भारत कोरोना वायरस के फैलने से पहले से ही एक आर्थिक संकट की तरफ़ जा रहा था. आर्थिक मामलों के वरिष्ठ पत्रकार प्रिय रंजन दास कहते हैं,"कोरोना वायरस से पहले भी हमारी अर्थव्यवस्था नीचे जा रही थी. इसे नीतिगत स्तर पर पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे थे. इस महामारी के शुरू होने से पहले ही मांग में गिरावट आने लगी थी."
ब्रिटैन ने भी अपने जीडीपी का 10 प्रतिशत हिस्सा अपने पैकेज में दिया है लेकिन भारत सरकार का 1.7 लाख करोड़ रुपए का पैकेज इसके जीडीपी का केवल 0.8 प्रतिशत है यानी एक प्रतिशत से भी कम. उन्होंने बताया,"पहले मोदी सरकार ने 15000 करोड़ रुपए हेल्थकेयर को मज़बूत करने के लिए मंज़ूरी दी. इसके बाद सरकार की मदद उन लोगों तक पहुंची जिन्हें मदद की सबसे अधिक ज़रूरत थी यानी मज़दूरों और ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए सरकार ने ख़ज़ाना खोल दिया. अब एक बड़े पैकेज पर काम चल रहा है और सही समय पर इसका एलान होगा लेकिन ये पैकेज एक साथ घोषित हो ऐसा ज़रूरी नहीं."समझा ये जा रहा है कि ये पैकेज एक बार में ना आए.
विवेक कौल की राय थोड़ी अलग है. वो कहते हैं कि सरकार अपनी प्राथमिकता ज़रूर तय करे लेकिन अर्थव्यवस्था को दोबारा ज़िंदा करने के लिए आपदा के ख़त्म होने का इंतज़ार ना करे.वो आगे कहते हैं,"कोई भी सरकार कोरोना वायरस के ख़त्म होने का इंतज़ार नहीं कर सकती है. लड़ाइयां एक ही मोर्चे पर नहीं लड़ी जा सकतीं हैं. ठीक है आप स्वास्थ्य सिस्टम पर पहले काम शुरू करें जो काफ़ी कमज़ोर है लेकिन अर्थव्यवस्था पर भी अभी ध्यान दें.
प्रिय रंजन दास इस बात से सहमत हैं कि सरकार कुछ बड़ी घोषणा कर सकती है क्योंकि अब तक उठाए गए क़दम इस श्रेणी में नहीं हैं."ये आर्थिक पैकेज नहीं है. ये एक रिलीफ़ पैकेज है जैसे किसी आपदा के समय तुरंत रिलीफ़ दी जाती है. ये पैकेज भी करोना आपदा से संबंधित एक रिलीफ़ है जिसमें समाज के सबसे कमज़ोर तबक़े के लिए मदद का एलान किया गया है. ये पैकेज उनके लिए है जो कोरोना से मरने से पहले भूख से मरने के ख़तरे में हैं.
वो कहते हैं,"क्योंकि हमारी कुछ ताक़तें हैं. हमारी ताक़त डेमॉग्राफ़ी है. जवानों की अधिक आबादी है. हम दुनिया के सबसे जवान देशों में हैं. हमारी दूसरी ताक़त ये है कि भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू डिमांड के आधार पर चलती है, हमारी निर्भरता दुनिया के बाज़ारों पर ज़्यादा नहीं है."सरकार की सबसे बड़ी चुनौती होगी देश के अंदर मांग यानी डिमांड को बढ़ाना जो कोरोना वायरस से पहले से ही नीचे गिर रहा था. मांग या डिमांड बढ़ाने के लिए उपभोक्ताओं के पॉकेट में पैसे आने चाहिए.
Nhi
मोदी हैं तो सब कुछ मुमकिन है
देश को तभा कर दिया और कितना ताभा होगा
Kuch nhi bacha paegi haa buss Adani,ambani ko bacha paegi
Modi ji tabahi dena janty hai Lekin bachana nahi janty ?
अभी - अभी पता चला कि वेतन अभाव में बेहतर इलाज न करा पाने की वजह से लगभग 40 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। महामहिम राष्ट्रपति और मानवाधिकार आयोग संज्ञान ले 😥😥
अंग्रेजो से पूछो तुम लोग.. हमारे यहाँ तो सब भारतीय मिल कर सम्हल जाएंगे....
कोरोना से अधिक ख़तरनाक है भारतीय न्यूज चैनस्ल द्वारा खेला गया साम्प्रदायिकता कार्ड
भारत विरोधी एव भारत के विषय में नकारात्मक समाचर प्रस्तुत करना ये बी बी सी वाले जबसे हमें आजादी मिली है तबसे करते आ रहे है। हिंदी सेवा देने के लिए ८०% लोग पाकिस्थानी भरे है। जाहिर है जहर तो उगलते रहेंगे।
BBC is bat ki tension na le.o apna anti india Muhim chalu rakhe.
बचा सकती अगर आप लोगों की divide and rule की चाल कामयाब न हो।
Britain's coronavirus strategy has been a disaster PIERS MORGAN: We all wish Boris well but one man's health can't distract us from the fact Britain's coronavirus strategy has been a disaster - the death numbers are horrendous
हां भारत सरकार आर्थिक तबाही भारत सरकार बचाने में कामयाब होगी
बीबीसी वालोंतुम्हारे मन में हिंदुस्तान से नफरत भरी हुई है तुम हिंदुस्तान को नीचे गिरता हुआ देखना चाहते हो वह अब नहीं हो सकता अपने देश की फिक्र करो ब्रिटेन का क्या हाल है हम लोग तो एकजुट होकर फिर अपने देश को संभाल लेंगे मोदी जी का नेतृत्व जिंदाबाद निश्चित रूप से तुम से आगे रहेंगे
धन वापस कमाया जा सकता हे मगर जीवन नही ,पहला सुख निरोगी काया ,
Indian economy to phle hi tabah ho chuke hai. Jan se march tk country ko 30 lakh crore ka nuksaan already ho chaka tha. Ab ye corona to tabut me akhri keel thokne ka kaam karega economy me. 😡
भारत को क्या पाकिस्तान समझा है ?
India needs to look after chinnese impact on India very seriously
पहले कोन सा बचा लिया था। जो अब आशा.......
भक्त तो एक भविष्यवाणी पर ही कूद रहें हैं जिसके अनुसार भारत विश्व का सिरमोर बनेगा
Financial slide down had been there since last few years because of unproductive financial priorities
मोदी जी अपने पार्टी फंड को देश हित में देश को दान करें
Headline us wrong..... It should be ' Aarthik Tabahi Se Nikaal Payefi'.....
Impossible
MC ye mat dikhaanaa nahi to tumhari khaalaa ka halaalaa ho jayega Anis Farooqui Another brutal incident against Minorities in Pakistan, 3 Hindu kids, a infant & a woman severly burnt alive by fundamentalists in Sindh Pakistan. Will minorities ever be safe in Pakistan?
कोरोना के पहले से ही हालत खराब है, ये तो एक बहाना होगा
कोरोना वाइरस से पहले ही नहीं बचा पायी आर्थिक तबाही से, अब तो सारा संसार तबाही के चपेट में है। अभी तो मंदी, बेहाल आर्थिक स्थिति और जितने भी समस्याएँ हैं सारा का सारा श्रेय “कोरोना मैडम” के मत्थे मढ़ दिया जाएगा।
Bahut Money hai sarkar ke paas , million dollars ka to Namste Trump hi kar diya, advertising me Abhi bhi bahut 💰 khrch ki ja rahi hai, koi kmi nhi h, ha wo baat alag hai ki gareeb majdoor ke liye h na mahine ke 500 or wo bhi agar mil jaye to 😢 aesi h hamari mahan sarkar 🇮🇳🙏😢
पहले तुम बीबीसी वाले अपने देश को बचा लो और भारत कि चिंता करना छोड़ दो क्यूंकि तुम सिर्फ भारत को तोडना जानते हो वो चाहे भौगोलिक रूप से या जातिवाद फैलाकर. फुट डालो और राज करो वाली नीति से तुमने दुनिया के बहुत से देशों को बर्बाद किया है.. सुधर जाओ पिल्लों
No.. Modi Ne Corona se pehle Hi Bharat Ko arthik Rup Se Barbaad karna suru kar diya tha Corona to Ab aaya hai ...
इसी अहंकार में ब्रिटेन में कब्र खोदा जा रहा है ?
पहले लोगो का जान बचाले ।। आर्थिक तबाही तो पहले से है
O wise man! Give your wealth only to the worthy and never to others. The water of the sea received by the clouds is always sweet. Chanakya
Bahut Money hai sarkar ke paas , million dollars ka to Namste Trump hi kar diya, advertising me Abhi bhi bahut 💰 khrch ki ja rahi hai, koi kmi nhi h, ha wo baat alag hai ki gareeb majdoor ke liye h na mahine ke 500 or wo bhi agar mil jaye to 😢 aesi h hamari mahan sarkar 🇮🇳🙏😢
इधर भारत बर्बाद होता रहेगा उधर गोदी जी का मंत्री मंडल और गोद मीडिया मिलकर हिंदु मुस्लिम के बड़े बड़े मुद्दे ढूंढ कर लाएंगे और जनता को उसमें उलझा कर रखेंगे।
सम्हलने में अभी ५ साल लगेंगे, चुनाव तक।
Bahot mushkil he aane vala bhavishya bahot kathor ho sakne ki sambhavana he, sirf india nahi puri duniya ka life style change ho jaega, 90 or 80 ke dasak ka dor fir chalu ho jaega
Again you are so intrested in India......btw what about UK now
नहीं UN की रिपोर्ट 40 करोड़ गरीब लोग होंगे प्राबित
Media wale bacha lenge
बारामूला मे आतंकी की अंतिम यात्रा देश कीसेना जान की बाज़ी लगा कर इन आतंकी से लड़े और ये उनका शव चूम के आँखों से लगाए कितना शर्म नाक है|जो इस जनाजे मे है वो सब आतंकी क्यु नहीं घोषित होते है इनमे खौफ क्यु नहीं है कब तक ऐसे ही चलेगा| कुछ गद्दर आ कर बोलेगे आतंक का कोई धर्म नही होता
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