आज का जीवन मंत्र:लेखक: पं. विजयशंकर मेहता- महात्मा गांधी जी चंपारण के एक गांव में सेवा कार्य कर रहे थे। उसी समय वहां से जुलूस निकल रहा था। गांधी जी को उत्सुकता जागी कि चंपारण में कुछ तो अलग होता है, मैं भी जाकर देखूं कि यहां कैसा जुलूस निकल रहा है।
जुलूस में गांधी जी ने देखा कि एक बकरा, जिसे फूल-माला से सजा रखा था, उसे लेकर लोग जुलूस निकाल रहे हैं। ये देखकर गांधी जी चौंक गए। वे थोड़ा आगे बढ़े और जुलूस में शामिल लोगों से पूछा, 'इस बकरे को इतना सजा-धजाकर कहां ले जा रहे हो?'गांधी जी ने पूछा, 'देवी को बकरे का ही भोग क्यों लगाना है?'गांधी जी ने कहा, 'अच्छा, अगर देवी की प्रसन्नता के लिए बकरा चढ़ा रहे हो तो देवी को और अधिक प्रसन्न कर लो, बकरे से अच्छा तो आदमी होता है, आदमी का भोग लगेगा तो देवी और ज्यादा प्रसन्न हो जाएंगी। अगर...
जुलूस में शामिल लोग एक-दूसरे का मुंह देखने लगे। किसी को कुछ समझ नहीं आया। गांधी जी बोले, 'किसी बेजुबान जानवर की बलि देने से कोई देवी-देवता प्रसन्न नहीं होते हैं। ये अधर्म है। सत्य का पालन करें, सेवा करें, तब देवता प्रसन्न होते हैं।'कभी भी मूक प्राणियों का वध न किया जाए। ये बहुत छोटी सोच है कि कोई देवी-देवता बलि से प्रसन्न होते हैं। हिंसा कैसी भी हो, बुरी ही होती है।
Asur Ki Bali Deni Chahiye, Chahe Jaha Bhi Mile
एक दम सही कहा 👏🏼
ईश्वर तो एक ही है। निराकार है परन्तु रोम-रोम में है।
जिस बलि शब्द की बात देवी-देवता के संदर्भ में कर रहे हो वहाँ बलि का अर्थ हत्या कतई नहीं है । न ही किसी देवता ने किसी की हत्या पर खुश होने के लिए कहा है ।
क्या यह अन्य धर्मों के अनुयायियों पर भी लागू होती है? कृपया स्पष्ट करें, उनके देवता कब प्रसन्न होते हैं ।
Waise ye thesis sirf hinduoo k liye tha ya santi doot walo k liye v tha... confuse hu thoda 🤔
Ideally this gyan you guys should have given during the festival of peaceful community
Sanatan sanskriti me bali ka koi sthan nhi hai ye maha paap hai. Bali log apne fayede ke liye dete hain bali ka bhagwan se koi lena dena nahi jo log bhagwan ke name pe bali dete hain unka bhagwan se bhi koi nata nhi hota aise log maha dhongi hain bas.jeevanmantra
बकरीद मनाने वालों को कब ज्ञान बांट रहे हो दिवाली आई नहीं सब कोई अपने-अपने teaching क्लास चालू कर लिया झोपड़ी के☹
रक्त बीज कैटभ ताड़े.. ज़हन आसुरी लगे.. असुरों के उत्थान और अनंत में मिले जो भाव उन में खुद से विचरण ही साक्ष्य में जुड़े हुए सब भाव ..🧬
पैफेंबर hota hai kya प्रसन्न
अल्लाह भी जोड़ देता
यह बात पूरे साल भर बोला करें
Bakwaas...
अच्छा बकरे ईद पर लाखों बकरो को काटते हैं कुर्बानी के नाम पर बो क्या BC
अल्लाह बलि से प्रसन्न होते हैँ
हम भी तो यही कह रहे हैं,,!!!!
Sirf hindu devi devta ?
Vithala of western India is form of Divinity worshipped as God waiting on a Brick not asking for welcome chair to sit on while the Bhakt any person is busy serving the sick the old our parents or any one in need
Time to boycott DAINIK BHASKAR now!!!🤔🤔
बलि बलपूर्वक नहीं होनी चाहिए
Jo sacche aur acche ho.un ke sath kabi bura nhi hota 😇😇
GodiMedia se bhi prassan hotey hain bhagwaan
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