किसान आंदोलन का 9वां दिन LIVE: किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, पिटीशनर ने कहा- कोरोना का खतरा बढ़ सकता है

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किसान आंदोलन का 9वां दिन LIVE: कनाडा के PM के बयान से विदेश मंत्रालय नाराज, कहा- दखल नहीं दें, रिश्ते बिगड़ सकते हैं kisanandolan farmerprotest

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज 9वां दिन है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई गई है। पिटीशनर ने कहा है कि किसानों को दिल्ली की सीमाओं से तुरंत हटाने के निर्देश दिए जाएं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों की वजह से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। पिटीशनर ने वकील ओम प्रकाश परिहार ने यह जानकारी दी। हालांकि, इस अर्जी पर सुनवाई का दिन तय नहीं हुआ है।

उधर, किसान शनिवार को सरकार के साथ होने वाली बैठक के लिए आज रणनीति तैयार कर रहे हैं। किसान भाइयों को आज दीदी यानी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी साथ मिल गया है। ममता बनर्जी ने कई किसान नेताओं से फोन पर बात की है और उनसे कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आपके आंदोलन में तृणमूल पूरी तरह साथ है।किसानों के सपोर्ट में अवॉर्ड वापसी का सिलसिला दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। लेखक डॉ. मोहनजीत, चिंतक डॉ.

ट्रूडो ने गुरुनानक जयंती के दिन भारत के प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करते हुए कहा था कि हालात चिंताजनक हैं। वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं।किसानों और केंद्र के बीच एक दिन पहले यानी गुरुवार को हुई बातचीत में साफ हो गया था कि आंदोलन अभी थमेगा नहीं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के लीडर दर्शनपाल ने आज कहा कि केंद्र कानूनों में कुछ सुधार पर राजी है, पर हम नहीं। हमने उन्हें बता दिया है कि पूरे कानून में ही खामी है। हम कल होने वाली मीटिंग से पहले आज आपस में बातचीत करेंगे और अपनी...

केंद्र और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत करीब 7 घंटे चली। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज को छुआ नहीं जाएगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है। उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता । किसानों ने कहा- मसला इकलौते MSP का नहीं, बल्कि कानून पूरी तरह वापस लेने का है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केवल एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए। केंद्र और किसानों के बीच अब पांचवें दौर की बातचीत 5 दिसंबर को होगी।किसानों की चिंताएंMSP चल रही थी, चल रही है और आने वाले वक्त में भी चलती रहेगी।प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन हम APMC को भी मजबूत बनाएंगे।- ट्रेडर के रजिस्ट्रेशन को जरूरी करेंगे।APMC मंडियों और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक जैसा बनाने पर विचार...

 

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