Aishwarya Subramanian
यह पोस्ट वायरल हो गई और उनके पास इस तरह के अनुरोधों की बाढ़ सी आ गई. किसी ने उन्हें केयरमॉन्गर्स के बारे में बताया. यह उनके ही शहर की एक महिला की पहल थी. वह कहती हैं,"जब बेंगलुरु में सोशल डिस्टेंसिंग का प्रचार शुरू हुआ तो मेरे दो-तीन दोस्तों ने मुझसे कहा कि वे चाहते हैं कि मैं उनके पेरेंट्स का हालचाल ले आऊं और ज़रूरी चीज़ें उन तक पहुंचा आऊं."
हेल्पलाइन सेट करने के 20 घंटों के भीतर ही नागराज के पास कॉल्स की बाढ़ आ गई. सार्वजनिक तौर पर मदद की गुहार लगाना मुश्किल भरा होगा, ऐसे में उन्होंने हेल्पलाइन नंबर शुरू किया. पहले 24 घंटे में उनके पास 363 कॉल्स आईं. कई बार वॉलंटियर्स को चेकपॉइंट्स पर मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. लेकिन, वे धैर्य से काम लेते हैं. रोमियो अल्फा जयपुर में 100 बच्चों वाले एक अनाथालय में राशन पहुंचाने में सफल रहे.
पिछले शनिवार को विवेक वत्स ने सोशल मीडिया पर अपील की है कि जो लोग इस लॉकडाउन की वजह से अपनी रोज़ी-रोटी नहीं कमा पा रहे हैं, उनकी मदद करें. मयूर विहार में रहने वाले विवेक वत्स कहते हैं कि लोग सोशल मीडिया पर इसके बारे में बता सकते हैं. इससे लोगों में कुछ उम्मीद बंधेगी. क्योंकि लॉकडाउन के दौरान थोड़ी सी भी मदद मायने रखती है.विवेक वत्स बताते हैं कि उनकी कार किसी स्टोर रूम की तरह हो चुकी है इन दिनों. वो कहते हैं कि प्रधानमंत्री की ओर से जनता कर्फ्यू की घोषणा के बाद उन्हें लग गया था कि अब लॉकडाउन की घोषणा होने वाली है और इससे सबसे ज्यादा दिहाड़ी मज़दूर प्रभावित होंगे.
उनके घर काम करने वाली ने चिल्ला गांव के अपने पड़ोस में पांच ऐसे घरों की तलाश की जिन्हें मदद की ज़रूरत थी. गुरुग्राम की सेक्टर 5 की रहने वाली मोना के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि लॉकडाउन की वजह से ठप पड़ गए काम के बाद अब अपने नौ लोगों के परिवार का पेट वो कैसे भरेंगी. "मैंने अपने परिवार के लिए चावल-दाल बनाया है. हमारे देवर का परिवार भी हमारे यहाँ ही रह रहा है. कोरोना वायरस के डर से काम धंधा चौपट होने के बाद इस मदद से बहुत राहत मिली है."
अक्सर वॉलंटियर्स सीनियर सिटीजंस को घर का बना खाना भी मुहैया कराते हैं. इनकी टैगलाइन है - मुंबई के लिए कुछ भी करेगा. वह बताती हैं,"हम उन्हें एक रुटीन पर चलने के लिए कहते हैं. सवाल अस्तित्व के संकट से जुड़े हुए होते हैं. वे पूछते हैं कि क्या दुनिया का अंत होने वाला है. या क्या वे कभी अपने घर से बाहर निकल पाएंगे या नहीं."
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Jay hind
लॉक डाउन का पालन करे।स्वयं सुरक्षित रहें,परिवार,समाज और राष्ट्र को सुरक्षित रखें। लॉक डाउन के बाद जी तोड़ मेहनत करना है,स्वयं,परिवार और राष्ट्र के लिए...देश की गिरती अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए। घर_में_रहो_स्वस्थ_रहो
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