समान के नाम पर भूखों मर ने के नाम पर कानून तोड़ रहे हैं उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए ताकी कोई कानून तोड़ ने का साहस न करें

अरे आज तक‌ वालों हरयाना में तो कुछ भी नहीं हो रहा है गरीब को तो राशन ही नहीं मिल रहा है कहता है राशन बाटने वाला की जिसके पास राशन कार्ड है उसी को राशन मिलेगा ये कोई बात हुई क्या और तो और धमकी भी दे रहा है कि जो करना है कर लो

इन लोगों का ये कहना है कि ये बीमारी अमीरों की है हमें कुछ नहीं होगा

No awareness...... This is what people living in the darkness. No wisdom at all.

लाखों लोग सड़कों पर पैदल चले भूखे प्यासे रहे लेकिन उन लोगो को बसो मे ठुस-2 कर भरा जा रहा है ऐसे मे कोरोना फैलने का खतरा है हज़ारों लोग राज्य के अलग अलग सीमाओ पर एककृत है यह लोग छोटे-2 गांव मोहल्लो मे रहते है जहा चिकित्सा सेवाये पूरी तरह नहीं है यह बडी माहामारी को जन्म दे सकती है

बिकाऊ कलम केजरीवाल के बारे में कुछ न बोलकर माहौल को घुमाने की कोशिश में लगा है

पलायन कर रहे लोगों के लिए उचित वाहन व्यवस्था होने तक दिल्ली में बंद पडे स्कूल कॉलेज मे उनके रहने की व्यवस्था की जा सकती है। दिल्ली सरकार को यह कदम उठाना चाहिए । वरना जिस तरह की भगदड़ है दिल्ली में कोरोना को तीसरे स्टेज टक पहुंचने में बहुत देर नहीं लगेगी । रवि कुमार कनॉजिया

इसे मजदूरों की मजबूरी कहे, या नादानी कहे जो भी कहे , इन सब को देखकर कहीं ना कहीं युद्ध जितना मुश्किल सा लग रहा है।

भूख से बढ़ के शायद ही कोई महामारी हो.. जो अमीर गरीब.. सबको.. घर से बाहर निकलने पे मजबूर कर देती है.. जिनके पास है. उन्हें ये.. बेवकूफ़ लग रहे है.. जो यहाँ खडे है.. उनसे पूछो भूखे पेट.. काम के बिना.. परिवार से दूर.. उनपे क्या गुजर रही होंगी.

यह वह लोग हैं जिनको Corona से ज्यादा भूक से मारने का डर हैं सरकार तो बड़े बड़े वादा करता है पर जमीन की सच्चाई कुछ और ही है

बस यही दुआ करेंगे कि ये दिन कहीं इतिहास में ना लिखा जाए 🙏🙏

Delhi Govt & fake so called journalists are totally responsible for this. If arrangements were there why to entertain this tendency of exodus. Nation will have to pay price for this mischief.

मित्रों, पूरा देश एकजुट होकर कोरोना की महामारी से लड रहा है । सभी सरकारें, डाक्टर, पुलिस, मीडिया, अनिवार्य सेवा कर्मी बेहतरीन कार्य कर रहे है। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी की जिम्मेदारी है कि लाकडाऊन के दौरान हमारे आस पास : को = कोई भी रो = रोने ना = ना पाये

Modi sarkar se pucho kyun apni man marzi karta hai anay razyon ke cm se bipaksh se maswara kyun nahi kiya

यदि China को सबक सिखाना चाहते हो तो सबसे पहले.. tiktok को अपने फोन से हटा दें.! आप चीन को आज भी अरबों रुपये का फायदा पहुंचा रहे है

ये सब राजकीय भड़काऊ भाषणों का नतीज़ा है।

Most irresponsible channel

जब लोग पलायन कर रहे थे तब दिल्ली पुलिस कहा थी।

Sarkar Kuchh Niyam nishchit Karen Har bus stand Mein checking Karva kar Ghar bhejne ki jimmedari Uthe yah Aam public nahin kar payegi

इनकी मौत शुरू होगी तो गिनती भी नहीं होगी ...इन्हे केवल चाइनीज स्मार्ट फोन चलाना है न्यूज से मतलब होता तो ऐसा ना करते.=.

सेना लगा दो, दिल्ली में

36घंटो से भीड़ जमा है सरकार थोड़ा तो विचार करे

That what AK wants in Delhi

जब ये ने लोग घर छोड ही दिया है तो इनको इनके सिटी के पास स्कूल कॉलेज मे 14 दिन तक बन्द कर के बाकी लोगो से दूर रखे 🙏🙏🙏🙏🙏

लोगों को नही पता की वो और उसके साथ साथ सारा देश गहरी संकट में फंसने वाला है 🙄

Kya kare fhir yahi raste h Hum surat me h Koi rasta nahi mil raha h ghar jane ko

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