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बजट में ई-वाहनों को कई प्रकार की छूट दी गई है, लेकिन परंपरागत आईसी इंजन वाले वाहनों के संबंध में कोई प्रावधान नहीं किया गया? बिल्कुल चाहते हैं... हम इसके लिए सरकार के पास फिर जाएंगे। वाहन उद्योग को संकट से निकालने के लिए सरकार का सहयोग जरूरी है। इसलिए हम चाहते हैं कि आईसी इंजन वाले वाहनों पर भी कर में छूट मिले। इसके अलावा वाहन उद्योग चाहता है कि एक अप्रैल, 2020 से बीएस-6 वाहनों की बिक्री शुरू होने से पहले एक फरवरी से देशभर में बीएस-6 मानक के ईंधन की भी बिक्री शुरू हो। तभी हम देशभर में इस मानक के वाहन पहुंचा सकेंगे।
सुस्ती के दौर से गुजर रहे मोटर वाहन उद्योग की बिक्री लगातार घट रही है। वाहनों की इंवेंट्री का अंबार लगने से कंपनियां उत्पादन में कटौती कर रही हैं। ऊपर से एक अप्रैल, 2020 से देशभर में सिर्फ बीएस-6 मानक के वाहन ही बिकेंगे, जिसके लिए कंपनियां 70 से 80 हजार करोड़ खर्च कर चुकी हैं। अब सरकार ने कहा है कि 2030 से सिर्फ ई-वाहन ही बिकेंगे, जिससे यह उद्योग सकते में है। इन्हीं मसलों पर अमर उजाला के शिशिर चौरसिया ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष राजन वढेरा से बातचीत की। पेश है अंश...
इससे वाहन उद्योग को एक तरह से धक्का लगा है। ई-वाहनों पर जो भी रियायतें दी गई हैं, उसका हम विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन परंपरागत आईसी इंजन वाले वाहनों को अभी सरकार के समर्थन की दरकार है। बीते 100 साल में यह तकनीक विकसित हुई है। इसकी मांग में इजाफा हो, इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। सुस्ती के दौर से गुजर रहे वाहन उद्योग को करों में राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।इस बारे में हमें आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बताया गया है। हालांकि, सरकार पहले ही घोषित कर चुकी है कि 2030 से...
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