जश्न-ए-रिवाज पर रिएक्शन:फैबइंडिया ने ऐड वापस लिया, जावेद अख्तर बोले- इस शब्द से दिक्कत क्या है, ये तो पागलपन है

2 वर्ष पहले
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जावेद अख्तर ने फैब इंडिया विज्ञापन विवाद पर अपनी राय रखी है। उन्होंने विरोध करने वालों को पागल करार दिया है। लेकिन उनका यह कहना उनके लिए ही भारी पड़ गया। ट्वीट करने के बाद लोगों ने उन्हें बुरी तरह ट्रोल किर दिया। हालांकि विवाद के खिलाफ विरोध को बढ़ता देख क्लोदिंग लाइन फैब इंडिया ने अपना दिवाली विज्ञापन कैंसिल कर दिया।

जावेद अक्सर मुखर होकर बोलते हैं
जावेद अख्तर अक्सर विभिन्न विषयों पर अपनी राय साझा करते हैं और कभी भी बोलने से पीछे नहीं हटते। फैब इंडिया विवाद को 'पागलपन' बताते हुए, जावेद अख्तर ने ट्विटर पर लिखा, "मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि कुछ लोगों को फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज से कोई समस्या क्यों है। जिसका अंग्रेजी में मतलब "परंपरा का उत्सव" के अलावा और कुछ नहीं है, इससे किसी को कैसे और क्यों परेशानी हो सकती है। यह पागलपन है।"

फैब इंडिया ने 9 अक्टूबर को इस फेस्टिव कलेक्शन को सोशल मडिया पर शेयर करते हुए लिखा था- "जैसा कि हम प्यार और प्रकाश के त्योहार का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा जश्न-ए-रिवाज़ एक ऐसा कलेक्शन है जो खूबसूरती से भारतीय संस्कृति को ट्रिब्यूट देता है।"

यह है पूरा मामला, जहां से विवाद शुरू हुआ
लाइफस्टाइल प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी फैब इंडिया अपने फेस्टिव कैंपेन को लेकर विवादों में तब आई जब कंपनी ने दिवाली से पहले जश्न-ए-रिवाज नाम से एक कैंपेन शुरू किया।ऐड में एक उर्दू मुहावरे जश्न-ए-रिवाज का इस्तेमाल किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। ब्रांड पर अपने फेस्टिव कलेक्शन को जश्न-ए-रिवाज़ का नाम देकर हिंदू त्योहार को 'विकृत' करने का आरोप लगाया गया है।

फैब इंडिया का कैंपेन पसंद नहीं आया
कई यूजर्स की तरह मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन मोहनदास पाई ने नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया, 'दिवाली पर फैब इंडिया का बेहद शर्मनाक बयान! जैसे दूसरों के लिए क्रिसमस और ईद है वैसे ही यह एक हिंदू धर्म का त्योहार है! ऐसा बयान एक धार्मिक त्योहार को खत्म करने की सोची-समझी कोशिश को दिखाता है!'

दरअसल ऐड के पोस्टर में जो भी मॉडल दिखाई गईं वो सभी पारंपरिक परिधान में हैं। लेकिन उन्होंने बिंदी नहीं लगाई है। कुछ लोगों की आपत्ति उर्दू शब्द से थी कि जब हिंदुओं का त्यौहार फिर उर्दू क्यों? यानी ये धीरे-धीरे हमारी परंपरा को खत्म करने की चाल है। विवाद बढ़ा तो फैब इंडिया ने सफाई देते हुए पोस्टर हटा लिया।

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