कोरोना दौर में शेयर बाजार में क्यों कूद रहे हैं नौसिखिए निवेशक?

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बहुत से लोग बाज़ार में निवेश करके जल्द पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन इसके ख़तरे क्या हैं?

महामारी के दौरान बिना किसी नौकरी के घर पर बैठी केली मिल्स ने शुरुआती दिनों में वीडियो गेम्स खेलकर अपना टाइम पास किया. बाद में उन्होंने सोचा कि क्यों न असली गेम यानी स्टॉक मार्केट में हाथ आजमाया जाए.

मिल्स की तरह से हालिया महीनों में अमरीका में लाखों नए निवेशकों ने शेयर मार्केट में एंट्री की है. मार्च में शेयरों की कीमतों में अचानक आई तेज गिरावट, ब्रोकरेज फर्मों के बेहद कम या जीरो फीस ऑफर करने और सरकार की तरफ से महामारी के भत्ते मिलने से लोग स्टॉक मार्केट की ओर शिफ्ट हुए हैं. हालांकि, कुछ निवेशक पेनी स्टॉक्स में पैसा लगाने को तरजीह दे रहे हैं, लेकिन कई निवेशक एमेजॉन और एयरलाइंस जैसे नामचीन शेयरों में पैसा लगा रहे हैं. डेटाट्रेक रिसर्च के को-फाउंडर निक कोलास कहते हैं कि इसकी वजह यह है कि निवेशकों को लग रहा है कि जब भी रिकवरी होगी ये स्टॉक्स सबसे तेजी से वापसी करेंगे.

अरबपति हेज फंड निवेशक लियोन कूपरमैन ने जून में एक इंटरव्यू में कहा था,"ये बेवकूफी वाले काम कर रहे हैं और मेरी राय में इनको अंत में नुकसान उठाने पड़ेंगे."लेकिन, मिल्स जैसे लोगों के लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है क्योंकि ये लोग महामारी के दौर में बस अपना टाइम पास करने के लिए स्टॉक ट्रेडिंग कर रहे हैं.

वे कहते हैं,"मैं अपने फ्लैट में कैद हो गया था. मैं अपनी आमदनी बढ़ाने के बारे में सोच रहा था. मेरे कुछ दोस्तों ने बताया कि शेयरों के दाम अभी बेहद कम चल रहे हैं."उन्होंने घंटों ट्रेडिंग सीखने के ट्यूटोरियल्स पर लगाए, लेकिन जब उन्होंने पैसे लगाए तो चंद मिनटों में ही अपने हाथ जला बैठे.

 

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People are following the rules of share market: 'Invest in share market when recession in market'

Thinking of milking profit in the current uncertain market. But mostly are losing instead.

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