किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी, कहा- मांगें पूरी होने तक होता रहेगा विरोध FarmersProtest FarmBills DelhiChalo ModiGovt किसान प्रदर्शन दिल्लीचलो मोदीसरकार कृषिकानून
किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को किसानों की संख्या बढ़ने पर दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा मज़बूत कर दी है. किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी को जाने वाले पांच मार्गों को जाम करने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि वे सशर्त बातचीत का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे. इधर, राजग की घटक आरएलपी ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग की है.
– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को बीते 27 सितंबर को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी, जिसके विरोध में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसानों को इस बात का भय है कि सरकार इन अध्यादेशों के जरियेन्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) दिलाने की स्थापित व्यवस्था को खत्म कर रही है और यदि इसे लागू किया जाता है तो किसानों को व्यापारियों के रहम पर जीना पड़ेगा.दूसरी ओर केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार ने बार-बार इससे इनकार किया है. सरकार इन अध्यादेशों को ‘ऐतिहासिक कृषि सुधार’ का नाम दे रही है. उसका कहना है कि वे कृषि उपजों की बिक्री के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था बना रहे हैं.
राजग की घटक आरएलपी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कीजयपुर:केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने केंद्र सरकार से हाल में लागू कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.पार्टी ने कहा है कि अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो वह राजग का सहयोगी दल बने रहने पर पुनर्विचार करेगी. headtopics.com
आरएलपी के संयोजक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित कर ट्वीट किया.इसमें उन्होंने लिखा है, ‘अमित शाह जी, देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से संबंधित लाए गए तीन विधेयकों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए!’
बेनीवाल ने आगे लिखा, ‘चूंकि आरएलपी, राजग का घटक दल है परन्तु आरएलपी की ताकत किसान व जवान हैं, इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित में राजग का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा.’उल्लेखनीय है कि आएलपी व भाजपा ने गत लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था, जिसके तहत भाजपा ने राज्य में 25 में से एक सीट आरएलपी को दी. इस नागौर सीट से बेनीवाल सांसद चुने गए. विधानसभा में आरएलपी के तीन विधायक हैं.
किसानों के साथ खड़ें हों कांग्रेस कार्यकर्ता और आम जनता: राहुलकांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के पक्ष में खड़े होने की अपील करते हुए सोमवार को कहा कि यह ‘सत्य एवं असत्य की लड़ाई’ है जिसमें सभी को अन्नदाताओं के साथ होना चाहिए.
नई दिल्ली सिंघू बॉर्डर पर नारेबाजी करते प्रदर्शनकारी किसान. (फोटो: पीटीआई)उन्होंने सवाल किया कि अगर ये कानून किसानों के हित में हैं तो फिर किसान सड़कों पर क्यों हैं?कांग्रेस के ‘स्पीक अप फॉर फार्मर्स’ नामक सोशल मीडिया अभियान के तहत एक वीडियो जारी राहुल गांधी ने कहा, ‘देश का किसान काले कृषि क़ानूनों के खिलाफ ठंड में अपना घर-खेत छोड़कर दिल्ली तक आ पहुंचा है. सत्य और असत्य की लड़ाई में आप किसके साथ खड़े हैं- अन्नदाता किसान या प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्र?’ headtopics.com
उन्होंने कहा, ‘देशभक्ति देश की शक्ति की रक्षा होती है. देश की शक्ति किसान है. सवाल यह है कि आज किसान सड़कों पर क्यों है? वह सैकड़ों किलोमीटर चलकर दिल्ली की तरफ क्यों आ रहा है? नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि तीन कानून किसान के हित में है. अगर ये कानून किसान के हित में है तो किसान इनका गुस्सा क्यों है, वह खुश क्यों नहीं है?’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘ये कानून मोदी जी के दो-तीन मित्रों के लिए है, किसान से चोरी करने के कानून हैं.’राहुल गांधी ने कहा, ‘हमें किसान की शक्ति के साथ खड़ा होना पड़ेगा. ये किसान जहां भी हैं उनके साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता को खड़ा होना चाहिए. इनको भोजन देना चाहिए. इनकी मदद करनी चाहिए.’
शीतलहर में किसानों पर पानी की बौछारें करना क्रूरता: शिवसेनामुंबई:शिवसेना ने सोमवार को आंदोलनरत किसानों से निपटने के भाजपा नीत सरकार के तौर-तरीकों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि शीतलहर के बीच उन पर पानी की बौछारें करना क्रूरता है.शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, ‘दिल्ली की सीमाओं पर हमारे किसानों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है और उन पर हमला किया जा रहा है जबकि आतंकवादी हमारे जवानों को कश्मीर में सीमाओं पर मार रहे हैं.’
शिवसेना ने किसान आंदोलन के खालिस्तान से जुड़े होने का दावा करने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की निंदा की.उसने कहा, ‘भाजपा अराजकता पैदा करना चाहती है. खालिस्तान एक बंद हो चुका अध्याय है, जिसके लिए इंदिरा गांधी और जनरल अरुण कुमार वैद्य ने अपने प्राण न्यौछावर किए.’ headtopics.com
उसने कहा, ‘सरकार राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है, लेकिन देश के दुश्मनों से निपटने के लिए उसकी यह दृढ़ता क्यों नहीं दिखती.’गुजरात में ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा निर्मित’ सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा का जिक्र करते हुए ‘सामना’ ने अपने सम्पादकीय में कहा कि पटेल किसानों के नेता थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया था.’
उसने कहा, ‘किसानों के साथ हो रहे बर्ताव को देख उनकी प्रतिमा की आंखे जरूर नम हो गई होंगी.’शिवसेना ने कहा कि केंद्र प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ एक हथियार के रूप में कर रही है.
उसने कहा, ‘एजेंसी को अपनी वीरता दिखाने का मौका भी मिलना चाहिए.’उसने ईडी और सीबीआई के कर्मचारियों को अपने दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई में सेना की मदद के लिए लद्दाख और कश्मीर में तैनात किए जाने का सुझाव भी दिया.(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ) और पढो: द वायर हिंदी »
Arunachal में China का गांव, Rahul Gandhi का दांव, BRO का मिशन क्लीन! देखें खबरदार
कभी सोचा है आपने सुपरहीरो कौन होते हैं? वो किसी दूसरी दुनिया से नहीं आते. वो हमारे बीच से ही आते हैं. अपने कर्मों से बड़े बड़े करिश्मे करते हैं. एक महीने पहले जो टीम पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी. आज चौथे टेस्ट में उसी टीम ने सबसे बड़े स्कोर का पीछा करते हुए एक ऐतिहासिक जीत अपने नाम कर ली. आज इस जीत की वजह से क्रिकेट की दुनिया में भारत का तिरंगा शान से लहरा रहा है. भारत में सूर्योदय रोज सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में होता है. आज विवादों का सूर्य भी वहीं से उगा. एक बार फिर भारत में चीन की घुसपैठ के दावे हो रहे हैं. कुपवाड़ा में बॉर्डर पर सीमा सड़क संगठन ने श्वेत क्रांति की है. ये चीन और पाकिस्तान का मौसम बिगाड़ने और दुश्मन के पैरों तले सड़क खिसकाने वाली रिपोर्ट है. देखें खबरदार, श्वेता सिंह के साथ.