इस एक 'शेर' के लिए प्रोटोकॉल तोड़ PAK में फैज से मिलने पहुंचे थे अटलजी

  • 📰 AajTak
  • ⏱ Reading Time:
  • 64 sec. here
  • 3 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 29%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

सावरकर पर बांटी गई किताब पर मचा बवाल, देवेंद्र फडणवीस ने किताब पर की बैन की मांग

आज पूरे देश में पाकिस्तान के मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म को लेकर चर्चा हो रही है. पक्ष-विपक्ष में बोलने वाले अपनी-अपनी राय रख रहे हैं. इस बीच उस किस्से की भी खूब चर्चा हो रही है जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने फैज से मिलने के लिए प्रोटोकॉल तोड़ दिया था.

ये किस्सा 1977-78 का है. तब देश में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे. उस दौरान एक बार वो पाकिस्तान के आधिकारिक दौरे पर गए थे. वहां विदेश मंत्री के प्रोटोकॉल के मुताबिक उनकी सारी मुलाकातें पहले से फिक्स थीं. इस पूरे प्रोटोकॉल में कहीं भी ये नहीं था कि वो किसी और से भी मिल सकते हैं. फिर भी उन्होंने फैज अहमद फैज से मिलने की इच्छा जताई. यही नहीं वो प्रोटोकॉल तोड़कर फैज़ से मुलाकात करने उनके घर भी पहुंच गए.

उन दिनों फैज बेरुत में रहकर काम कर रहे थे. वो एशियाई-अफ्रीकी लेखक संघ के प्रकाशन अध्यक्ष थे. किसी काम से फैज पाकिस्तान आए हुए थे. पूर्व पीएम को ये बात पता चली तो वो प्रोटोकॉल तोड़कर मिलने चले गए. वो काफी गर्मजोशी से फैज के गले मिले. लोगों के लिए ये चौंकाने वाली बात थी, दो अलग अलग विचारधाआरों के लोग जब आपस में मिले तो इसकी खूब चर्चा हुई. इस मुलाकात में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि मैं सिर्फ एक शेर के लिए आपसे मिलना चाहता था.

फैज़ ने उनसे शेर के बारे में पूछा तो अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद वो शेर पढ़ दिया. उनका ये मशहूर शेर और उसका अर्थ यहां दिया जा रहा है.सू-ए-दार=मौत की तरफ़ अटल बिहारी वाजपेयी से शेर सुनकर फैज अहमद फैज काफी भावुक हो गए. फिर अपनी पूरी गजल सुनाई. वाजपेयी जी ने उन्हें भारत आने का न्योता भी दिया. इसके बाद साल 1981 में फैज भारत आए तो दिल्ली आकर अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

कोई बड़ी बात नही है एक कवि एक शायर को मिलने गया था।

Vastav mai bhai ye tweeter se apna moh chhode or Facebook par jaye ,thodi akkal lagavo oy chutiyo ye tweeter & Instragram sirf celebrityo ke liye hai

बैन होनी चाहिए।

Kya koi bata sakta hai sawarkar gaddar tha ya fir deshbhakt 🙄..

You can ban the book but how you block the hole which has been created by this book in society :)

संघियों का पाकिस्तान से बहुत पुराना नाता है मेरे भाईयों और बहनो

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 5. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

फैज अहमद फैज की इस कविता पर बवाल, हिंदू विरोधी विरोधी होने का दावा?मामले में कुछ छात्रों से पूछताछ की गई है जबकि कुछ अन्य से तब पूछताछ की जाएगी जब वे छुट्टी के बाद वापस संस्थान आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया की जंग में स्थिति खराब हो रही है।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

क्या फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' में हैं हिंदू विरोधी बोल?जिस नज्म की पंक्तियां सुनकर क्रांतिकारियों और आंदोलनकारियों का जोश दोगुना हो जाता था, वो नज्म अब मजहबी सवालों में घिर गई है. मशहूर शायर फैज अहमद फैज की नज्म हम देंखेंगे पर कानपुर आईआईटी में पिछले 17 दिसंबर को कुछ छात्रों ने नागरिकता कानून का विरोध करते हुए ये नज्म पढ़ी, इसके बाद से ही सवाल उठ गए कि क्या ये नज्म हिंदू विरोधी है. देखें स्पेशल रिपोर्ट. chitraaum We must to ask Mrs. Priyanka madam to visit JK lon hospital at Kota, Rajasthan to know dead child mothers to know their status, like as were visited EX IPS SR Darapuri' home. Because there is Congress's govt only, she should be in Rajasthan because of Lakhnau chitraaum पुलिस की लाठी & चालान ढूंढकर दिखाओ कोई इस फोटो में chitraaum जब हर नागरिक को 🇮🇳 पैन कार्ड रखना अनिवार्य है आधार कार्ड रखना अनिवार्य है वोटर कार्ड रखना अनिवार्य है तो फिर (सी .ए. ए )और( एन .आर .सी )का विरोध क्यों?❓❓
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

कौन थे फैज अहमद फैज और क्यों मचा है उनकी नज्म पर बवाल?नई दिल्ली। मशहूर पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज (Faiz Ahmad Faiz) की नज्म 'हम देखेंगे' को लेकर इन दिनों भारत में बवाल मचा हुआ है। उनकी नज्म को हिन्दू विरोधी कहा जा रहा है। यहां तक कि आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने एक समिति गठित कर दी है, जो यह देखेगी कि फैज की यह रचना क्या वाकई हिन्दू विरोधी है।
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म 'हम देखेंगे' पर क्या बोलीं उनकी बेटीपाकिस्तानी शायर फ़ैज़ की नज़्म के 'हिंदू विरोधी' होने की जाँच करने पर उनकी बेटी की प्रतिक्रिया आई है. These all are closet terrorists. Kuch v bole hume kya?beti baap ka burae thora hi karegi?ye log nafrat se jite hai nafrat se marte hai,dharti k ek v aesa kona nh jaha ye log allah allah krke aatank na machaya hon. एक गद्दार कु नज्म हम क्यों देखें Javedakhtarjadu FarOutAkhtar को में तो न देखता हूँ ना सुनता हूँ FridayMotivation
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

फैज अहमद फैज की बेटी सलीमा ने 'हम देखेंगे' पर विवाद क्या कहाउर्दू शायर और लेखक फैज अहमद फैज की अमर रचना हम देखेंगे के गैर हिंदू होने पर भारत में हो रहे विवाद पर उर्दू कवि की बेटी सलीमा हाशमी का कहना है कि यह पूरा विवाद अप्रांसगिक और फनी है. फैज की कविता पर जारी विवाद पर हंसते हुए सलीमा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि रॉयल्टी बढ़ रही है. That's why I hate Faizu Saला फिर वही दलील कि आतंकी का कोई मजहब नहीं होता, होता है 99% का एक ही मज़हब होता है Royalty to badhegi hi na sab Ko pata pata hai ki royalty kyu badh Rahi hai ager yahi AAP pak.ya afg.ya Bangladesh ya fir Pak. M publish karte fir kehte ki ye to Hindustan k alawa waha bhi dhum macha Rahi hai .
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

फ़ैज़ ने निकाह के लिए उधार के पैसों से ख़रीदी अंगूठीवो पल, जब फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने अपने मेज़बान डीपी त्रिपाठी से कहा, ''बरख़ुद्दार ट्रेन लेट करा दो.'' नतीजा- Faiz के लिए ट्रेन पूरे डेढ़ घंटे तक रुकी रही आज डीपी त्रिपाठी का निधन हुआ है और फ़ैज़ भी अपनी नज़्म की वजह से चर्चा में हैं. SharmaKadambini Faiz pe question ne unke dost ki jaan le li , lagta hai . SharmaKadambini ये तारीफ कर रहे हैं या सिस्टम कॊ आईना दिखा रहें हैं । क्या दौर था एक व्यक्ति के लिए हजारो लोगो को तंग किया जा सकता था आज ऐसा हो तो ही हल्ला मचाएगा।
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »