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महाराष्ट्र सरकार का सख्त एक्शन, डीजी होमगार्ड और मुंबई के पूर्व सीपी परमबीर सिंह को किया सस्पेंड

मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की उगाही करने का आरोप लगाया था. उसके बाद अनिल देशमुख जेल में चले गए, परमबीर सिंह गायब हो गए. लेकिन अब परमबीर सिंह सामने आए तो फिर से पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया है.

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पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ मुंबई और ठाणे में 5 केस दर्ज हैं.
पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ मुंबई और ठाणे में 5 केस दर्ज हैं.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार का सख्त एक्शन
  • परमबीर सिंह लंबे समय से लापता चल रहे थे.
  • परमबीर सिंह पर सेवा के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप

महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को डीजी होमगार्ड और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) को निलंबित कर दिया. महाराष्ट्र सरकार ने देबाशीष चक्रवर्ती की रिपोर्ट पर परमबीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है. परमबीर सिंह पर सेवा के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. 

दरअसल, परमबीर सिंह ने इसी साल मार्च महीने में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया था. पुलिस अफसर ने लिखा कि देशमुख, सचिन वाजे को हर महीने बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहते थे.

इसके बाद हुए हंगामे के बाद अनिल देशमुख जेल में चले गए और परमबीर सिंह का ट्रांसफर कर उन्हें होमगार्ड का डीजी बनाया गया था. आखिरी बार उन्हें मई 2021 में ही ऑफिस में देखा गया था और तभी से वह गायब थे.

230 दिन बाद पहुंचे थे दफ्तर
महाराष्ट्र के गृह विभाग ने इस मामले में आईपीएस परमबीर सिंह के खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी के आदेश दिए थे. एसीएस (प्लानिंग) देबाशीष चक्रवर्ती ने ये जांच की थी, जिसमें उन्हें ऑल इंडिया सर्विस रूल्स के नियमों के उल्लंघन करने का दोषी पाया गया. करीब 230 दिन बाद परमबीर सिंह 29 नवंबर को फिर अपने ऑफिस पहुंचे थे. हालांकि, अब उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.   

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अनिल देशमुख को भी राहत नहीं
उधर, 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को भी राहत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने अनिल देशमुख की याचिका दायर कर कोर्ट से सीबीआई की प्रारंभिक रिपोर्ट और अन्य रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश मांगा था.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशमुख उचित अदालत के समक्ष अपनी शिकायत लेकर जा सकते हैं. अदालत ने कहा कि इस मामले में भी सामान्य कानूनी प्रकिया जारी रहने दी जानी चाहिए.

 

 

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