पन्ने छपवा कर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर देश के किसानों को बरगलाने चले थे। अब उनके पत्र का जवाब दिया जाएगा। यह दावा किसान नेताओं ने किया है।
डॉ. सुनीलम ने बताया, केंद्र सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब समझ रहे हैं कि किसान आंदोलन को हल्के में लेना ठीक नहीं रहा। उन्हें ये ज्ञात हो चुका है कि किसानों का मामला अहंकार से हल नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री को अपनी शैली में बदलाव करना पड़ेगा। सरकार कभी आठ पन्ने का पत्र जारी कर रही है तो कभी पर्दे के पीछे काम कर मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जा रही है।
ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के अध्यक्ष सत्यवान बताते हैं, अच्छा हुआ कि समय पर मोदी सरकार का भ्रम दूर हो गया। जिस पत्र के पन्नों को लेकर भाजपा पदाधिकारी गांव-गांव पहुंच रहे हैं, अब वैसे ही उसका जवाब दिया जाएगा। किसान संगठन भी अपना पत्र तैयार कर रहे हैं। देर सवेर इसे जारी कर देंगे। खास बात है कि किसान आंदोलन में कहीं दूर-दूर तक भी निराशा और हताशा नहीं है। सरकार ने आंदोलन तोड़ने के लिए अनेक हठकंडे अपनाए हैं, मगर अभी तक आंदोलन अपनी जगह से नहीं हिल सका। अब तो ये आंदोलन दूसरे राज्यों में भी गति...
डॉ. सुनीलम ने बताया, केंद्र सरकार और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब समझ रहे हैं कि किसान आंदोलन को हल्के में लेना ठीक नहीं रहा। उन्हें ये ज्ञात हो चुका है कि किसानों का मामला अहंकार से हल नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री को अपनी शैली में बदलाव करना पड़ेगा। सरकार कभी आठ पन्ने का पत्र जारी कर रही है तो कभी पर्दे के पीछे काम कर मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जा रही है।
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