महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में सूबे में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles (MV) Act) लागू किया है। संशोधन के तहत राज्य सरकार ने बिना लाइसेंस के वाहन चलाने सहित विभिन्न यातायात अपराधों के लिए कंपाउडेड फीस (चक्रवृद्धि शुल्क) में वृद्धि कर दी है। सरकार ने हाल ही में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के कार्यान्वयन के बारे में एक अधिसूचना जारी की, जिसके अनुसार संशोधित कंपाउंडिंग शुल्क एक दिसंबर, 2021 से लागू हुआ।

समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के साथ बात करते हुए राज्य परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकाने ने बताया, कंपाउंडिंग फीस में बढ़ोतरी दुर्घटनाओं को कम करने और नागरिकों के बीच अनुशासन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “इससे समग्र सड़क सुरक्षा में सुधार, मौतों को कम करने और लोगों के बीच बेहतर सड़क अनुशासन सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।”

अधिसूचना के अनुसार, जो लोग एंबुलेंस को रास्ता देने में विफल रहेंगे उन पर 10,000 रुपए का कंपाउंडिंग शुल्क लगाया जाएगा। अगर कोई बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उनसे 5000 रुपए का कंपाउंडिंग शुल्क लिया जाएगा। अगर वाहन चलाने वाला व्यक्ति गाड़ी का मालिक नहीं है, तो वाहन मालिक को अनुमति देने के लिए समान राशि का कंपाउंडिंग शुल्क लगाया जाएगा। बीमा के बिना ड्राइविंग पर 2000 रुपए का कंपाउंडिंग शुल्क लगेगा, जबकि वाहन के साथ किसी भी अनधिकृत हस्तक्षेप पर 1,000 रुपए का कंपाउंडिंग शुल्क लगेगा।

अधिसूचना के अनुसार, सड़कों पर रेसिंग करते हुए जो वाहन पकड़े जाएंगे उन पर संशोधित कंपाउंडिंग शुल्क पहले अपराध के लिए 5000 रुपए और दूसरे अपराध के लिए 10,000 रुपए और बाद के प्रत्येक अपराध के लिए है। अपराधियों को बिना रिफ्लेक्टर और टेल लैंप के वाहन चलाने के लिए निर्धारित प्रपत्रों के अलावा पंजीकरण प्लेट (नंबर प्लेट) प्रदर्शित करने के लिए 1,000 रुपए का कंपाउंडिंग शुल्क देना होगा। इसके अतिरिक्त, बिना टिकट या स्टेज कैरिज बसों में पास के बिना यात्रा करने के लिए कंपाउंडिंग शुल्क 500 रुपए होगा।

नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत, अगर पहली बार अपराध किया गया है तो कंपाउंडिंग शुल्क 500 रुपए और दूसरे अपराध के लिए 1,500 रुपए और उसके बाद बढ़ा दिया गया है।

दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने अपनी अधिसूचना में मोटर वाहन विभाग, यातायात पुलिस, राजमार्ग पुलिस, शहरी पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों की रैंक का भी उल्लेख किया है, जिनके पास इन अपराधों को कम करने का अधिकार है। केवल एक विशिष्ट रैंक से ऊपर के अधिकारी ही यातायात अपराधों को कम करने की शक्ति रखते हैं। कथित तौर पर, मोटर वाहन विभाग में, केवल सहायक निरीक्षक, यातायात पुलिस और राजमार्ग पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक, या जिन जिलों में यातायात शाखा नहीं है, वहां हेड कांस्टेबल के पद से ऊपर के अधिकारी ही यातायात अपराधों को कम कर सकते हैं।