मुख्य न्यायाधीश ने गतिरोध दूर करने के लिए एक कमेटी के गठन का भी प्रस्ताव दिया जिसमें सभी पक्षों के लोगों के अलावा कृषि विशेषज्ञ भी शामिल हों. हालांकि, इस सुनवाई के दौरान किसानों का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था.
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि यह सुप्रीम कोर्ट की एक कोशिश है और यदि इससे कोई हल निकल जाए तो अच्छा ही रहेगा.
हा भाइयो में भी आपके साथ हु क्योंकि पेट पेसो से नहीं अन्न से भरता है और वो देश को किसान देता है, और हमे किसानों को बताना होगा कि बिल में ऐसी कौनसी बाते है जिससे किसानों को लूटा जाएगा। जिस किसी के पास वो प्रावधान है जिससे किसान को नुकसान हो रहा है हमे बताये हम भी किसानों को बताए
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