Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप44 मिनट पहलेकोरोना की मार से जूझ रहे रेहड़ी-पटरी वालों की मदद के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत दिए गए लोन तेजी से NPA बन रहे हैं। बता दें बैड लोन या NPA तब बनता है, जब 90 या ज्यादा दिनों तक किस्त का भुगतान नहीं किया जाता। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक पत्र में यह बात सामने आई है। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर नगर निगम को भेजे पत्र में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर ने लिखा, 'बैंक ने नगर निगम की सिफारिश पर...
स्कीम के तहत अब तक 32.66 लाख लोगों ने अप्लाई कर चुके हैं। सरकार ने योजना से देश के 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा था।इससे पहले सरकार की महत्वाकांक्षी स्कीम 'मुद्रा लोन' भी सरकारी बैंकों का NPA बढ़ा चुकी है। इसके तहत बिजनेस के लिए 50 हजार से 10 लाख तक लोन दिया जाता है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 तक कुल मुद्रा लोन का 4.92% NPA बन चुका था।
RBI के मुताबिक 31 मार्च, 2020 तक देश का कुल NPA करीब 9 लाख करोड़ रुपये था। वह भी तब जब 2017 से 2020 के बीच 6.35 लाख करोड़ के NPA बट्टे खाते में डाले जा चुके थे।FSR अर्थव्यवस्था की बड़ी तस्वीर पेश करती है, क्योंकि इसमें देश के अलग-अलग सेक्टर के हालत के बारे में बताया जाता है। रिपोर्ट में अगर किसी सेक्टर की हालत खराब होती है तो अर्थव्यवस्था के असंतुलन का खतरा होता है।
इसके अलावा कई तरह से कोशिश के बाद भी जब बैंक तीन तिमाहियों तक पैसे वसूल नहीं कर पाते तब वो लोन के राइट-ऑफ की प्रक्रिया शुरू करते हैं। राइट-ऑफ से हुए घाटे की भरपाई बैंक को अपनी कमाई से करनी पड़ती है। ऐसे में बैंकों की परेशानियां भी बढ़ेंगीं।फरवरी, 2017 में एक इंटरव्यू में RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर डॉ.
avidwivedi बिना गांरटी लोन बांटोगे तो बेंक बर्बाद हि होंगे कोन चुकाता हे बिना डर दबाव के आजकल पेसे
avidwivedi वैसे भी बैंक मनमर्जी से लोन देता है, मुद्रा योजना में तो लोन नही दिया ज्यादातर किसी को भी।
avidwivedi आज देश मे बीमारियाँ और इलाज का खर्च इतना ज्यादा बढ गया है कि मिडिल क्लास लोग कंगाली और कर्ज मे जकड़ गये है और लोवर क्लास का तो कहना ही क्या । पर इस बारे मे न कोई नेता बोलता है न पत्रकार और सोशल मीडिया मे भी इस पर कभी कोई चर्चा नही । है न हैरानी की बात ।
avidwivedi बैंक्स पर से लोगों का भरोषा भी इतना कम कर दिया कि लोग अब बैंक्स में पैसा रखने से भी घबराने लगे सरकारी बड़े बड़े खर्चे क्यों नहीं रोके जा रहे चुनाव पूरे देश में पूरे पूरे साल चलते हैं चुनावी खर्चों की नकेल क्यों नहीं कसी जा रही RBI nsitharaman
avidwivedi lon dena banko Kam he our yah Sarkar ki jumedari he banko rakha pesa ko surkjit rakha jay garibo pesa Jama.
avidwivedi dont worry GOI has access to tax payers fund..they will give unlimited funds to save its sons..GOI collect money to feed its PSU/PSB let poor/hungry die..its their fate..our pradhan savek is also honey..
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