वैज्ञानिकों ने एड्स महामारी की उत्पत्ति का पता लगा लिया गया है और कहा जा रहा है कि इसकी उत्पत्ति किन्शासा शहर में हुई, जो कि अब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कॉन्गो की राजधानी है.साइंस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है वैज्ञानिकों ने वायरस के जैनेटिक कोड के नमूनों का विश्लेषण किया. प्रमाणों में इसकी उत्पत्ति किन्शासा में होने का पता चला.रिपोर्ट के मुताबिक तेज़ी से बढ़ती वेश्यावृत्ति, आबादी और दवाखानों में संक्रमित सुइयों का उपयोग संभवत इस वायरस के फैलने का कारण बने.
ऑक्सफ़ोर्ड और बेल्जियम की ल्यूवेन यूनिवर्सिटी की शोध टीमों ने एचआईवी की 'फेमिली ट्री' की पुनर्संरचना बनाने का प्रयास किया. वायरस कई तरीके से फैला. इन वायरस ने चिंपैंज़ी, गोरिल्ला, बंदर और फिर मनुष्यों को अपने प्रभाव में लिया.एचआईवी-1 सबग्रुप एम दुनिया के हर हिस्से में फैला में लाखों लोगों को अपनी गिरफ़्त में लिया.1920 के दशक तक किन्शासा बेल्जियन कॉन्गो का हिस्सा था और 1966 तक इसे लियोपोल्डविले कहा जाता था.ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर ओलिवर पाइबस ने बीबीसी को बताया, "यह क्षेत्र बहुत बड़ा था और इसका तेज़ी से विस्तार हो रहा था.
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