कृषि कानून: सुप्रीम कोर्ट की प्रदर्शनकारियों को दोटूक, 'दूसरों के जीवन में बाधा न डालें'

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सुप्रीम कोर्ट की प्रदर्शनकारियों को दो टूक, 'दूसरों के जीवन में बाधा न डालें'

खास बातेंनई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा

कि दूसरों के जीवन में बाधा न डालें. SC ने साफ कहा है कि यदि प्रदर्शनकारी नीति को स्वीकार नहीं करते तो दूसरों को नुकसान नहीं होना चाहिए. एक गांव बना लें लेकिन दूसरे लोगों के लिए बाधा न बनें. लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों को बाधित नहीं कर सकते. वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने कहा कि इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर कर रहा है और दो सप्ताह का समय चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को और समय दिया. मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी.

सुनवाई में सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि वह दिल्ली सरकार की ओर से पेश हो रहे है, जिस पर जस्टिस कौल ने जवाब दिया कि दिल्ली सरकार ने कहा था कि एसजी हरियाणा और यूपी सरकारों के लिए पेश हो रहे हैं.न्यायमूर्ति कौल ने आगे कहा कि हम इस बात से चिंतित नहीं हैं कि आप इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं, चाहे राजनीतिक रूप से, प्रशासनिक रूप से या न्यायिक रूप से. लेकिन हमने पहले भी यह कहा है कि सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए.

याचिकाकर्ता मोनिका अग्रवाल ने व्यक्तिगत रूप से पेश होहे हुए अदालत को बताया कि वह नोएडा में रहती हैं और उन्हें अपनी मार्केटिंग की नौकरी के सिलसिले में दिल्ली आना-जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सड़कों को साफ रखने के लिए न्यायालय द्वारा कई दिशा-निर्देश दिए जाने के बावजूद ऐसा नहीं हुआ है. इसके अलावा, विभिन्न बीमारियों से जूझने के चलते और सिंगल मदर होने के नाते उनके लिए नोएडा से दिल्ली आना जाना किसी बुरे सपने की तरह बन गया है.

Farm LawsSupreme CourtKisan Aandolanटिप्पणियां पढ़ें देश-विदेश की ख़बरें अब हिन्दी में | चुनाव 2021 के लाइव अपडेट के लिए हमें फॉलो करें और जानें इलेक्शन रिज़ल्ट्स सबसे पहले |

 

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Ye sau, do sau bichauliye kasano ke swayambhu rahnuma bane hue hain

Ab apni asliyat me gaya tota raja ne gardan pakdi tote ki or kha bolo uth jao nhi to teri gardan tod dunga

Ye supreme court nahin supreme kotha hai jaha hon. Judges nange ho kr . R. S. S / .. ... B. J . P ke ishare per nach rahein hain

SupremeCourtIND stop to give your political advices We know all things if you realy serious about the issue RepealLawsToEndProtest

So sad

Jis judge ne kaha he uske liye zarur koi wada kar liye hoga dadi wale baba ne

Corona ki aad me manavo ke organ vepar chal raha he aap media vale jakh marte he kya aaj oill ke dam ashman chadh gay aap kya jakh marte he garib ki soono rajniti ko chhodo

Lockdown isko khatam karne ka hi khel Shaheen Bagh ki tarha afsossssssss

यही दोटूक अगर राजनीतिक पार्टियों की रैलियों पर होता तो अच्छा लगता खास कर प्रधानसेवक जी और गृहमंत्री जी की बिना मास्क वाली और बिना सोशल डिस्टेंसिंग वाली रैलियों पर होती तो ज्यादा अच्छा लगता।

ऐसी दो तीन टूक पीएम साहेब और ग्रहमंत्री को भी दे दो जो चुनाव आयोग के सर पे बैठ के नाच रहे है और बहुतों के जीवन में सिर्फ बाधा ही नहीं डाल रहे बल्कि खिलवाड भी कर रहे हैं।

जय हो हार्ले-डेविडसन की, जय हो राज्यसभा की।

Supreme court value is now Only work for gov Not for country

सुप्रीम कोर्ट ने कही बात प्रधानमंत्री को कहना चाहीए और कृषि कानून रद्द करना चाहिए।

Sarkar badha daal skti hai or? Waah re mere court!

Dear SC, these are farmers, they serve food to the nation. They help people and it's 4 months now. Kya aapka Zamir bhi bik chuka hai. Why can't you ask this obstinate PM and HM to listen to them and repeal the laws.

ये तो चलिए ठीक कहा आपने, लेकिन चुनाव की रैली में भीड़ पर भी तो कुछ बोलना चाहिए था...

इतनी बड़ी आपदा में चुनाव जीतने के लिए चुनावी रैली हो सकती है पर हक की लड़ाई, जीवन की लड़ाई, पढ़ाई, और पेट भरने के लिए कमाई नहीं हो सकता। चुनावी रैली पर दो टूक नहीं मजाक चल रहा है..............

ये सुप्रीम कोर्ट नहीं ये कोई और बोल रहा है 🤔🤔🤔

Maro kmino ko.. Ghar bhejo hatho hath.. Ticket K sath sath rajnity kr rahe haramjado ko pitna chahiy corona felane k liye..

They're not there for picnic They're hustling too for their rights

सुप्रीम कोर्ट को चुनावी रेलिया नहीं दिख रही है, यह क्या जीवन वर्धक गोलिया बाट रहे हैं रेलियो में, चुनाव आयोग की तरहा सुप्रीम कोर्ट भी जी हज़ुरी मे लगा है

PRIME TIME will get one day episode story information from this news. Thanks Supreme Court for giving at least one day job in this pandemic situation. sanket PrannoyRoyNDTV

And what about the obstruction, this Modi government is creating in lives of farming community, why not repeal the unjust farm laws. Judiciary is the fourth pillar of democracy and it should be seen standing with general public and not the fascist government

सुप्रीम कोर्ट को एक बार चुनावी रैलियों के बारे में भी कुछ बोलना चाहिए अगर इच्छा हो तो

Would it be considered “dusro ke jeevan mai badha” if farmers stop producing anything for the country moving forward?

Supreme court ko sarkar se kehna nhi bnta k kisano ka prob solve kre.

Sc se waise bhi kuch umeed nahi karti ab desh ki janta..woh toh dalaal ho chuki hain modi ki...! Modi kisi bhi haalat main kisaan andolan khatam karvana chahata hain..kyoki iss andolan se modi ke maaibaap Adani ambani ke dhande pe ban aayi hain..

अच्छा जो चुनावी रैलियां कर रहे हैं वो जीवन में बाधा नहीं डाल रहे क्या

रैलियां विदेशों में हो रही है क्या? किसी को दिखता क्यों नहीं है?

जब सरकार ने संविधान को ताक पर रखकर किसान विरोधी कानून बनाए थे तब सुप्रीम कोर्ट को गहरी नींद क्यों आ गई थी।

Ask gvt to give them what they deserve don't force them live in poverty. They provide us food atleast give them a decent price so that they can lead a happy life can feed their own children, educate them.

Supreme kotta jyada gyan mat doh

देश की गरीब जनता किसान के साथ खड़ी है .... मुठीभर अमीर और नेता देश को बान में लेने केलीए कृषि बिल लाये है .....

Supreme court is no more supreme. Even supreme court cannot ask MODI AND MAMTA to stop rallies. Bas public ke liye rules banao.

Something rotten in supreme court of India।

तो सुप्रीम कोर्ट रैली पर क्यों नही बोलता सुप्रीम कोर्ट भी बिका हुआ है

Kya yahi supreme court Modi Government ko bol sakta hai... Kisaano ke jivan mein baadha nahi daale..? Yadi nahi toh supreme court ko kissano ko bhi nahi bolna chaheye...!!

Neta sa bhi koch kah dey sir ji

ये देश के सुप्रीम कोर्ट हैं 2 लोगो के लिए ही बस काम कर रहा है

जी हाँ। सुप्रीम कोर्ट के जजों की तरह बेगैरत बनकर सरकारी राज्य सभा सीट के लिए देश बेच कर आराम से जिये

वाह रे सुप्रीम कोठा सरकार के साथ रेटयर्मेंट बाद भी रहना है तो कुछ तो करना ही होगा सरकार से कोई सवाल जवाब रैली कुछ नही पूछना

तो क्या 100 करोड़ लोग फांसी लगा लें मी लार्ड!🙏 जिससे हम दो हमारे दो की ज़िंदगी में बहार बनी रहे! जिसका जीवन और भविष्य काले कानून से बाधित हो गया यदि सुप्रीम कोर्ट उन्हें न्याय दिलवा देता तो रोड पर बैठकर अपनी ज़िन्दगी क्यों खराब करते

SC bill par ban karde agr itni fikr he to.. farmers apne aap ghr wapas ho jayenge.

लोगों का जीवन लेने का हक सिर्फ मोदी सरकार को है। लोगों के जीवन की चिंता होती आप सबको तो तीनों कानून वापस हो चुके होते,चुनाव रद्द हो गये होते,एक साल में स्वास्थ्य विभाग की कमियों को दूर कर लिया गया होता।

बहुत हुआ। इन हरामजादो को अब हटाओ। । जो नही मानता उसे जेल मे बनद करो।

Apna supreme kotha bhi antaratma kho chuka hai.

सुप्रीम कोठे को कौन समझाए की जो सबको निवाला देता है,वो दूसरों के जीवन में बाधा कैसे डाल सकता है। नशा किया है,या गोभी ने कहा है।

यह दो कौड़ी के नेता लोगो के जीवन मे बाधा डालते है उसपे तो कोर्ट और चुनाव आयोग चुप रहता है

Election par saph sungh jata hai supreme court ko

Election rallies ke liye to abhi tak kuch nahi kahan kyoki Bjp wale to inke baap lgte h. or farmers jo poore covid protocol ko follow krte huye bethe h apni jhonpdiyo me unko gyan de rahe h.

किसान ही देश की आत्मा है और यह आत्मा दुखी है। माननीय कोर्ट को इसे और दुखी नही करना चाहिए।

Hamare Pradhanmantri gruhmantri swasthya mantri logon ke Jeevan se khilwad kar rahe hain kya supreme court usko sangyan mein lega

Yah kaisa supreme court ka jaj hai. Kisan kinare chupchap baithe hue hain.. Dusre ki Kaunse jindagi hai jis par badha pad rahi hai.. Kya sattadhari BJP hai. Jay Jawan Jay Kisan.

ये शब्द बताते हैं कौन किसके लिए बाधा बनने की कोशिश कर रहा है।

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

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