कोई ठोस बात बनती नहीं दिखी। अब अगली बातचीत 19 जनवरी को होगी। खेती-किसानी के त्योहार लोहड़ी के मौके पर आंदोलनकारी किसानों ने तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने किसान आंदोलन को लेकर एक तरफ सरकार के तीनों कृषि कानूनों को फिलहाल अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है और पूरी स्थिति के अध्ययन और विश्लेषण के लिए चार सदस्यीय एक समिति का गठन दिया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बातचीत के दौरान मंत्रियों की यह भी जिम्मेदारी है कि वे किसानों को कानूनों के बारे में विस्तार से बताएं और उनके लाभ समझाकर किसानों को कानूनों का विरोध छोड़ने के लिए तैयार करें। कुछ इसी तरह का निर्देश गृह मंत्री अमित शाह ने भी दोनों मंत्रियों को दिया है कि वो किसानों से बातचीत जारी रखें, लेकिन उन्हें कृषि कानूनों के फायदे समझाने की कोशिश भी करते रहें। इससे यह साफ संकेत है कि केंद्र सरकार किसानों के आग्रह को मान कर कानूनों में कुछ सविधाजनक फेरबदल तो कर सकती है, लेकिन...
बल्कि बार-बार इस प्रचार ने एमएसपी के मुद्दे को देश के अन्य राज्यों के किसानों के बीच भी प्रचारित और प्रसारित कर दिया है। जिन राज्यों के किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं मिला या बहुत कम मिला उनके बीच यह मांग भी घर करने लगी है कि अगर एमएसपी से पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संपन्न हो सकते हैं, तो एमएसपी उन्हें भी मिलनी चाहिए। इससे भी दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में इजाफा हो रहा...
यह सारा असंतोष जनता और समाज में भीतर ही दबा रहा। तभी कोरोना काल में ही अध्यादेश के जरिए सरकार ने कृषि क्षेत्र में तीन कानूनों का रास्ता बनाया और जल्दी ही उन्हें संसद के दोनों सदनों से पारित भी करा लिया। लेकिन इस बार सरकार का दांव उलटा पड़ गया। इन कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसान उठ खड़े हुए। उन्होंने रेल की पटरियों पर धरना देना शुरू कर दिया और दो महीनों तक रेलें रोकने के बाद वह दिल्ली की ओर चल दिए। तब तक यह आंदोलन फैलने लगा था और हरियाणा के किसान भी उनके साथ जुड गए। दबाव इतना बढ़ा कि केंद्र...
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बातचीत के दौरान मंत्रियों की यह भी जिम्मेदारी है कि वे किसानों को कानूनों के बारे में विस्तार से बताएं और उनके लाभ समझाकर किसानों को कानूनों का विरोध छोड़ने के लिए तैयार करें। कुछ इसी तरह का निर्देश गृह मंत्री अमित शाह ने भी दोनों मंत्रियों को दिया है कि वो किसानों से बातचीत जारी रखें, लेकिन उन्हें कृषि कानूनों के फायदे समझाने की कोशिश भी करते रहें। इससे यह साफ संकेत है कि केंद्र सरकार किसानों के आग्रह को मान कर कानूनों में कुछ सविधाजनक फेरबदल तो कर सकती है, लेकिन...
VinodAgnihotri7 EVM's has made the state too powerful.Ordinary citizens have lost the bargaining power.Its the congress which has cheated the people.
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