मनमोहन सरकार ने सरकारी कामकाज की जानकारी मांगने का अधिकार आम जनता को देने के लिए साल 2005 में सूचना का अधिकार कानून बनाया गया था. यह कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में बेहद कारगर हथियार भी साबित हो रहा है.
. इसका खुलासा ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की रिपोर्ट में हुआ है.इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2005 से 2019 के बीच सिर्फ तीन करोड़ 2 लाख लोगों ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी. यह आंकड़ा देश की कुल आबादी का 2.25 फीसदी है. इसका मतलब यह हुआ कि हिंदुस्तान की 97.75 फीसदी जनता ने आरटीआई के तहत जानकारी हासिल करने के लिए आवेदन ही नहीं किया.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कई राज्यों के सूचना आयोग सही तरीके से काम ही नहीं कर रहे हैं. जहां एक ओर उत्तर प्रदेश ने 14 साल में एक भी रिपोर्ट पेश नहीं की है, तो दूसरी ओर बिहार सूचना आयोग की अब तक वेबसाइट ही नहीं बन पाई.पिछले 14 साल में आरटीआई के तहत आवेदन करने वाले कुछ लोगों को सरकारी विभाग और कार्यालयों ने जानकारी उपलब्ध कराने में आनाकानी भी की, जिसके चलते लोगों ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया.
सूचना आयोग ने सबसे ज्यादा जुर्माना आखिरी तीन साल में लगाया. इस दौरान उत्तराखंड राज्य सूचना आयोग ने 81 लाख 82 हजार रुपये और राजस्थान राज्य सूचना आयोग ने 49 लाख 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया.
Kaise magnate h koi information.... Process kya h?
एक गोटाले की बात कर रहा हूं।ग्रामपंचायत के ग्राम प्रधान का गोटाला यह इतना घोटाला किए है।अगर यह रिकवर किया जाय तो यह भारत के हर गांव का 30%विकास हो जाएगा इसका उपाय है हमारे पास रिकवर करने के लिए।यह पूरे भारत का बात है यह अकेले नहीं होगा इसमें सभी भारतीय का सहयोग चाहिए
ऐसा कई बार देखने को मिला है कि सूचना देर से व सही नहीं दी गई।
जरा आज तक RTI करके पता कर नोटबंदी की कितना काला धन आया
Iska koi Matlab hi nahi hai..jisko koi kaam nahi hai kewal ungli karna hai wahi iska use karta hai..
सुचना मांगने पर टाल मटोल किया जाता है,समय से सुचना नहीं दी जाती है, बार बार कौन अपील करेगा।
Dete kab hai Maango kuch aur milta kuch aur hai Apne hisab se lipa poti kar k data provide kiya jata hai
Railway se related jankari kese prapt kre batana
अधिकारी सही जानकारी नही देते है और ना ही जवाब देते है ,पोर्टफोलियो के हिसाब से नेताओ को शिकायत करने पे नेता भी नही सुनते है , नेता भी गलत ओर भृस्ट अधिमारियो का ही साथ देते है ये रहा सबूत 👆👆👆👆👆👆👆👆 2013/14 भृस्ट अधिकारियों पे नही हुई है आजतक कोई कार्यवाई
RTI me jawab nahi meelta jawab uplabd nahi hai bolte hai koi ek election ke EVM ki vvpt ki jankari nahi meelti agar meelegi to kal se hi RTI ka istemal hoga bohat sawal hai
कौन पंगा ले अधिकारियों से
इस कानून का उपयोग मुख्यतः लोगो को परेशान करने या दुशमनी निभाने के लिए किया गया , यदि गलत है तो RTI में RTI करके पूछ लें ।
इन्हीं लोगों ने सरकार की फाड़ के रख दी।
भारत की जनसंख्या 135 Cr. का 2.25% कम होता है क्या ? लगभग 3 करोड़ होता। RTI कोई करेले की सब्जी की Recepie पूछने के लिए थोड़े बनाया गया था।
अब हवा बनाने में लगे है कि ये कानून बेकार है जनता इसका उपयोग ही नही करती इसको खत्म करो...बिकाऊ सारे🙄
Inme se bhi 1.5 blackmailer hai.
देश में भष्ट्राचार मिटाने के लिए जनलोकपाल कानून लाओ! रिश्वतखोरी बंद हो!सरकारी कामो की समय सिमा निश्चित हो!अदालतों में केश निपटाने की समय सिमा तय हो जैसे विदेशो में हे!जनता को वीडियो रिकॉडिंग करने का अधिकार कानून लाओ! परिवहन कानून को पारदशी कानून बनाओ!
Jab jabab sahi wa samay se n milega to log ku Rti ka upyog kare
जो सूचना मांगते भी हैं उनको उत्तर में घुमा दिया जाता है
Iska upyog kam durpyog jyada ho raha ha
ये सच्चाई है कि अब तक बहुत लोगों को RTI की सही जानकारी नहीं है, यही वजह है कि इस कानून को वर्तमान सरकार ने कमजोर कर दिया और जनता इसका विरोध भी नहीं कर सकी.आमजन को इस कानून के फायदे से हमें उन्हें अवगत कराना चाहिए. AapkeSaathRSE
RTI mang kar marna he kya aj tak se anurodh he ki sirf panchayat astar par vikas ka RTI mangkar janch kiya jaye 90% jail me uday
मिलता कहा। मोदी जी तो अधिकारियो को और माथे पर बिठा लिया।
RTI. आम लोगों के लिए भ्रष्टाचार की पोल खोलने का मजबुत हथियार।
तो क्या चाहते हो कि इसको बंद कर दिया जाए जिसने भी किया है उसने उस व्यक्ति की बखिया उधेड़ दी उस डिपार्टमेंट की बखिया उधेड़ दी जिन लोगों ने भी किया है जितने परसेंट लोगों ने दिया है उतने ही इसके लिए काफी हैं मगर आज तक चैनल ऑन और बिकाऊ है
Hahahahaha aap bik jate ho to officer ke awaj kha se uthaoge
हमने किया है भ्रष्टाचार का मामला भी सामने आया है किंतु आज 8-10 दिन बीत जाने के बावजूद कारवाही कुछ भी नहीं हुआ है
ye 2.25 bhi to bardaast nhi hua agar sab log kr lete to jaan nikal jaati sarkar ki 14 saalo me
RTI janta hu par kaha, kaise estemal kiya jata hai pata nehi.....!
ये भी क्यों नहीं बताते की कितना सही,जल्दी और आसानी से मिल जाती है जानकारी? इस देश की वेबसाइट कितनी सिक्योर है ये भी बता दो।
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