Please enable javascript.Karachi Zoo Elephant Sonia: Pakistan Elephant Sonia At Karachi Zoo Thought To Be Male Sonu Is Actually Female - कराची जू में 12 साल तक 'सोनिया' को 'सोनू हाथी' समझते रहे पाकिस्‍तानी डॉक्‍टर, लोगों ने लिए मजे

कराची जू में 12 साल तक 'सोनिया' को 'सोनू हाथी' समझते रहे पाकिस्‍तानी डॉक्‍टर, लोगों ने लिए मजे

Curated byशैलेश कुमार शुक्ला | नवभारतटाइम्स.कॉम | 2 Dec 2021, 9:56 am
Subscribe

Pakistan Male Elephant Actually Female: कंगाल पाकिस्‍तान के कराची जू में जानवरों को खाना भी बहुत मुश्किल से मिल रहा है। अंतरराष्‍ट्रीय डॉक्‍टरों ने जब जांच की तो पता चला कि जिस हाथी को पाकिस्‍तानी डॉक्‍टर 12 साल से नर समझते थे, वह मादा है।

हाइलाइट्स

  • कराची चिड़‍ियाघर में डॉक्‍टरों ने खुलासा किया है कि हाथी को 12 साल तक गलती से नर समझा गया
  • कई पशुओं की दयनीय हालत के बाद यह कराची चिड़‍ियाघर विवादों में आ गया है और जांच चल रही है
  • डॉक्‍टर फ्रैंक गोइरिट्ज ने 4 हाथियों की जांच की और पाया कि एक हाथी के सर्जरी की जरूरत है
Karachi zoo
कराची च‍िड़‍ियाघर में 12 साल बाद मादा हाथी की पहचान
कराची
जानवरों को खाना नहीं देने को लेकर विवादों में आए पाकिस्‍तान के कराची चिड़‍ियाघर में पशुओं के डॉक्‍टरों ने खुलासा किया है कि जिस हाथी को 12 साल से 'सोनू' समझा जा रहा था, वह दरअसल 'सोनिया' है। कई पशुओं की दयनीय हालत के बाद यह चिड़‍ियाघर विवादों में आ गया है। इसको देखते हुए डॉक्‍टरों की एक टीम कराची च‍िड़‍ियाघर की जांच करने पहुंची थी। इसी दौरान खुलासा हुआ कि जू में बंद हाथी नर नहीं बल्कि मादा है।
डॉक्‍टर फ्रैंक गोइरिट्ज ने 4 हाथियों की जांच की और पाया कि एक हाथी के सर्जरी की जरूरत है। वहीं अन्‍य हाथियों की हालत भी बहुत खराब है और कई जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दो हाथियों में से एक सोनू जिसे नर समझा जाता रहा था, वह वास्‍तव में एक मादा है। अब इस हाथी का नाम सोनिया कर दिया गया है। सोनिया और मलिका को साल 2009 में तंजानिया से लाया गया था।
वीडियो: कराची चिड़‍ियाघर में भूख से तड़प रहे बेजुबान जानवर, शेर की हालत देख रो पड़ा पाकिस्‍तान
पाकिस्‍तानी डॉक्‍टरों की अज्ञानता पर सोशल मीडिया पर लोग मजे ले रहे
माना जा रहा है कि साल 2009 में आने के बाद कोई भी डॉक्‍टर सोनिया की जांच करने नहीं गया था। वह भी तब जब चिड़‍ियाघर में डॉक्‍टर हैं और एक दशक तक उन्‍हें सोनिया के जेंडर के बारे में जानकारी ही नहीं थी। अंतरराष्‍ट्रीय डॉक्‍टरों ने जब अल्‍ट्रासाउंड टेस्‍ट किया तो भी पाकिस्‍तानी डॉक्‍टर उसे मानने के लिए तैयार नहीं थे। वे फिर भी जोर दे रहे थे कि यह सोनिया नहीं बल्कि सोनू है। पाकिस्‍तानी डॉक्‍टरों की इस अज्ञानता पर सोशल मीडिया पर लोग मजे ले रहे हैं।

बता दें कि पाकिस्‍तान की आर्थिक राजधानी कराची के चिड़‍ियाघर में जानवर भूख से तड़प रहे हैं और इमरान खान की कंगाल सरकार उन्‍हें खाना तक नहीं खिला पा रही है। पिछले दिनों एक शेर की बदहाली के वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों की आंखों में आंसू ला दिया। इससे पाकिस्‍तानी सोशल मीडिया यूजर्स बहुत गुस्से में हैं। वे अपनी सरकार से कह रहे हैं कि अगर पिंजरों में जानवरों को खाना देने के लिए पैसे नहीं हैं तो सभी चिड़ियाघरों को बंद कर दो।

कराची चिड़ियाघर में एक शेर बेहद कमजोर नजर आया
वीडियो क्लिप में कराची के एक चिड़ियाघर में एक शेर बेहद कमजोर नजर आया। लगता है, जैसे पिछले कुछ दिनों से शेर को खाना नहीं दिया गया हो। सीडीआरएस बेंजी प्रोजेक्ट फॉर एनिमल वेलफेयर, पाकिस्तान की कंट्री डायरेक्टर क्वाट्रिना हुसैन ने ट्विटर पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘अगर हम जानवरों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं, तो हमें चिड़ियाघरों को चलाने का कोई अधिकार नहीं है। कराची चिड़ियाघर खाद्य आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान नहीं कर पाता। जानवर पहले से ही दयनीय स्थिति में हैं।’
शैलेश कुमार शुक्ला
शैलेश कुमार शुक्ला के बारे में
शैलेश कुमार शुक्ला
शैलेश कुमार शुक्‍ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्‍क पर कार्यरत हैं। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।... Read More
कॉमेंट लिखें

अगला लेख

Worldकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर