छह दिसंबर को पुलिस इन चारों लोगों को मौका-ए-वारदात पर 'तफ़्तीश के इरादे' से ले गई. इसी जगह पर उस लड़की को जला दिया गया था.
हैदराबाद की उस गैंग रेप की घटना और उसके बाद हुए एनकाउंटर, दोनों ही मामलों को लेकर देश भर में बहस और हंगामा हुआ.फिल्मों में जिस तरह से सड़क पर इंसाफ़ होते हुए दिखाया जाता है, उसके लिए बढ़ते समर्थन ने व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.तेलंगाना की सरकार ने हैदराबाद एनकाउंटर की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया और सुप्रीम कोर्ट ने भी जनवरी में ही तीन सदस्यों की एक ज्युडिशियल कमीशन का गठन किया था.
डीआर कार्तिकेयन ने बीबीसी हिंदी को बताया,"कमीशन को सारे दस्तावेज़ मुहैया करा दिए गए लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से हैदराबाद स्थित तेलंगाना हाई कोर्ट परिसर में अपना कामकाज नहीं शुरू किया जा सके."प्लेबैक आपके उपकरण पर नहीं हो पा रहाअभियुक्तों की गिरफ़्तारी और उनका मारा जाना, चाहे वो पुलिस लॉकअप में हो या फिर कथित मुठभेड़ों में, नई बात नहीं है.
जब जनता ये सब जानती है की ये अपराधी कोर्ट से पहले भी छूट चुका है सिस्टम का फ़ायदा उठा कर। इस लिए ताली बजा कर इनके ख़ात्मे पर ख़ुश होते हैं।
AAJKAL UP POLICE KI MAHINDRA TUV300 BAHUT PALAT RAHI PUBLIC AUR MEDIA DOOR RAHE 3 KM GODI MEDIA 2KM CHAMCHE1KM
हैदराबाद एनकाउंटर जब एक लड़की के साथ रेप और मर्डर मामले के दोषियों के एनकाउंटर हो चुका मगर सैकड़ों लड़कियों के साथ रेप और मर्डर मामले के दोषी गुरमीत सिंह राम रहीम और आसाराम इन लोगों का एनकाउंटर क्यों नहीं हुआ
टीवी बहस बन्द करो बन्द करो
मिडिया और नेताओं कि टोली एनकाउटर का ऐसे खुदाई कर रहे हैं जैसे वो बहुत नेक आदमी था 30 साल में65 FIR और जमानत और फिर अपराध कि नहीं कहानी तो क्या करता ? सिंघम -आता माझी सटक ली सिर्फ फिल्मों में ही नहीं रियल लाइफ सिंघम के लिये भी ताली बजाया करो
BBC आपका सोच इक तरफा है मुस्लिम व पाकिस्तान परस्त और आप अंधे,बहरे और गूंगे भी है मनमोहन सिंह की तरह आपको मालूम होना चाहिए सब बिकाऊ है आज सलमान पर दो मुकदमे चल रहे हैं बीस साल से न्याय नही मिला पैसा फेंकों और तमाशा देखो इसलिए जनता खुश हैं मिडिया भी बिकाऊ है खुशियां मनाओ जनता
8 police wale ka kiya jo mar gaye or sale gunde pe tal baja raha hai jai chand log
अपराधियों की मृत्यु पर Kya मातम मनाया Jay
यही इँसाफ है
*विकास दुबे प्रकरण* ने किसी की नींद उड़ायी हो या नहीं हो... परंतु... *महिंद्रा एंड महिंद्रा की रातों की नींद उड़ा दी है...* क्योंकि उसके एक्सपर्ट्स यह समझ नहीं पा रहे हैं कि... *7.25 ग्रांउड क्लीयरेंस की SUV, 50km की स्पीड पर पलट कैसे गयी...😝😜🤣*
अपराधी बलात्कारी आंतकवादी कैसे भी साफ होने चाहिए बस होने चाहिए।
Who is actually a villain? Now everyone is thinking.
Court ka Matlab kuchh hai hi nahi to Insaf to sadak par hoga na
बस अब एक बार सलमान खान और यू पी में आ जाए 😂
Chutio ko pta hi nhi ki police contract leke murders bhi krti ha
देखा तो सब के सर पे जुर्मों का बोझ था ख़ुश थे तमाम साथी मुझे मार कर ।। विकास_दुबे_फर्जी_एनकाउंटर
.... हाथ की 'फुंसी ' का इलाज करने की बजाए 'हाथ' को काटकर ... करारा इलाज करने वालों का समय है ये ....!!! ..... लेकिन सबसे ज्यादा खुश वो आम लोग हैं ... जिनके पैर में 'फोड़ा' 'पिछवाड़े में बवासीर' 'पेट में अल्सर' और 'सर में बड़ा सा ट्यूमर' है . ...!!!!🤔🤔🤔
विकास दुबे पर फ़िल्म तो मैं ही बनाऊंगा : अक्षय कुमार (वरिष्ठ आम चुसाओ कलाकार) कॅनडा वाले......😄
Hyderabad encounters me koi bada naam samne aaneWala nhi tha.but vikas Dubey encounter me bohot kuch tha or bohot kuch saamne same se bacha liya Gaya.
एक सवाल है समाज से दंगों में जो किसी का घर जलाते हैं किसी की जान लेते हैं वह भी तो अपराधी हैं फिर हिंदू हो या मुसलमान क्या उनका भी कभी इन काउंटर होगा या जिनके साथ जुल्म हुआ है उनके साथ कानून न्याय दिलाने के लिए खड़ा होगा जिस ने हत्या की है घर जलाया है वह तो अपराधी है कैसे बचते
कानपुर के गुन्डा बिकास तो मरा गया,,,,,,संसद मे बैठे बिकास,,,,,,
वकीलों का धंधा खतरे में आ सकता है हां जज साहब का भी जब अपराध को मिटाने के लिए अपराध का सहारा लिया जाएगा तो फिर न्याय तंत्र की जरूरत क्या है जिसकी लाठी उसकी भैंस किस अपराधी को बचाना है और किसे मारना है यह सरकारें तय करेंगे
'न्याय तेज़ हो और सख्त हो', की मांग करने की बजाय हम तालिबान वाले न्याय का समर्थन करने लगे हैं। इसमें सरकार व corrupt system का है क्योंकि अगर कानून तेज़ होगा तो उनकी दुकान बंद क्योंकि नेता जी, बाबू जी ...के लोग भी नहीं बचेंगे और ज़्यादातर उन्हें ही कुछ भी करने का लाइसेंस होता है।
ये जश्न दिखाता है कि लोग कानून, व्यवस्था और न्यायपालिका से इस हद तक निराश हैं कि उन्हें पूरा भरोसा है कि कानून कोई सज़ा नहीं देगा और अगर देगा भी तो बहुत थोड़ी-बहुत देर से। इससे सरकार को फायदा है क्योंकि वो बिना जवाबदेही की किसी को भी ठिकाने लगा सकती है जो भी रास्ते में आये।
😎
जैसे विकास के सीने पर 3 गोली आरपार! अर्थात कमरसे ऊपर जिन जिन नेमारी हुऐ हत्यारे! गोली आरपार निकली शरीरके तो ज्यादा ताकत की मारी जानवर कोभी ऐसी कहाँ मारसकते NHRCकहाँ है? जबशेर तक बेहोशकर पकड़ते तो नागरिक/अपराधी क्यों नहीं?
एनकाउन्टर असली हैं तो भी मारने को? वेतन भत्ता सुविधा शिक्षण-प्रशिक्षण क्या नहीं देते हम! स्वरक्षा अधिकार तोभी नागरिक जीवन नहीं ले! होता तो उक्त कैसे लेते जान! कोर्ट की उपादेयता? कल शासन लोकसभा की जरूरत?
न अपील, न वकील, न दलील, के तहत एक तरफा सड़कों पर किये जा रहे इंसाफ पर जो लोग जश्न मना रहे हैं, उन्हें तब समझ आएगा; जब, अपने की गलती पर उसके साथ ऐसा ही इंसाफ होगा और बाँकी के उनके साथी उसी तरह जश्न मनाएंगे। यह एकदम 'भष्मासुर' की शक्ति की तरह है, जो हम सरकारों को देते जा रहे हैं।
हैदराबाद में एक अबला नारी की इज्जत लुटने पर एनकाउन्टर था,जनता मै आक्रोश था, इसलिए जनता मे एनकाउन्टर पर जश्न हुवा, ये एनकाउन्टर राजनीति सफेद पोशो को बचाने के लिए था? इसलिए राजनीतिक अंधभक्त मै जश्न का माहौल है साहब
BBC ऐसे गुंडों का मरना ही ठीक है। आम जनता के टैक्स के पैसे इन जैसे गुंडों पर क्योँ खर्च किये जायें ये गुंडे समाज को अशांत करने का काम ही करते है।
Why don't you raise issues of judicial reforms or police reforms Share ur plan Create pressure on govt
लगता है किसी क्षत्रिय ने परशुराम बन कर ब्राह्मणों का पृथ्वी से अंत करने का बीड़ा उठाया लिया है ।
सोहराबुद्दीन और उसकी बीवी को बस से उतारा कर तीन दिन बाद दोनों की एंकाउंटर के नाम पर हत्या कर दी गई, सब जानते हैं वो हत्याएँ किस के कहने पर की गयी थी
काश! बीबीसी वालों का भी ईलाज हो जाता।
अगर एनकाउंटर सही है तो वह वाह और अगर फर्जी है तो ऐसे ना जाने अभी कितने VikasDubey पैदा होंगे क्यों कि असली कातिल तो पनाह ले रहा है ना
सड़कों का इंसाफ बेहतर है, लोग रोड पर ही इंसाफ होते हुए देखते हैं। न जाने किस गली में कानून की खरीद फरोख्त हो जाये।
दोनों सही।
Hydrabad encounter me public ka support tha...kyu ki kaand kuch ar tha...isme police ke karan support ni mil rha...police ko bhi samjh aa rha kyu ni mil rha...army rhete to ab tk aap dekhte...police ko boliyee samaj me chavii sudhare ni to kbi support ar izzat ni mikege
Encounter: Encounters happen if there is some threat to police or neta. If threat/misdeed is to a commoner, they will be at most given to judiciary. And as usual, judiciary remains impotent, will not do anything. From Nirbhaya till now, this has remained same. So msg is clear.
सम्पूर्ण भारत मे ऐसा ही होना चाहिए । एन्काउन्टर
यह पुलिस और क्रिमिनल्स के लिए नई नीति की शुरूआत है। मरो या मारो। जिसका खामियाजा अंतत: पुलिस को ही भुगताना पडे़गा । 🤔🤔
राज को राज ही रहने दो ।
यह तो न्यायपालिका को खुद सोचना चाहिए, जो आज गुनाहगारो की पनाहगार सी बनी बैठी हैं। हर अपराधी जेल जाकर खुद को सुरक्षित और फिर बेल पाकर खुद को बरी मान लेता हैं। पाक साफ होकर फिर गुनाह की नई इबारत लिखता हैं। पीड़ितों के सब्र का इतना इम्तिहाँ लिया जाता हैं कि 90% हार मान जाते हैं।
जनता इंसाफ़ सुरु होने वाला है थोड़े दिनों में जंगलराज
आवाज़ दबा दी गई और साज़ बच गए। खाकी के और खादी के सब राज़ बच गए। न जज बैठे न कोर्ट लगी,सज़ा मुक़र्रर I सारे टिड्डे मारे गए, और बाज़ बच गए।
फैसला ओन स्पॉट का जश्न होना ही चाहिए
यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हमारे ही समाज के वीआईपी कल्चर पहुंच वाले लोग ऐसे अपराधियों को पहले पालते है और जब यह इन्हीं काटने लगता है तो यह से मरवाते हैं और वह भी बहुत ही रहस्य मय ढंग से 🙏🙏🤫
जो विकास को न्यायालय तक नहीं ला सके वो देश में विकास क्या लाएंगे।
Hyderabad encounter sahi tha
मैं मुल्लायम के साईकिल से ही थाने जाऊंगा,पुलिस की गाड़ी कही भी पलट जाती है। आजम_खां_रामपुरवाला
और 2002 गुजरात दंगो को 'क्रिया की प्रतिक्रिया' कहने वाले को भूल गये!!
थोड़ा फर्क है हैदराबाद में बलात्कारी को पंडे बर्दाश्त नहीं कर सके ब्र।ह्मण गुंडे को ठाकुर बर्दाश्त नहीं कर सके।। सही ग़लत का फैसला तो जनता करेगी अपनी काबिलियत से,
अपराधी को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के तहत। वरना अदालतों को बन्द कर दिया जाए
हाँ, और सुशांत को भी इन्साफ नहीं मिला तो शायद उसके लिए भी यही हो भीड़ में पता भी नहीं चलता
एनकाउंटर फर्जी हो या सही.. क्या फर्क पड़ता है....? योगी जी ने सभी को एक झटके में न्याय दे दिया जो मिलार्ड कभी नही दे सकते। जिओ योगी जी YogiAdityanath vikasDubeyEncounter
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