Covid-19 Vaccine update: ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल्स के शुरुआती नतीजों पर उठते सवालों के बीच सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। उसने लोगों से धीरज रखने और न घबराने की अपील की है। सीरम इंस्टिट्यूट ही भारत में इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल कर रहा है।ऑक्सफर्ड के कोरोना टीके पर उठ रहे सवालों के बीच बोला सीरम इंस्टिट्यूट- वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षितऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका ने बुधवार को कबूल किया था कि ट्रायल के दौरान कुछ लोगों को डोज...
इस चूक के बाद वैक्सीन के असर को लेकर सवाल उठने लगे हैं, एक्सपर्ट्स का ट्रायल के नतीजों पर भरोसा कम हुआ हैऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका की तरफ से विकसित जा रही कोरोना वैक्सीन के ट्रायल डेटा को लेकर उठते सवालों के बीच सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने गुरुवार को कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट इस वैक्सीन का उत्पादन और भारत में इसका क्लीनिकल ट्रायल कर रहा है। इंस्टिट्यूट ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है। भारत में इसके ट्रायल को सभी...
सीरम इंस्टिट्यूट का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने यह स्वीकार किया है कि ट्रायल के दौरान कुछ लोगों पर दी गई वैक्सीन की डोज में गलती हुई थी। इससे वैक्सीन के असर से जुड़े डेटा पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब एक्सपर्टस पूछ रहे हैं क्या ऐडिशनल टेस्टिंग में यह डेटा बरकरार रहेगा या यह और कम होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि एस्ट्राजेनेका से जो चूक हुई है, उससे नतीजों पर उनका भरोसा कम हुआ...
लोगों से धीरज रखने और न घबराने की अपील करते हुए सीरम इंस्टिट्यूट ने अपने बयान में कहा, 'एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड वैक्सीन सुरक्षित और कारगर है। अगर इसके सबसे कम असर के नतीजे को भी देखें तो यह 60-70% है जो वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित होने योग्य है।' बयान में कहा गया है कि अलग-अलग उम्र वर्ग और अलग-अलग डोज के नतीजों में थोड़ा अंतर रहेगा लिहाजा धैर्य रखना चाहिए और घबराना नहीं चाहिए।
इससे पहले एस्ट्राजेनेका ने इसी हफ्ते सोमवार को ब्रिटेन और ब्राजील में चल रहे ट्रायल के अंतरिम नतीजों को लेकर बताया था कि वैक्सीन औसतन 70 प्रतिशत असरदार साबित हुई हैं। डोज की स्ट्रेन्थ के हिसाब से वैक्सीन या तो 90% या 62% असरदार बताई गई थी। डिवेलपर्स के मुताबिक, औसत एफेकसी 70% थी। मगर कुछ देर बाद ही डेटा पर सवाल उठने शुरू हो गए। जिस डोज पैटर्न से 90% तक वैक्सीन असरदार साबित हो रही थी उसमें पार्टिसिपेंट्स को पहले आधी डोज दी गई, फिर महीने भर बाद पूरी। दो फुल डोज वाला पैटर्न उतना असरदार साबित...
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