गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को ई-वाहनों (ईवी) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए गोवा बिजली परिवहन संवर्द्धन नीति-2021 का शुभारंभ किया। उन्होंने गोवा में भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहन देने के लिए आयोजित गोलमेज के दौरान इस नीति की शुरुआत की।

सावंत ने कहा कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य बैटरी से चलने वाले वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना और राज्य के लोगों के लिए रोजगार पैदा करना है। नीति के तहत तहत प्रदान किए जा रहे लाभ पर उन्होंने कहा, ‘‘हम विनिर्माण को प्रोत्साहन दे रहे हैं। गोवा में पंजीकृत सभी श्रेणी के ई-वाहनों पर पांच साल तक पथकर की छूट दी जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ई-वाहनों के खरीदारों को सब्सिडी भी देगी और चार्जिंग ढांचा स्थापित करेगी। सावंत ने बाद में कार्यक्रम से इतर पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि राजमार्गों पर प्रत्येक 25 किलोमीटर पर चार्जिंग ढांचा होगा। शहर में चार्जिंग स्टेशन राजमार्गों की तुलना में कम दूरी पर होंगे।

नीति के तहत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीति दो, तीन और चार पहिया ई-वाहनों के लिए है। दोपहिया वाहनों के लिए यह 30 प्रतिशत और तिपहिया के लिए 40 प्रतिशत है। चार पहिया वाहनों के लिए हम तीन लाख रुपये तक देंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लाभ ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर लगभग 400 वाहनों को दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस नीति से राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10,000 रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इस मौके पर भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत, विभिन्न राज्यों के परिवहन मंत्री तथा अन्य सरकारी अधिकारी मौजूद थे।

बता दें कि तेल के आसमान छूते दामों के बीच ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ई-व्हीकल्स की ओर रुख कर रही है। माना जा रहा है कि पांच से 10 साल के भीतर देश की सड़कों पर इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक्स और कार्स बड़ी संख्या में दौड़ने लगेंगी। इससे न केवल ईंधन की बचत होगी, बल्कि उससे फैलने वाला प्रदूषण भी कम होगा।

केंद्रीय परिवहन भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि आने वाला कल वैकल्पिक ईंधन का है। यही वजह है कि कई सूबों में सरकारें ई-व्हीकल्स लेने पर सब्सिडी दे रही हैं। इनमें गोवा के अलावा दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, मेघालय, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान समेत कई राज्य शामिल हैं।