कैलाश विजयवर्गीय सन 2000 में जब इंदौर के मेयर बने उस समय किसी ने उन्हें बताया था कि इंदौर पर पितृ दोष है
और कहा- इसी वजह से इंदौर की उन्नति रुकी हुई है, निवारण के लिए पितृ पर्वत पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करनी होगी उसी समय कैलाश विजयवर्गीय ने संकल्प लिया कि जब तक यहां विश्व की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा नहीं स्थापित कराएंगे, अन्न नहीं खाएंगेअपने तीखे बयानों और तेवर के लिए मशहूर बीजपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हाल ही में 20 वर्षों बाद अन्न ग्रहण किया है। मतलब पिछले 20 वर्षों से अन्न उनके भोजन का हिस्सा नहीं था। लेकिन बताया जाता है कि उन्होंने ऐसा विकट संकल्प इंदौर के विकास के लिए ही लिया...
असल में, कैलाश विजयवर्गीय सन 2000 में जब इंदौर के मेयर निर्वाचित हुए उस समय उन्हें किसी महात्मा ने बताया था कि शहर पितृ दोष से ग्रस्त है, और इसी वजह से इंदौर का विकास रुका हुआ है। इसके उपाय के तौर पर यह बताया गया कि अगर इंदौर के पितृ पर्वत पर भगवान श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की जाए तो यह दोष दूर हो सकता है।इंदौर की उन्नति के लिए संकल्प लिया
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने जन्मस्थान इंदौर की उन्नति के लिए संकल्प लिया कि वह जब तक पितृ पर्वत पर विश्व की सबसे ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित नहीं कराएंगे तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। अब 20 साल बाद जाकर उनका यह संकल्प पूरा हुआ है। इंदौर के पितृ पर्वत पर 72 फीट ऊंची, 108 टन वजन की अष्टधातु की हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा के साथ महामंडलेश्वर जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी जी...
अजीब अंधविश्वास पे जी रहे है ये लोग क्या शासन चलाएंगे😂😂😂😂😂😂😂😂😂
क्यों 20 साल तक गोबर खा रहा था क्या
20 साल तक क्या खा रहे थे?
जैसा अन्न वैसा मन । यह जहर कैसे उगलता था? इच्छाधारी कोबरा? KailashOnline
ho gyi unnati..🤨
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