कांग्रेस के बागी नेताओं का गुट G-23 आए दिन पार्टी नेतृत्व के रवैये पर सवाल उठाता रहा है जिसको लेकर उथल-पुथल सामने आती रही है। एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि पार्टी की वर्तमान पीढ़ी सुझावों को स्वीकारने को तैयार नहीं दिखती और वरिष्ठ नेताओं द्वारा दी गई सलाहों को बगावत की नजर से देखती है।

कांग्रेस में सुधारों की वकालत करने वाले G-23 समूह का हिस्सा गुलाम नबी आजाद ने न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “राजीव गांधी जब राजनीति में आए, उस वक्त इंदिरा गांधी ने उन्हें और मुझे बुलाया और कहा कि आजाद उन्हें भी ना कह सकते हैं लेकिन इसका मतलब अनादर या कोई आदेश न मानना नहीं होगा, यह पार्टी को बेहतर करने के लिए होगा।”

जम्मू और कश्मीर के सीएम रह चुके गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज कोई भी ना सुनने को तैयार नहीं है और इसकी वजह से आज आपका कोई महत्व नहीं रह जाता है। आजाद के इस बयान को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर इशारों ही इशारों में किया गया हमला बताया जा रहा है।

आगे उन्होंने कहा कि जब आपकी सलाह पर गौर नहीं किया जाता है तो, इससे उनको और अन्य वरिष्ठ नेताओं को तकलीफ होती है। गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”हम पार्टी में कोई पद नहीं चाहते हैं, बल्कि पार्टी की बेहतरी के लिए सलाह देते हैं। हम चाहते हैं कि पार्टी मजबूत हो और अच्छा प्रदर्शन करे।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”आज सत्ताधारी दल मजबूत है जबकि विपक्ष कमजोर है और विपक्ष के कमजोर होने का फायदा सत्ताधारी दल को ही होता है।” कांग्रेस के आगामी लोकसभा चुनावों में 300 सीट न जीत पाने का दावा करने को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो आजाद ने कहा कि पार्टी को केवल एक बार भारी बहुमत मिला था, जब इंदिरा गांधी के हाथों में इसका नेतृत्व था।

खुद को पक्के कांग्रेस बताने वाले गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी बनाने की अटकलों को खारिज कर दिया। हालांकि, उन्होंने यह कहा कि कोई नहीं जानता कि राजनीति में कब क्या हो जाए।