उत्तर प्रदेश के नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मुजफ्फरनगर में आरोपी की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.हाईकोर्ट ने नदीम के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट का कहना है कि महिला और पुरुष दोनों वयस्क हैं और ये उनकी निजता का मौलिक अधिकार है.की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की पीठ ने आरोपी नदीम की याचिका पर कहा, ‘मामले को अगली तारीख तक सूचीबद्ध किए जाने तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा.
शिकायतकर्ता ने नदीम पर उसकी पत्नी से शादी करने और उसका धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया था. इस मामले में नदीम को गिरफ्तार नहीं किया गया था. इसके बाद महिला के पति ने मंसूरपुर थाने में नदीम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत नदीम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. नदीम ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
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