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नहीं थमा टीएलपी का इस्लामाबाद मार्च, मांगे मानने के लिए इमरान सरकार को दिया दो दिन का समय

पंजाब प्रांत में पुलिस के साथ हुए खूनी टकराव के बावजूद पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का इस्लामाबाद मार्च थमा नहीं है। इमरान सरकार पर दबाव बनाने के लिए दसियों हजार टीएलपी कार्यकर्ता और समर्थक विभिन्न रास्तों से इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 09:40 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 09:40 PM (IST)
नहीं थमा टीएलपी का इस्लामाबाद मार्च, मांगे मानने के लिए इमरान सरकार को दिया दो दिन का समय
इमरान सरकार नहीं रोक पा रही टीएलपी का इस्लामाबाद मार्च। (फाइल फोटो)

लाहौर, प्रेट्र। पंजाब प्रांत में पुलिस के साथ हुए खूनी टकराव के बावजूद पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का इस्लामाबाद मार्च थमा नहीं है। इमरान सरकार पर दबाव बनाने के लिए दसियों हजार टीएलपी कार्यकर्ता और समर्थक विभिन्न रास्तों से इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं, जबकि कई हजार राजधानी में दाखिल हो चुके हैं। संगठन प्रमुख साद रिजवी की रिहाई और फ्रांसीसी राजदूत को देश से निकालने की मांग लेकर हो रहे इस मार्च को रोकने के लिए बुधवार को पुलिस ने लाहौर के नजदीक कार्रवाई की थी। हफ्ते भर से चल रहे दोनों पक्षों के टकराव में आठ पुलिसकर्मी और 11 टीएलपी समर्थक मारे गए हैं। घायलों की तादाद 400 से ज्यादा है जिनमें से आधे से ज्यादा पुलिस वाले हैं। एक घायल पुलिसकर्मी की गुरुवार को सुबह मौत हुई है।

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टीएलपी के इस्लामाबाद कूच के चलते लाहौर से इस्लामाबाद जाने वाली सड़क पर जनसामान्य का आवागमन ठप हो गया है। बहुत बड़े इलाके की मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं। लाहौर से इस्लामाबाद की ओर चलने वाली तीन ट्रेनों की सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। सुरक्षा उपायों के तहत पुलिस और रेंजर तैनात हैं लेकिन प्रशासन टीएलपी समर्थकों को इस्लामाबाद पहुंचने से रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। सरकार बुधवार जैसा खूनखराबा अब नहीं चाहती है। पंजाब सरकार के एक उच्च अधिकारी के अनुसार टीएलपी नेताओं से बातचीत की कोशिश की जा रही है। बातचीत से स्थिति बिगड़ने की आशंका दूर की जाएगी। हालात को काबू में लाने के लिए सरकार ने दो दिनों में 350 टीएलपी कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा किया है, लेकिन कट्टरपंथी संगठन अपनी दोनों मूल मांगें छोड़ने को तैयार नहीं है।

इमरान सरकार ने साफ कर दिया है कि टीएलपी को इस्लामाबाद में धरना देने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जबकि सरकार पर दबाव बनाने के लिए टीएलपी के दसियों हजार लोग इस्लामाबाद में धरना देना चाह रहे हैं। उन्होंने अपनी दोनों मांगें पूरी करने के लिए इमरान सरकार को दो दिन का समय दिया है। इमरान सरकार के फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने से इन्कार और साद रिजवी को रिहा न करने पर मुरीदके और गुजरांवाला के मध्य जीटी रोड पर पिछले हफ्ते धरना शुरू हुआ था। बुधवार को जब टीएलपी कार्यकर्ता इस्लामाबाद की ओर बढ़ने लगे तब उन्हें रोकने की पुलिस की कोशिश में खूनी टकराव हुआ था। टकराव के दौरान टीएलपी कार्यकर्ताओं ने एके-47 रायफलों और अन्य आटोमैटिक हथियारों से पुलिस पर फायरिंग की थी। संगठन ने फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद की विवादित तस्वीर बनाए जाने के विरोध में वहां के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने की मांग की है। जबकि टीएलपी मुखिया साद रिजवी को पंजाब पुलिस ने जन सुरक्षा कानून के तहत अप्रैल में गिरफ्तार किया था। साद संगठन के संस्थापक मरहूम खादिम रिजवी का बेटा है।


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