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बिहार: मुफ्त शिविर में कर दिए मोतियाबिंद के ऑपरेशन, कई लोगों की गई आंख की रोशनी, एफआईआर दर्ज

पीटीआई, मुजफ्फरपुर Published by: Jeet Kumar Updated Fri, 03 Dec 2021 02:05 AM IST
सार

चार मरीजों की आंखें अस्पताल में ही निकलनी पड़ी, ताकि शरीर के अन्य हिस्सों में संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

Cataract operation done in free camp and many people lost their eyesight in Bihar
सांकेतिक तस्वीर.... - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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बिहार के मुजफ्फरपुर में 22 नवंबर को चैरिटेबल अस्पताल में एक नि:शुल्क शिविर आयोजित हुआ था। यहां कुछ लोगों का मोतियाबिंद किया गया था। इसके बाद करीब 20 लोगों की आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई। इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।



मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन विनय कुमार शर्मा ने कहा कि ब्रह्मपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें सर्जरी करने वाले डॉक्टर, आयोजित शिविर में उनकी सहायता करने वाले पैरामेडिक्स और मुजफ्फरपुर नेत्र अस्पताल के प्रबंधन में शामिल लोग शामिल हैं।


 65 लोगों का हुआ था मोतियाबिंद का ऑपरेशन
मुजफ्फरपुर के कस्बे के जुरान छपरा मोहल्ले में स्थित चैरिटेबल अस्पताल में आयोजित शिविर में कुल 65 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था। कुछ ही दिनों में उनमें से कई लोगों ने दर्द और अन्य समस्याओं की शिकायत की। 

 चार मरीजों की आंखें अस्पताल में ही निकलनी पड़ी
चिकित्सा प्रतिष्ठान की प्रबंध समिति के एक सदस्य ने कहा कि ऐसे चार मरीजों की आंखें अस्पताल में ही निकलनी पड़ी, ताकि शरीर के अन्य हिस्सों में संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। बाद में, 11 अन्य लोगों को एसकेएमसीएच रेफरल अस्पताल में भर्ती किए गए जहां उनकी आंख निकालनी पड़ी।

जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा, नेत्र अस्पताल को अगले आदेश तक किसी भी तरह की सर्जरी करने से रोक दिया गया है। हमने उन सभी का विवरण प्राप्त किया है जिनका शिविर में ऑपरेशन किया गया था। उनका पता लगाया जा रहा है और जांच के लिए ले जाया जा रहा है।

शीतकालीन सत्र में उठा मुद्दा
इस बीच, जिस मुद्दे के परिणामस्वरूप राज्य सरकार पर एनएचआरसी का नोटिस थमा दिया गया, उस मुद्दे को विपक्ष ने विधायिका के अंदर भी उठाया जहां शीतकालीन सत्र चल रहा है। कांग्रेस एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा द्वारा एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया गया था, जिन्होंने दुखद प्रकरण पर सदन के पटल पर विस्तृत चर्चा की मांग की थी।

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