किनारों पर आकर क्यों फंस जाती हैं व्हेल और डॉल्फिन? | DW | 09.10.2020

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बड़ी संख्या में एक साथ इन स्तनधारियों को फंसने की घटनाएं ज्यादातर पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट और चिली के पैटेगोनिया में होती हैं. whale dolphins Australia NewZealand Chile

पायलट व्हेल, स्पर्म व्हेल, बीक्ड व्हेल और गहरे समुद्र में रहने वाली डॉल्फिन उन जलीय स्तनधारियों में हैं जो बड़ी संख्या में किनारों पर फंस जाती हैं. दूसरी तरफ बालीन व्हेल के किनारों पर फंसने की घटनाएं दुर्लभ हैं. स्पर्म व्हेल को छोड़ बाकी सभी बड़ी व्हेलें इसी समूह में आती हैं. अगर ये स्तनधारी किनारों पर फंस जाएं तो भारी वजन के कारण इन्हें खुश्की, जरूरत से ज्यादा गर्मी, घुटन या फिर कई तरह का गंभीर आंतरिक नुकसान होता है.

हालांकि बालीन व्हेलों के उपरी जबड़े में दांत की जगह ऊपरी जबड़े में बलीन होती हैं जो पानी से छोटी मछलियों, क्रील और प्लवक को छानने के काम आती हैं. इन व्हेलों में पानी के भीतर का सोनार बहुत विकसित नहीं होता. कुछ कुछ सालों के अंतर पर जो सौर आंधियां चलती हैं उसकी वजह से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में भी बड़े बदलाव होते हैं. उस दौर में भूचुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल करने वाली व्हेलें अपने रास्ते से भटक जाती हैं और उत्तरी सागर के किनारों पर आकर फंस जाती हैं.दिशा तय करने में हुई गलतियों को व्हेलों के तटों पर फंसने की प्रमुख वजह माना जाता है, हालांकि इसके दूसरे कारणों के बारे में भी अभी पूरी तरह ऐसी पड़ताल नहीं हुई है कि उनका निष्कर्ष निकाला जा सके. इनमें से एक निश्चित रूप से व्हेलों का सामाजिक व्यवहार है.

 

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