अर्थव्यवस्था के सामने अब भी हैं तीन बड़ी चुनौतियां, एक्सपर्ट ने बताई मार्केट की कठिनाई

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कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में अप्रैल से जून के दौरान देश की अर्थव्यवस्था 24.4% की दर से गिरी थी। हालांकि इस साल अप्रैल से जून 2021 के दौरान 20.1% की दर से बढ़त देखी गई थी।

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सचिन शाह के अनुसार दूसरा चुनौती जो सबसे ख़राब हो सकती है वह महंगाई है। महंगाई की वजह से अधिकांश चीजों की कीमतें काफी बढ़ी हुई है। धातुओं से लेकर कृषि उत्पाद और तेल की कीमतें काफी बढ़ी हुई है। लेकिन अब वहां धीरे धीरे सुधार देखा जा रहा है। करीब 1 तिहाई वस्तुओं में यह सुधार हो रहा है। हो सकता है कि यह चीनी अर्थव्यवस्था में आई मंदी के कारण हुआ हो। हालांकि इससे वस्तुओं की कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी। इसलिए यह जोखिम अभी भी हमारे सामने बना हुआ...

आगे उन्होंने कहा कि तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सभी अगले दो वर्षों में होने वाली आय वृद्धि पर भरोसा कर रहे हैं ताकि अधिकांश भारतीय कॉरपोरेट वास्तव में इसको वितरित कर सकें और इसके लिए उन्हें वैसी कुछ स्थिति की आवश्यकता होगी जो कि जीडीपी की वृद्धि से आना है। इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र का पूंजीगत खर्च, विनिवेश योजना और निर्यात में बहुत तेजी बनी रहनी चाहिए। यदि इनमें से कुछ बड़े फैक्टर सामने आते हैं तो अगले दो वर्षों के लिए हमारा अनुमान है कि आय में बहुत तेज वृद्धि होगी।24.

 

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