मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग लोगों के 'लिवइन रिलेशन' में रहने को अपराध नहीं माना जाता है. ऐसे अविवाहित जोड़ों का होटल के किसी कमरे में एकसाथ रहने पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता.
जस्टिस एमएस रमेश ने हाल के एक आदेश में कहा, 'प्रत्यक्ष तौर पर कोई कानून या नियम नहीं है जो विपरीत लिंग के अविवाहित जोड़े को होटल के कमरे में मेहमान के तौर पर रहने से रोकता है.' उन्होंने यह टिप्पणी प्राधिकारियों को कोयबंटूर स्थित किराए पर दिए जाने वाले अपार्टमेंट पर लगे सील को खोलने का निर्देश देते हुए की.
इस अपार्टमेंट को पुलिस और राजस्व विभाग ने इस साल जून में इस शिकायत के बाद मारे गए छापे के बाद सील कर दिया था कि वहां अनैतिक गतिविधि होती हैं. वहां छापा मारने वाली टीम को वहां एक अविवाहित जोड़ा मिला था और कमरे में शराब की कुछ बोतलें मिली थीं. जज ने कहा, अविवाहित जोड़े के रहने के आधार पर परिसर को सील करने जैसा कठोर कदम उठाना इसे रोकने वाले किसी कानून के अभाव में पूरी तरह से गैरकानूनी है.
अब अपराध पर जल्दी सजा का उपाय मत करना बस ये देखो किसका किसके साथ सोना अपराध है या नहीं है
Right!
Ryt
Dhanye court 🙏🙏🙏🤐
Yes
फिर बाद में वही लोग आपस में बलात्कार का केस करवाते फिरते हैं यह न्याय प्रक्रिया वालों को हो क्या गया है
कोर्ट है या कोठा
यह आपका कानून बोलता है,इस देश की संस्कृति इसे कुछ और बोलती है,कानून जितना लिबरल होगा अपराध उतने ही बढेगे।
देखते जाओ कुछ दिनों के बाद ये जज बलात्कार को भी बोलेंगे की बलात्कार भी अपराध नही है क्यों कि सबसे जादा इस देश के जज अय्याश और भ्रष्ट हैं सबसे बड़े चोर हैं छोटे छोटे मुकदमो को लटकाए रहते हैं 50~50 रुपये अगली तारीख देने के बहाने वसूलते रहते हैं ।😏🤔
Absolutely right.
जानवरों की तरह सड़क पर सेक्स करने लगे,वो भी अपराध नहीं--ये भी कोर्ट करवा दे।
वाह क्या बात है हमारे वामपंथी कोर्ट_कचहरी की हनीमून की तरह होटल के कमरे में बिना शादी के अय्याशी करके अपनेअपने ख़ानदान का नाम रोशन करोऔर इस इज्जत बढ़ाने वाली करतूत में हमारे वामपंथी कोर्ट_कचहरी का भी हाथ है,डूब मरो ऐसे फैसले सुनाने वालोंऔर बर्बाद करो देश की संस्कृति😡
ये मद्रास हाईकोर्ट जबरदस्ती पश्चिमी सभ्यता क्यों थोप रहा है 😠
बाद मे बलात्कार का कैश होगा तब यही हाइकोर्ट क्या फैसला देगी
सही है वो पुण्य का काम है।
न्याय की कुर्सी पर बैठ कर कुछ लोग अपना निजी जीवन चरित्र ,अपना निजी विचार देश पर जहाँ, 'भेदपूर्ण सांस्कृतिक जीवन है' कैसे थोप देते हैं ? ऐसे में नए सिरे से पद की परिधि रेखांकित करने का समय आ गया है।
Immorality is being slowly Legalised. As the value system of society degrades, there will be more cases, disputes, conflicts never seen or heard before.
तू ऐसे संविधान पर
Jode What does it mean? SC HCMADRAS rsprasad
सीधे सीधे ये क्यों नही कहते कि बिना शादी हनीमून मनाना भी गलत नही।।
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