कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिक का दावा- आने वाली महामारी और भी जानलेवा होगी
- बैकी मॉर्टन
- बीबीसी न्यूज़
ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन बनाने वाली प्रोफ़ेसर ने कहा है कि भविष्य में महामारियां वर्तमान कोरोना संकट से भी घातक और जानलेवा होंगी.
प्रोफ़ेसर डेम सारा गिल्बर्ट ने 44वें रिचर्ड डिम्बलबी व्याख्यान में कहा कि महामारी की तैयारियों के लिए और अधिक फ़ंड की ज़रूरत है ताकि इनके प्रकोप को रोका जा सके.
उन्होंने ये भी चेताया कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है.
गिल्बर्ट ने कहा कि जब तक इस नए वेरिएंट को लेकर और भी जानकारी सामने ना आ जाए तब तक लोगों को भी सावधान रहने की ज़रूरत है.
इस व्याख्यान में उन्होंने कहा, ''यह आखिरी बार नहीं हो रहा है जब किसी वायरस से हमारे जीवन और हमारी आजीविका को ख़तरा पैदा हुआ है. सच तो यह है, कि अगली महामारी और भी बदतर हो सकती है. यह अधिक संक्रामक और अधिक घातक दोनों हो सकती है.''
"हम ऐसी परिस्थिति में दोबारा नहीं हो सकते जहां हम एक बार फिर वो सब देखें जो हमने इस बार देखा है, लेकिन कोरोना से हुए भारी आर्थिक नुकसान के कारण महामारी से निपटने की तैयारियों लिए हमारे पास फंड नहीं है."
''हमने इससे जो सीखा है और हमारा जो अनुभव रहा है वह व्यर्थ नहीं जाना चाहिए.''
'ओमिक्रॉन पर एंटीबॉडी का असर कम हो सकता है'
ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन है जो वायरस के संक्रमण को बढ़ाने का काम करता है.
उन्होंने कहा, ''ये वेरिएंट थोड़ा अलग है जिससे हो सकता है कि वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी, या दूसरे वेरिएंट के संक्रमण से बनने वाली एंटीबॉडी ओमिक्रॉन के संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी हो.''
''जब तक हम इस नए स्ट्रेन के बारे में और अधिक नहीं जान जाते, तब तक हमें सतर्क रहना चाहिए और इसके प्रसार को कम करने की कोशिश करनी चाहिए."
हालांकि उन्होंने ये भी कहा की वैक्सीन के प्रभाव के कम होने की संभावना का मतलब ये नहीं है कि संक्रमण बेहद गंभीर या मौत का कारण बन सकता है.
गिल्बर्ट ने महामारी के दौरान टीकों के निर्माण और दवाओं के वितरण में आई तेज़ी को अन्य बीमारियों के लिए भी लागू करने की मांग की.
उन्होंने कहा कि अन्य बीमारियों जैसे इंफ्यूएंज़ा के लिए भी एक यूनिवर्सल टीका बनाना चाहिए.
'डेल्टा से भी अधिक हो सकता है ओमिक्रॉन का संक्रमण'
शनिवार को, ब्रितानी सरकार ने घोषणा की कि ब्रिटेन जाने वाले सभी यात्रियों को अब प्रस्थान से पहले एक कोविड टेस्ट कराना होगा.
ओमिक्रॉन वायरस के सामने आने के बाद से ब्रिटेन ने दक्षिण अफ़्रीका सहित कुछ अफ़्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है और अब इस लिस्ट में नाइजीरिया को भी शामिल कर लिया गया है.
मंगलवार से 12 साल और उससे अधिक उम्र के यात्रियों को यात्रा के 48 घंटे पहले किए गए आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.
लेकिन सरकार के एक सलाहकार वैज्ञानिक ने कहा कि यात्रा के नियमों में बदलाव करने में "सरकार ने काफ़ी देर कर दी, अब बात हाथ से निकल चुकी है."
प्रोफ़ेसर मार्क वूलहाउस ने कहा है कि ब्रिटेन में ओमिक्रॉन वेरिएंट की संभावित लहर को रोकने के लिए 'नए यात्रा नियम बहुत देर से लागू किए गए हैं.'
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ब्रितानी सरकार में साइंटिफ़िक पेनडेमिक इंफ़्लूएंज़ा ग्रुप के सदस्य प्रोफ़ेसर वूलहाउस ने बीबीसी के एंड्रयू मार शो में कहा कि ब्रिटेन में ओमिक्रॉन "बहुत तेज़ी से फैल रहा है", और अगर यहां और दक्षिण अफ्रीका में मौजूदा हालात जारी रहे तो आने वाले हफ्तों और महीनों में, यह डेल्टा पीछे छोड़ देगा.
ब्रिटेन में रविवार को ओमिक्रॉन के 86 नए मामले सामने आए हैं और देश में अब तक कुल संक्रमण की संख्या 246 हो चुकी है.
डेम सारा गिल्बर्ट को इस साल महारानी के जन्मदिन के मौके पर डेमहुड से सम्मानित किया गया था, पहली बार चीन में कोरोना वायरस के सामने आने के बाद साल 2020 की शुरुआत में उन्होंने इस वायरस की वैक्सीन बनाना शुरू किया था. वो ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन बनाने वालों में से एक हैं.
ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन दुनिया भर में सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली वैक्सीन है, 170 से अधिक देशों में ये वैक्सीन लगाई जा रही है.
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