विदेश मंत्रालय की पेश की गई नजीर वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह साप्तहिक ब्रीफिंग के प्रक्रिया की शुरुआत है। इसमें विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग की तर्ज पर सवाल पूछने का कोई नियम नहीं होगा। ईएनएस नई दिल्ली | August 3, 2019 9:31 AM वित्त मंत्रालय विदेश मंत्रालय की तर्ज पर साप्ताहिक ब्रीफिंग शुरू करेगा। नॉर्थ ब्लॉक में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक के बाद अब उन्हें शायद वित्त मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछने की इजाजत नहीं होगी। शुक्रवार को हुई घटना के बाद तो ऐसा ही लगता है। पत्रकारों को बताया...
राजधानी के पत्रकारों के लिए एक्सक्लूसिव खबर निकाल पाने में पहले से ही मुश्किल हो रही थी। इसकी वजह मंत्रालय में सामान्य रूप से सूत्रों का मीडिया से बात करने को लेकर डर एक कारण है। इससे पहले नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में पीआईबी कार्डहोल्डर पत्रकारों के प्रवेश पर भी वित्त मंत्रालय की तरफ से रोक लगाई गई थी। Also Read शाह ने पत्रकारों से कहा था कि वह उनके प्रवेश पर रोक नहीं लगाने जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था, ‘मैं बड़े दिल वाला आदमी हूं, ऐसी पाबंदियां नहीं लगाउंगा।’ इससे पहले वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वित्त मंत्रालय के भीतर मीडिया के प्रवेश को लेकर कोई रोक नहीं है।
इस तरह के प्रेस ब्रीफिंग का फिर मतलब क्या होगा।जो भी निर्णय लें दुरदर्शन पर दिखा दें।
वित्त मंत्री जी ने तहे दिल से स्वीकार कर लिया अब बचपन जैसी यादाश्त नहीं है। कि हर प्रश्न का उत्तर बिना पढे दिया जा सके। इसके वित्तमंत्री जी को साधुवाद।
Sawal puchege to BJP ki pol kkhul jayegi... Ab in Tanashahi chalegi...
Ab looto jitna loot pao
मीडयाकर्मियों को आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए। पूरे देश को अब कैसे पता चलेगा कि वित्त विभाग में क्या चल रहा है। इन्हे जनता ने जिस काम को करने के लिए वित्त मंत्री की कुर्सी पर बैठाया है। वहा काम सही से हो रहा है या नहीं।
kapsology Waha jaane wale patrakaar kalam wale nhi, kamal wale hote h...aise log sawaal puch k krenge bhi kya...aur aakhir wo puchenge kya...sitaraman ji aap soti kyu nhi h,, aap aam kese khati h,,aap batua rakhti h kya🤔🤔
इमरजेन्सी जैसे हालात? nsitharaman
सत्ता से सवाल नही क्यो ? जब सब कुछ सरकार के कहने पर होता हैं तो सरकार से सवाल पूछना भारतीय का अधिकार हैं , कारण स्पष्ट करे सवाल क्यों नही पूछ सकते ?
वेसे भी इस सरकार के सामने मीडिया की औकात ही क्या है
देश मेंं पत्रकारोऔ को सवाल पूछने का हक नहीं आजाद भारतसंघ की मुट्ठी मेंलोकतंत्र का चौथा खंबा बेवश और लाचार लोकतंत्र में लंबे संघर्ष के बाद संवैधानिक अधिकारों के अस्तित्व में आए सूचना के अधिकार केमोदी सरकार ने पर कतर कर भ्रष्टाचार को उजागर करने रोकने के उपायलोक से अलक तंत्र
Bilkul sahi hai, Parliament main bhi koi puchane wala opposition nahi hai our financeminister brifing main bhi koi puchane wala Reporter nahi hai.
यूं कहिए खुले तौर पर अब पत्रकार चापलूसी नही कर पायेंगे!
Bharat Mata ki Jai Vande Matram Jai Shri Ram Modi Modi Modi
kapsology इससे अच्छा प्रेस_कॉन्फ्रेंस ही क्यों नही बंद कर देते.. खुद ईमेल से सारी जानकारी प्रेस को दे दो ... समझ रहे हो न ऐसा क्यों किया जा रहा है.. मोदी से कोई सवाल न पूछ सके ! धन्य हो !
कोई आश्चर्य नहीं है।देश पूरी तरह बरबाद होने के बाद तो जनता जान ही लेगी।तो पहले से ही कोई प्रश्न पूँछ पूँछ कर काहे माथा चाटे।क्या जनता को पता नहीं है कि निरंकुश तानाशाही किसे कहते हैं,न भी पता हो तो अबतो अनुभव करे।जय श्रीराम भाजपा वाले।
kapsology जवाब दोगे भी क्या, लंका तो लग चुकी है बुरी तरह से अर्थव्यवस्था की
Koi press hi na karo isse accha
kapsology नेहरू जी आप सुधरोगे तो नहीं।
kapsology Chalo sahi waise bhi the poochna bhi kya hai
Jab sarkar ke pass jawab hi nahi hai dene ko , to sawaal poochne ka bhi kya faayda 🧐🧐
सवाल करने की औक़ात समाप्त मीडिया की चापलूसी का इनाम
गूँगे बहरों को न्यौता
Reporters should carry dhol, manjeera and sing bhajan. Raghupati Raghav.......
दलालों ने कब सवाल पूछा है..?😊 उनके लिए तो वृत्त मंत्रालय में चाय कॉफी का एक अलग शेड की व्यवस्था की गई है... पियो खाओ मौज करो!😊
मतलब वित्त मंत्रालय भी PM की तरह 'मन की बात' करेगा।
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