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बांग्लादेश: अदालत ने हत्या के आरोपी 20 छात्रों को दी मौत की सजा, सरकार के खिलाफ पोस्ट करने पर किया था कत्ल

वर्ल्ड डेस्क, अमर अजाला, ढाका Published by: सुभाष कुमार Updated Thu, 09 Dec 2021 01:11 AM IST
सार

सरकार की आलोचना किए जाने पर छात्र अबरार फहाद की हत्या कर दी गई थी। भारत के साथ नदी जल बंटवारे का समझौता न होने के विरोध में अबरार ने फेसबुक पर बांग्लादेश में सत्ताधारी दल अवामी लीग के खिलाफ पोस्ट किया था।

Bangladeshi court orders death sentence to 20 students for murdering fellow second year student inside a dormitory over a Facebook post criticising the government
20 छात्रों को मौत की सजा (सांकेतिक फोटो) - फोटो : demo pic
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बांग्लादेश की एक अदालत ने हत्या के आरोप में ढाका स्थित बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के 20 छात्रों को मौत की सजा सुनाई है। इन छात्रों पर दो साल पहले विश्वविद्यालय के द्वितीय वर्ष के छात्र की हत्या का आरोप है। अदालत ने 20 छात्रों को हत्या का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई, वहीं पांच को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। 



सरकार की आलोचना पर की थी हत्या
खबर के मुताबिक इन छात्रों ने 21 वर्षीय छात्र अबरार फहाद की हत्या सरकार की आलोचना किए जाने पर कर दी थी। भारत के साथ नदी जल बंटवारे का समझौता न होने के विरोध में अबरार ने फेसबुक पर बांग्लादेश में सत्ताधारी दल अवामी लीग के खिलाफ पोस्ट किया था। इसके बाद उसकी बैट और अन्य हथियारों से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। अबरार की लाश अगले दिन छात्रावास से बरामद की गई थी। ढाका की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट में जज अबू जफर मोहम्मद कमरुज्जमां ने दो साल बाद हत्या के आरोपियों को सजा दी। 


अवामी लीग की छात्र इकाई के से संबंध
अबरार की हत्या के आरोपी बांग्लादेश में सत्ताधारी दल अवामी लीग की छात्र इकाई बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) से जुड़े हुए थे। साल 2019 में अबरार को मारने के सभी आरोपी वहां से फरार हो गए थे। इसके बाद बीसीएल और विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी आरोपी छात्रों को निष्कासित कर दिया था। अबरार की हत्या का बड़े स्तर पर विरोध किया गया था।

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प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी बीसीएल को आरेपी छात्रों को तत्काल रूप से निष्कासित करने का निर्देश दिया था। कई गैर राजनीतिक संगठनों ने संस्थान में पार्टी की राजनीति का विरोध किया और इस पर बैन की मांग की थी। पीएम शेख हसीना ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर इसका फैसला छोड़ दिया था। 

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सजा को दी जा सकती है चुनौती
इस सजा पर अबरार फहद के पिता ने पत्रकारों के सामने खुशी जाहिर की है। वहीं, अबरार की मां ने जल्द से जल्द सजा के क्रियान्वयन की उम्मीद की है। बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि वह इस सजा को हाईकोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं।

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