बिल्डिंग में एक नहीं, बल्कि कई अलग-अलग तरह की फैक्टरियों में नियमों को तार-तार किया जा रहा था। रिहायशी इलाका होने के कारण किसी भी फैक्टरी का लाइसेंस नहीं था। उत्तर दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी भी घरों में 800 से ज्यादा अवैध फैक्टरियां चल रही हैं।
बताया जा रहा है कि करीब 200 गज की जमीन पर चार मंजिला इमारत में अलग-अलग तल पर लेडिज बैग, प्लास्टिक दाना और अन्य सामान बनाने की फैक्टरियां चल रही थीं। काम करने के बाद मजदूर यही पर सो जाते थे। यह पूरा इलाका रिहायशी है और नियमों के मुताबिक किसी भी रिहायशी इलाके में फैक्टरियां नहीं चलाई जा सकती। यदि रिहायशी इलाके में कोई फैक्टरी चलाई जाती है तो उसे बंद करने या सील करने की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। यह क्षेत्र उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आता है। इस इमारत में चल रही फैक्टरियों को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर बड़ा सवाल उठ रहा है। सवाल यह है कि इस इलाके में पिछले 10 सालों से यह फैक्टरी चल रही थी, लेकिन निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। घटना के बाद निगम अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।ज्ञात हुआ है कि इस इमारत में प्लास्टिक दाना बनाने की भी फैक्टरी चल रही थी, जबकि दिल्ली...
दिल्ली नगर निगम के मुताबिक, रिहायशी इलाके में तभी फैक्टरी चलाई जा सकती है अग उद्योग प्रदूषण फैलाने वाला ना हो। इसके साथ ही रिहायशी संपत्ति का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा व्यावसायिक प्रयोग में नहीं लाया जाना चाहिए। फैक्टरी चलाने के लिए अधिकतम कर्मचारियों की संख्या नौ और अधिकतम 11 किलोवाट का बिजली मीटर होना चाहिए। रिहायशी संपत्ति की दिल्ली सरकार द्वारा पक्की रजिस्ट्री होनी चाहिए। सबसे अहम शर्त यह है कि रिहायशी इलाके में किराए पर फैक्टरी नहीं चलाई जा सकती है।जिस इमारत में अग्निकांड हुआ वहां रिहायशी...
लोगों की मौत के लिए मैं बेहद दुखी हूं। यह फैक्टरी बगैर लाइसेंस के चल रही थी। फैक्टरी का लाइसेंस ना होने की जिम्मेदारी निगम की है। इसकी जांच कराई जा रही है कि इसमें किन अधिकारियों की भूमिका रही। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी- बिल्डिंग में एक नहीं, बल्कि कई अलग-अलग तरह की फैक्टरियों में नियमों को तार-तार किया जा रहा था। रिहायशी इलाका होने के कारण किसी भी फैक्टरी का लाइसेंस नहीं था। उत्तर दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी भी घरों में 800 से...
ArvindKejriwal ManojTiwariMP DelhiPolice सरकार जब सख्ती करती है तब मीडिया सरकार को कोसता है जैसे अभी मोटर कानून के तहत सख्ती क्या की मीडिया रोज़ छाती पीटता नज़र आया। आज लोग मर गए तो सरकार को फिर कोसने लगा, कल सरकार सख्ती करके सील करने लगे फायर सेफ्टी कानून के तहत तो फिर ये पलट जाएंगे ।।
ArvindKejriwal ManojTiwariMP DelhiPolice Sahab,kindly take cognizance on all illegal structures who are playing with human life so that 'll not happen in future,this accident put a question mark on system & shows that miljul kar kaam chal raha hadse ke baad enquiry to majboori hai,hadsa na ho is liye enquiry jaroori hai
ArvindKejriwal ManojTiwariMP DelhiPolice Saare mehkume das saal se so rahe the. .inhe pata bhi tha, par ghoos KHORI k aagey sab ne kuch nahi kiya..maal milta raha.. bas intezaar tha kaand ka. AB MAALIK AUR ANYA SAATHI KO PAKDEGI POLICE AUR PRASHASAN.. DOOSRA DOUR CHALU HOGA GHOOSKHORI KA JIS MEIN KANOON SAAZ BHI HAI
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »