VLSRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण, अब आसमानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे सकेगी भारतीय नौसेना
Successful test of VLSRSAM Missile बालेश्वर के चांदीपुर स्थित आईटीआर के एल सी 3 से मंगलवार शाम वीएलएसआरएसएएम यानी कि जमीन से हवा में प्रहार करने वाले वर्टिकल लॉन्च्ड शॉर्ट रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह मिसाइल नौसेना के लिए बनायी गयी है।
बालेश्वर, लावा पांडे। भारत ने आज अपने मिसाइल ई ताकत में इजाफा करते हुए एक नए किस्म के मिसाइल का बालेश्वर के चांदीपुर स्थित आईटीआर के एल सी 3 से वीएलएसआरएसएएम यानी कि जमीन से हवा में प्रहार करने वाले वर्टिकल लॉन्च्ड शॉर्ट रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। मंगलवार दोपहर करीब 3 बजकर 10 पर पूरी तरह से स्वदेशी ज्ञान कौशल से निर्मित इस मिसाइल को हवा में उड़ाया गया। इसे भारतीय नौसेना के लिए बनायी गयी है ताकि भारतीय नौसेना आसमानी हमलों का मुंह तोड़ जवाब दे सके।
आसमानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब
इस मिसाइल को वर्टिकल लॉन्च्ड शार्ट रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल कहते हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सफलतापूर्वक स्वदेशी मिसाइल का परीक्षण किया। मंगलवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में शार्ट रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल को वर्टिकल लॉन्च्ड शॉर्ट रेंज सर्फेस टू एयर (वी एल एस आर एस ए एम)मिसाइल कहते हैं। इस मिसाइल ने अपने निशाने को तय समय में ध्वस्त कर दिया था, पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित यह मिसाइल नौसेना के लिए बनाया गया है ताकि भारतीय नौसेना आसमानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे सके।
जाने क्या है मिसाइल की खूबियां
इस मिसाइल का परीक्षण कम से कम और अधिकतम रेंज के लिए किया गया था। सूत्रों की मानें तो 2022 में इस मिसाइल को नौसेना में शामिल किया जाएगा। इसकी मारक क्षमता 50 किलोमीटर है इस मिसाइल मैं वेपन कंट्रोल सिस्टम भी लगा है जो इसके तह हथियार को नियंत्रित करता है। यह एक साथ कई निशाने पर वार कर सकता है। भारतीय नौसेना के युद्ध पोतों में लगाई जाने वाली स्वदेशी मिसाइल वर्टिकल लॉन्च्ड सिस्टम में एक साथ 8 मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। यह वेपन कंट्रोल सिस्टम 360 डिग्री पर दुश्मन के हमलों को इंटरसेप्ट कर सकता है यानी कि ध्वस्त कर सकता है। यह मिसाइल जहां तैनात होगी उस पर हमला करना असंभव होगा।
8 गांव के 6500 लोगों को अस्थायी शिविरों में भेजा गया
आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा अंतरिम परीक्षण परिषद से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारियों का दल मौके पर मौजूद था। आज इसके परीक्षण को देखते हुए परीक्षण स्थल एल सी 3 के ढाई किलोमीटर के दायरे में आने वाले करीब 8 गांव के 6500 लोगों को अस्थाई शिविरों में सुबह 7 बजे से ही ला कर रखा गया था। इसके लिए इन लोगों को मुआवजा भी प्रदान किया गया था।
पूरे विश्व में भारत मील का पत्थर
भारतीय मिसाइल कार्यक्रम को लेकर कई पड़ोसी देशों ने अपना विरोध प्रकट कर चुके हैं। इसके बावजूद भी अपने तीनों सेनाओं को मजबूत करने की दिशा में एक एक नया कदम उठाते हुए भारतीय रक्षा विभाग आए दिन चाहे क्रूज़ रेंज की मिसाइल हो या फिर बैलेस्टिक रेंज की मिसाइल उनका सफलतापूर्वक दिन हो या रात को करता चला आ रहा है। भारत अपने सुरक्षा संबंधित किसी भी योजनाओं से किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहता, आज मिसाइल के क्षेत्र में मानो पूरे विश्व में भारत मील का पत्थर बन चुका है क्योंकि यह सभी देश जानते हैं कि आने वाला युद्ध मिसाइलों से ही जीता जा सकता है।
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