वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई इस सवाल पर कहते हैं,"किसी भी संगठन में सबकी ज़िम्मेदारी होती है. यह बात सही है कि कांग्रेस में गांधी परिवार की ज़्यादा भूमिका है. ऐतिहासिक रूप से इसका एक आज़ादी के समय का मॉडल रहा है. समस्या यह है कि लोग सवाल तो करते हैं लेकिन कोई पहल नहीं करता है. ऐसे अनेक प्रावधान है कांग्रेस पार्टी के संविधान के अंदर जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है. जैसे हस्ताक्षर अभियान चलाना या फिर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक बुलाना.
वहीं वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी इस सवाल पर कहती हैं,"गांधी परिवार के बिना भी नहीं चलता और उनके साथ भी नहीं चल पा रहा है. कांग्रेस का मामला अभी बुरी तरह से फंसा हुआ है. सोनिया गांधी का फिर से अंतरिम अध्यक्ष बनना तो तय ही था क्योंकि और कोई सामने ही नहीं आ रहा है." नीरजा चौधरी इस सवाल पर कहती हैं,"कांग्रेस को आज की तारीख़ में पता ही नहीं कि वो किस बात को लेकर स्टैंड कर रही है. ना उनके पास वैकल्पिक कोई विजन है, ना रणनीति है और ना ही कोई नेतृत्व है. तीनों ही मोर्चे पर कांग्रेस नाकाम है. आज नौजवान कांग्रेस में हताश हो रहा है. सचिन ने बग़ावत की और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो पार्टी ही छोड़ दी. उन्हें लगता है कि नहीं कांग्रेस का फिर से उभार हो सकता है. इस तरह की मायूसी के माहौल में लोग अलग-अलग जगह ढूँढने लगते हैं.
नीरजा चौधरी इस पर अपनी राय जताती हैं कि पार्टी सुधार को लेकर कई शानदार रिपोर्ट्स हैं. इसलिए पार्टी में क्या होना चाहिए इसे लेकर सुझावों या फिर रिपोर्ट्स की कमी नहीं है. कमी है तो सिर्फ़ इच्छाशक्ति की.लंबे समय से गांधी परिवार कांग्रेस की राजनीति की धुरी है. माना जाता रहा है कि गांधी परिवार के नाम के सहारे ही कांग्रेस के अंदर की हर विचारधारा एकजुट हो पाती है और पार्टी क़ायम रह पाती है.
Sachin pilate कि इतनी बड़ी गलती माफ़ करने का मतलब है अब्ब हर बागी कोंग्रेसी पहले कांग्रेस और गांधी परिवारको गाली देकर सन्मान के साथ घर वापसी कार सकता है ये मज़बूरी सिर्फ कांग्रेस सरिकी दोगली पार्टी ही कार सकती है
It is like a dirty & filthy eater in a big hole, like black hole of congress ?
दोनों।
Desh to Congress hi ache s chala rahe the BJP walo jaise nahi.
I never want to see Gandhi family in indian democracy
Majboori he nahi kalank
मजबूरी
rsrobin1 I as Indian want to see u I their people who worked hard should become A congress president. Or want to see better opposition
पनोती
Congress needs some strong leader ,not Gandhi family.
Gandhi family is beast of burden for congress.
गांधी परिवार मजबूती है
Failed family,wish to keep India as their slave.Can not decide to democratise the party.Only motive is that people should touch their feet&they remain one of the 33 crore devta.Quality of netagiri is falling very rapidly among them.Can not evaluate the need of the hour.
मजबूरी
आप अपनी गलतफहमी निकाल लीजिये,जनाब। देश को आजादी दिलाने वाली और आजाद भारत को सजाने-संवारने वाली कांग्रेस कभी दुविधा में नहीं रह सकती,और मादरे वतन हिंद पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाला नेहरू-गांधी परिवार भी कभी मजबूरी में नहीं रह सकता। कण-कण में कांग्रेस,जन-जन में कांग्रेस।
मजबूरी
समाज के किसी भी कोने में, आज २१वी सदी में भी ऐसा होता है,तो इसे कृप्या शेयर करें।।
INCIndia is severely infected by nepotism, should be move on and let's handover the top leadership in youth hands like SachinPilot jitupatwari capt_amarinder ShashiTharoor etc..... other than Nehru/G andhi family.
Majburi
देश के लिए मजबूरी पर पाकिस्तान और चीन के लिए मजबूती
Apko Gandhi pariwar Nazar aa rha, Indira married to Firoz Khan got Rajiv Gandhi is it a mazik jo v daalo Nehru pariwar Mey nikalega Gandhi hi kya Gazab Hai.
Gulami or kuch Nahi😂😂
इस प्रकार के प्रश्नों मे ही उत्तर छिपे होते हे।
Majburi
सही कहा न..
जरूरी है नेता सिर्फ नेतृत्व देने का काम करते हैं चुनाव पदाधिकारी और कार्यकर्ता मिलकर ही जिताते हैं, कार्यकर्ता और पदाधिकारी चाह लेे तो कहीं भी कभी भी कोई भी चुनाव जीता जा सकता है संगठन का एक साथ खड़ा होना सबसे महत्वपूर्ण होता है, मतदाताओं को बूथ तक लेे जा कर मत डलवाना ही 👍
INCIndia चाहे ताे उन्हे विकल्प दे सकता हूँ! RahulGandhi
आज भारत देश मे जितने नेता बने है 75% नेता कांग्रेस ने दिये है , जब नेता एक मुकाम हासिल कर लेता है तो उसके आकांक्षाऐ और अपेक्क्षायें पर ले लेते है और वह उन्हे पाने के लिए किसी भी हद् तक जाता है उदाहरण है जगन रेड्डी , शरद पवार , ममता बँनर्जी ।
आखिर कब तक प्रधानमंत्री पद गांधी परिवार से बचेगा 1947 से 1964 1966 से 1977 और 1980 से 1984 1984 से 1989 तक 1991 से 1996 तक और 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री पद गांधी परिवार के क़दमों में था और अब फिर हालात ऐसे ही हो रहे हैं
मजबूरी
Stronger
Majbooti
Gandhi Naam Tak toh Udhar Ka Hai.
मजबूरी
राहुल गांधी जी एक अच्छे नेता हैं लेकिन जब तक वो हिन्दु और आर एस एस विरोधी बयान बाजी करते रहेंगे तब तक वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। ये मेरी अपनी व्यक्तिगत समझ है।
Infact ye family hi Cong hai ,INC se alag con I Indira ji ne bnaya aur ab tak ishi family ke influence se party bcha hai
मजबूती
मजबूती
Both..
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