नई दिल्ली: केंद्र सरकार के दूसरे प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सहमति बन गई है, जिसके बाद माना जा रहा है कि पिछले 15 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को वापस लिया जा सकता है. केंद्र की ओर से किसानों को भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा आज दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को ख़त्म करने की घोषणा कर सकता है. सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में हुई एफआईआर को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात मान ली है.
साथ ही मुआवजे पर भी हरियाणा और यूपी तैयार हैं, लेकिन किसानों की मांग है कि पंजाब की तर्ज पर मुआवजा मिले. केंद्र सरकार दिल्ली में हुए मुक़दमों को भी वापस लेने को तैयार है. केंद्र सरकार ने किसानों का आंदोलन खत्म कराने के लिए आज उनके पास एक नया प्रस्ताव भेजा था. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्यीय पैनल को भेजे नए प्रस्ताव में किसानों के खिलाफ दर्ज सभी केस तुरंत निलंबित करने का आश्वासन दिया था. इससे पहले बुधवार को भी सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया था. उस पर चर्चा करने और आगे की रणनीति तय करने के लिए दिल्ली में किसान संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने आज आपात बैठक की.
तीनों कृषि क़ानून ख़त्म करने के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार को भी किसानों को नया प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कहा गया है कि अगर किसान आंदोलन वापस ल लें तो उनके ख़िलाफ़ चले केस भी ख़त्म हो जाएंगे. इसी के बाद आज आंदोलन जारी रखने या ख़त्म करने पर चर्चा के लिए किसान नेताओं की आपात बैठक बुलाई गई थी. कल आपात बैठक के पैनल में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले, शिवकुमार कक्का शामिल थे.
Kishan akta zindabad
Bahut bura hua Godi media ka ek mudda khatam ho gaya Ab kisko kahenge khalistani , gunde
Justice4LakhimpurFarmers
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