मिलने की संख्या में काफी कमी आई है। नोटबंदी के बाद लोगों ने 2000 रुपये के नोटों की जमाखोरी शुरू कर दी थी, जिसके बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इन नोटों की छपाई को पूरी तरह से रोक दिया है।सरकार ने कहा है कि दो साल पहले में जब आयकर विभाग छापा मारता था तो उस वक्त 2000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 68 फीसदी हुआ करती थी। अब इस वित्त वर्ष में यह संख्या घटकर 43 फीसदी रह गई है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि लोगों को लग रहा है कि सरकार इन नोटों को कभी भी बंद कर सकती है। इस वजह से भी लोग...
वित्त मंत्री ने बताया कि आयकर विभाग ने जितनी भी नकदी को छापों के दौरान जब्त किया है उसमें विगत तीन सालों में लगातार कमी आ रही है। 2017-18 में जहां 67.9 फीसदी 2000 रुपये के नोट की संख्या होती थी, वहीं 2018-19 में यह घटकर 65.9 फीसदी हो गई। मार्च 2017 में दो हजार रुपये के नोट का प्रचलन सबसे ज्यादा था। इसके बाद अन्य करेंसी नोटों की संख्या थी। अब 2000 के नोट का प्रचलन घटकर 31 फीसदी रह गया है। आरबीआई द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार, मार्च 2018 में जहां 6.7 लाख करोड़ करेंसी नोटों का प्रचलन था, वहीं मार्च 2019 में यह घटकर 6.
मिलने की संख्या में काफी कमी आई है। नोटबंदी के बाद लोगों ने 2000 रुपये के नोटों की जमाखोरी शुरू कर दी थी, जिसके बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इन नोटों की छपाई को पूरी तरह से रोक दिया है।सरकार ने कहा है कि दो साल पहले में जब आयकर विभाग छापा मारता था तो उस वक्त 2000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 68 फीसदी हुआ करती थी। अब इस वित्त वर्ष में यह संख्या घटकर 43 फीसदी रह गई है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि लोगों को लग रहा है कि सरकार इन नोटों को कभी भी बंद कर सकती है। इस वजह से भी लोग...
मार्च 2017 में दो हजार रुपये के नोट का प्रचलन सबसे ज्यादा था। इसके बाद अन्य करेंसी नोटों की संख्या थी। अब 2000 के नोट का प्रचलन घटकर 31 फीसदी रह गया है। आरबीआई द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार, मार्च 2018 में जहां 6.7 लाख करोड़ करेंसी नोटों का प्रचलन था, वहीं मार्च 2019 में यह घटकर 6.
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