राय ने वाराणसी सीट पर रविवार को होने वाले मतदान से पहले कहा, ‘इस बार का चुनाव पिछली बार के चुनाव के मुकाबले आसान है क्योंकि लोग मोदी जी के लंबे तथा झूठे वायदों को देख चुके हैं और उन्होंने कुछ नहीं किया है.’ राय ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की काफी सराहना की.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं बीजेपी में था. मैं मंत्री भी था. यह अटल बिहारी वाजपेयी की बीजेपी थी. यह मोदी और अमित शाह की बीजेपी नहीं थी जो कॉरपोरेट संस्कृति पर चलती है और अपने नेताओं का सम्मान नहीं करती.’उन्होंने कहा कि इस नयी बीजेपी ने अपने पुराने नेताओं-लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का सम्मान नहीं किया. राय ने वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि वह बिल्कुल अलग तरह के नेता थे. उन्होंने कहा, ‘वाजपेयी बड़े हृदय के व्यक्ति थे जो हर किसी को साथ लेकर चलते थे.
बीजेपी द्वारा 2009 में लोकसभा का टिकट न दिए जाने पर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे और बाद में कांग्रेस का दामन थाम लिया. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन महज 75 हजार वोट ही हासिल कर पाए थे और तीसरे नंबर पर रहे थे. वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से पीछे थे और जमानत जब्त करा बैठे थे.वाराणसी सीट से 2014 में मोदी विजयी हुए थे और उन्होंने केजरीवाल को 3.37 लाख वोटों से शिकस्त दी थी. बीजेपी इस बार मोदी की जीत के अंतर को दोगुना करना चाहती है.
Kya burI baat h , gud logo ki tAreef honi chahiye
Ye dekh kar bahut bura lg ra ki desh me jaha ek sath hokr ladna chahiye take sahi sarkaar aye ,yaha log khud ek dusre se lad re hai..aise in politicians ki koi galti nhi janta hi andhi hai to desh ka vinash to hoga hi .
AnilGup3 राजनीतिक ब्यान है। भविष्य...
ये महाशय भाजपा मे रह चुके है।
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
Except Mahadev no one can defeat modi at kaashi
मोदी के विरुद्ध चुनाव के नाम पर कांग्रेस से करोड़ो जमा कर लिए अब पता है कि जितना तो है नहीं इसलिए बक्चोदी शुरू
भाजपा है ही ऐसे लोगो की पार्टी हर कोई तारीफ करता है
शाह प्रधानमंत्री बन गये तो मोदी भी अच्छा लगने लगेगे ।
वाजपेयी जी तो तारीफ के काबिल हैं।वे हमेशा सच बोलते थे ।
That's why Atal Behari Vajpayeeji lost election in 2004. He did not allow to cross LOC during Kargil war resulting in heavy casualties to fighting soldiers. A politician must be Chanakya not of soft hearted person.
कभी वाजपेयी जी इनके गुरु थे इनको खटक तो जोशी जी और मोदी से है क्योंकि बनारस से इनको सांसदी का टिकट चाहिए था और मिल गया मुरली मनोहर जोशी को और ये जनाब वही से बिदक लिए ये अपने आप को जोशी से भी बड़ा नेता समझने लगे
sudhirchaudhary देश का नाम, देश के साथ।
इसकी छोड़ो उधर वो पलटूराम भागने कि फ़िराक़ मे है साध्वी के बयान को लेकर कुछ प्रलोभन का इन्तज़ाम करवाओ मोदी जी को बोलकर नही नैया डूब रही है...
🤣🤣
VotingRound7 AbkiBaarKiskiSarkar smritiirani का अमेठी से लङना चुनौती है लेकिन अजय राय का सोभाग्य है हारना।
यही तो है मोदी मंत्र।
BJP news chanel... Haraiga tu Modi hi
जुबान पे सच आ ही जाता है
यार अब तो ऐसा लगने लगा है कि कहीं राहुल गांधी ही बीजेपी में ना आ जाये....।
जय हो मोदी जी की
आयेगा_तो_मोदी_ही और हारेगा_तो_राहुलगांधी_ही
VotingRound7 AbkiBaarKiskiSarkar
Modi h to mumkin h Jay shree ram
बाजपेयी जी की तारीफ तो हर कोई करता है इसमें कौन सी बड़ी बात है....
राजीव के हत्यारे को लिखित मे माफ़ी देने वाली कांग्रेस महात्मा गांधी को गोली मारने वाले को भूल क्यों नही रही अरे!! 'हुआ तो हूआ'😂😂
क्योंकि एक सज्जन और योग्य ही दूसरे सज्जन की तारीफ कर सकता है। बहरूपिया दूसरे की नकल तो कर लेता है पर तारीफ की जगह शिकायत ही करता है और नीचा दिखाने की कोशिष में खुद गिरता चला जाता है।
विरोध के लिए ही विरोध करने की नेताओ व पार्टियों की निम्न स्तर की सोच ही राजनीति का मुख्य आधार बन चुका है। जबकि विपक्षी पार्टी व उसके नेता के गुणों की प्रशंसा श्रेष्ठ लोकतांत्रिक मूल्यों व राजनीति का एक प्रशंसनीय गुण है।
Thoda sa or ruk jao jab yogi ki Delhi ki kursi pr honge to in logo ko modi ji devta lgenge.. 😀
काले चश्मे के पिछे खूनी आँख और खूली आँख मे समर्थ भारत का सपन । देश को मालूम है करना क्या है । ओम नमः शिवाय ।🌷
23 तारीख के बाद ये मोदी जी की भी तारीफ करेंगे.
वाजपेयी जी की प्रशंसा की है, गोडसे की नहीं, यह ना भूलें कि दिवंगत लोगोंं पर कीचड़ उछालना भाजपा का DNA है, कांग्रेस के संस्कार नहीं।
Namo again
आगे आगे देखिए होता है क्या ।
जब बाजपेई जी इंदिरा गांधी के सम्मान में दो शब्द बोल सकते हैं तो कांग्रेसी उम्मीदवार अजय राय क्यों नहीं बोल सकते बाजपेई जी पर उंगली उठाने का मतलब है बेवजह बैठे-बिठाए पंगा मोल लेना।
वाजपेयी ने कभी भी मोदी जी की तरह देश के टुकड़े करने की कोशिश नहीं की, हालाँकि मेरा पूरा परिवार भाजपा से है लेकिन मोदी की खराब नीतियों के कारण इस बार भाजपा से पीछा छुड़वा लिया है ।।
Shayad aise hi kuchh vote mil jaaye
Jiske Rago Me Beimani Ka Khun Nehi...O Keise Kisi Mahan Insan Ka Tarif Na Kare!!!
वाजपेयी जी थे ही तारीफ के योग्य
कल को मोदी को बारेमे भी एैसे ही वोलेंगे वो अलग बात है, कि आज जमिन वचाने की आखरि लड़ाई लड़ रहे है इंन्ही लोगो के लिए कभी वजपाई जी सांम्प्रदायीक हुआ करता था
I think it should be the spirits. Merits should be kept above party politics. Further any adverse comments defaming words for deceased persons should be avoided.
Kalank on Journalism ZeeBJP
THE PATH OF BOTH TELUGU CHIEF MINISTERS BLUNTLY ENCOURAGING BY THEIR LIKE MINDED CIRCLE IS OUT OF TRACK.THEY ARE DRAGGING WHOLE HUMAN RACE OUT OF TRACK BY LEAVING ME UNOFFICIAL ENSURE TO RECEIVE OFFICIAL BY ANY HOUR ALL YOUR SERIOUS MISTAKES WIPED BY MERGING INTO DIVYA RAJYAM
क्योंकि 2007 से पहले अजय राय खुद भाजपाई थे
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