बता दें कि भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान को शुरू हुए दो दिन हो चुके हैं। इस दौरान लाखों लोगों को टीका लगाया गया, लेकिन कुछ-कुछ जगहों पर कुछ लोगों में इसके साइड-इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। यह जानकारी रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 16 और 17 जनवरी को टीका लगाए जाने के बाद 447 एइएफआई यानी टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव डॉ. मनोहर अगनानी ने बताया कि अधिकांश मामलों में वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव मामूली स्तर का था। डॉ. मनोहर अगनानी ने बताया कि टीका लगाए जाने के बाद सिर्फ तीन मामले ऐसे देखने को मिले, जिसमें लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दरअसल, वैक्सीन दिए जाने के बाद अगर किसी को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है तो उसे गंभीर एइएफआई माना जाता है।
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है लेकिन इसी बीच अफवाहों का भी बाजार में गर्म हो रहा है। सोशल मीडिया पर हर रोज तमाम ऐसे पोस्ट शेयर हो रहे हैं जिनमें वैक्सीन लगवाने के बाद तबीयत खराब होने और मृत्यु होने का फर्जी दावा किया जा रहा है। अब अखबार की एक कतरन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना का टीका लगवाने के बाद कानुपर में 40 छात्रों की मौत हो गई है। अखबार बच्चों की फोटो भी छपी है।पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने इस फोटो को ट्वीट करते हुए...
A tweet referring to a news article is claiming that 40 students have been hospitalised after being administered with COVID19 vaccine
अमर उजाला एक रिपुटेड मीडिया हाउस है उसको मालूम होगा कि पहले चरण में वैक्सीन सिर्फ डॉक्टर्स ओर फ्रंट लाइन वर्कर्स को ही दिया जा रहा है फिर स्टूडेंट कहा से आ गए ? इस तरह की अफवाह न फैलाएं।
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