समाजवादी पार्टी के संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जिंदगी के कई पहलू हैं। राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह पहलवानी किया करते थे, जिसके कारण कई बार स्कूल में उन्हें डांट भी पड़ गई थी। पहलवानी और स्कूल की जिंदगी की एक ऐसी ही कहानी उन्हीं के क्लास टीचर ने एक सभा में सुनाई थी।

मुलायम सिंह के जन्मदिन के एक कार्यक्रम में उन्हें शुभकामनाएं देने के लिए उनके शिक्षक उदय प्रताप सिंह भी पहुंचे थे। उदय प्रताप उन्हें अंग्रेजी पढ़ाया करते थे। कार्यक्रम में उनका परिचय कराते हुए तब मुलायम सिंह ने कहा था- “ये मेरे गुरु हैं, मुझे पढ़ाया है और इनसे मैंने बहुत सीखा है। अंग्रेजी के प्रोफेसर थे”।

इसी कार्यक्रम में उदय प्रताप सिंह ने एक ऐसी कहानी सुनाई, जिसपर सभी लोग हंसने लगे। उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट की छमाही परीक्षा में मुलायम सिंह के कम नंबर आए थे। इसी बीच उनका पहलवानी का शौक भी चढ़ गया था और राज्य स्तर पर उनका नाम भी हो गया था। उन्हें स्टेट लेवल पर कुश्ती के लिए असम जाना था और एग्जाम में सिर्फ दो महीने बचे थे।

जब मुलायम सिंह की कुश्ती वाली कहानी उदय प्रताप सिंह को पता चली तो वो परेशान हो गए। उन्होंने तब मुलायम सिंह को बुलाया और कहा- “दो महीने रह गए हैं एग्जाम के, अगर आप कुश्ती लड़ने गए तो अखबार में आपका रोल नंबर नहीं मिलेगा, चश्मा लगाकर भी। शिक्षक ने मुलायम सिंह को साफ-साफ कह दिया कि कुश्ती लड़ोगे तो फेल हो जाओगे”।

उदय प्रताप सिंह ने तब मुलायम सिंह को बहुत समझाया। उन्होंने तब समझाते हुए कहा था कि उनके लिए बेहतर यही है कि कुश्ती छोड़, पढ़ाई पर ध्यान दें। परीक्षा पास हो जाओगे तो कुछ बन जाओगे। तब मुलायम सिंह ने अपने इस शिक्षक को जवाब दिया था कि वो कभी फेल नहीं होंगे।

इसके बाद मुलायम सिंह ने जमकर पढ़ाई की और एग्जाम दिए। हालांकि मुलायम सिंह पर उदय प्रताप सिंह को भरोसा नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने शिक्षक के सामने अलग से भी एक परीक्षा दी थी। तब जाकर उन्हें विश्वास हुआ था कि मुलायम सिंह पास हो जाएंगे। जब उदय प्रताप सिंह ये स्टोरी सुना रहे थे, तो उनके साथ खड़े मुलायम सिंह और पीछे अखिलेश यादव दोनों जमकर हंसते देखे गए।