अफगानिस्तान में मीडिया कर्मियों पर तालिबान का कहर, कई पत्रकारों की हत्या... महिलाओं के लिए नया फरमान

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अफगानिस्तान में मीडिया कर्मियों पर तालिबान का कहर, कई पत्रकारों की हत्या... महिलाओं के लिए नया फरमान Taliban TortureAndKillJournalists AfghanistanCrisis

। अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से ही तालिबान अपने वादे से मुकर गया है। वो लगातार नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। इसमें सबसे अधिक प्रताड़ित महिलाओं और मीडिया कर्मियों को किया जा रहा है। यहीं नहीं कई पत्रकारों की हत्या तक की जा चुकी है। 150 अफगान पत्रकारों के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान के खतरों से उन्हें बचाने के लिए कहा है।

अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में पत्रकार डरे हुए हैं। पिछले दो दशकों में उन्होंने देश के अंदर पत्रकारिता की जो भावना पैदा की थी, वह अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है। तलिबान का असर मीडिया समूहों पर भी देखने को मिल रहा है। निजी टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे कंटेंट में बदलाव किया गया है। महत्वपूर्ण समाचार बुलेटिन, राजनीतिक बहस, मनोरंजन और संगीत कार्यक्रमों समेत विदेशी नाटकों को तालिबान सरकार के अनुरूप कार्यक्रमों से बदल दिया गया है।अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी...

दरियाबी घटना को याद करते हुए कहते हैं, ' तालिबानी लड़ाकों के हाथ में जो बी था, उन्होंने मुझे मारने के लिए वो इस्तेमाल किया। मेरे चेहरे पर जो निशान हैं, वो जूतों के है, जिस्से उन्होंने मेरे चेहरे पर मारी थी। उसके बाद मैं बेहोश हो गयाथा, इसलिए उन्होंने मुझे रोक दिया।' रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान के डर से कई पत्रकार छिप गए हैं, अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कर दिया है और तालिबान की आलोचना करने वाली खबरों को डिलीट कर दिया है।एक तरफ जहां पुरुष पत्रकार देश से भागने को मजबूर हैं वहीं,...

 

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Toh tum bhi jao waha.

अच्छा ताली बाण khanumarfa 😆😆😆

वल्लाह... या हबीबी.. रविशिया गैंग के पत्रकारों को सरकार उधर कब भेजेगी... क्योंकि 'मेग्सेसे अवॉर्डधारी' रवीश कुमार ने वहां जो लानत भेजी थी...वह उन्हें खुद ही डिलिवर करना पड़ेगा,

Indian wokes, libtards, Feminitwits, madarsachaaps andjholachaaps : '... but ... but .... Hinduism is authoritarian, Hindus are patriarchal, Hindu festivals are regressive ...'.

Time for RanaAyyub khanumarfa to stand up for their own community, religious and professional..l Will you now not demand Freedom of Expression and bla bla bla for your own people, again religious and professional.? Or is your reach limited to those happy with Free Biryani..?

Chsulam is the religion of peace and sha ria is the women friendly law

अफगानिस्तान को कुछ दिनों के लिए बिल्कुल अकेला छोड़ देना चाहिए सभी देशों को मिलकर आयात निर्यात और मीडिया को भी आने जाने पर प्रतिबध लगा देना चाहिए ताकि अगला कदम क्या होगा इसके बारे में जानकारी हासिल होगा

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