देश भर में एक तरफ कोरोना वायरस का संकट छाया हुआ है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार गिरफ्तारी कर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम लगा रही है. हाल ही में दिल्ली में हुए उपद्रव के मामले में गिरफ्तार किए करीब चार लोगों पर केंद्र सरकार ने यूएपीए लगाया है. वहीं, कश्मीर में भी एक फोटोग्राफर और एक पत्रकार पर भी पिछले दिनों यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है.
दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के छात्र नेता रहे उमर खालिद पर उत्तरी पूर्वी दिल्ली के इलाके में हुई हिंसा को लेकर यूएपीए लगा दिया गया है. केंद्र सरकार ने उमर खालिद के अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा के रहने वाले दानिश पर भी यूएपीए लगाया गया है. इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र और राष्ट्रीय जनता दल की युवा शाखा के नेता मीरान हैदर, जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मीडिया को-ऑर्डिनेटर सफूरा जरगर को दिल्ली हिंसा की साजिश और हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं. केंद्र सरकार ने इन दोनों लोगों पर भी यूएपीए लगाया है. मीरान हैदर पीएचडी छात्र हैं और जरगर जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एम.फिल कर रही हैं.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया हिंसा और उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा के मामले में जांच निष्पक्ष तरीके से की गई और वैज्ञानिक साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद यह गिरफ्तारियां की गईं. पिछले साल दिसंबर में पुलिस कथित तौर पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद जामिया परिसर में दाखिल हुई थी.
वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने युवा पत्रकार मसरत जहरा के खिलाफ सोशल मीडिया पर 'राष्ट्र-विरोधी” पोस्ट अपलोड करने के लिए यूएपीए के तहत सोमवार को मामला दर्ज किया. उसी दिन शाम होते-होते द हिंदू अखबार के रिपोर्टर पीरजादा आशिक के खिलाफ भी तथ्यात्मक रूप से गलत खबर छापने को लेकर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है. हालांकि, इन दोनों पत्रकारों पर यूएपीए के तहत की गई कार्रवाई को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रेस क्लब और भारतीय एडिटर्स गिल्ड ने सरकार की अलोचना की थी.
कब तक खिलाओगे हमारे टैक्स के पैसों से बिरयानी, गोली मारो सालो को और खत्म करो कहानी
Bhad media... dalal media... musalmano per zulm kyu... debate kro...
किसी भी पत्रकार को बिना किसी प्रमाण के कोई समाचार नहीं छापना चाहिए, क्योंकि एक बार समाचार फैलने के बाद आपकी 'सॉरी' का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
इन चूतियों का दाना पानी बैंड करो। इनका एकाउंट चेक करो फंडिंग कहाँ से आरही है। उसके बाद जेल में बंद करके तुड़ाई करो। सब सुधर जाएंगे। आज़ादी का मतलब भूल गए है ये लोग। इनको असली आज़ादी दिखानी पड़ेगी।
kapil mishra
Good decision 👍👌
*इंदौर जिले में कोविड 19 महामारी नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग का अजीबोगरीब आदेश हुआ जारी* संविदा और नियमित कर्मचारियों के बीच भेदभाव बहुत पहले से कर रही सरकार और अब कोरोना की ड्यूटी लगाने में भी नियमित को छोड़कर महज संविदा एएनएम की लगाई संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ म0प्र0
UAPA yh kiya hota he
अब संविधान खतरे बालो गैंग आने वाली है
Nice decision
मोदी सरकार डरती है जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है उसे दबाने के लिए बीजेपी ऐसी घटिया हरकत करती है
Gre8. Keep it up
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
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