रिपोर्टर- पवन सिंह अतुल, अभिजीत श्रीवास्तव और कीर्ति दुबे
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आगरा: पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में तीन कश्मीरी छात्र गिरफ़्तार
अनंत झणाणे
बीबीसी हिंदी के लिए
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आगरा पुलिस ने टी-20 विश्वकप में भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ़्तार किया है.
इस गिरफ़्तारी की पुष्टि आगरा के लोहामंड इलाके के सर्कल ऑफ़िसर सौरभ सिंह ने की.
इन छात्रों को जगदीशपुरा थाने में गिरफ़्तार किया गया और अब इन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. यह तीनों आगरा के राजा बलवंत सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र हैं.
गिरफ़्तार किए गए छात्रों में, अर्शीद युसूफ़ और इनायत अल्ताफ़ शेख़ इंजीनियरिंग के तीसरे साल के छात्र हैं और शौकत अहमद गनी चौथे साल के छात्र हैं.
इन तीनों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153A, 505(1)(b) और आईटी एक्ट, 2008 की धारा 66F के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एफ़आईआर में कहा गया है कि इन तीनों ने देश विरोधी नारे लगाए और आराजकता फैलाने की कोशिश की है,जिससे माहौल ख़राब होने की आशंका पैदा हुई.
आईपीसी की धारा 153- ए के अनुसार, "कोई व्यक्ति अगर लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देता है जिससे साम्प्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती है तो उसे गिरफ़्तार किया जा सकता है इसके तहत जुर्माने के साथ, छह महीने से एक साल की क़ैद की सजा हो सकती है."
आईपीसी की धारा 505(1)(b)के तहत समाज में फ़र्जी ख़बर फैलाने का मामला दर्ज किया जाता है जबकि धारा 66Fआईटी एक्ट में साइबर टेररिज़्म के अपराध के लिए लगाया जाता है.
इन तीनों छात्रों को कॉलेज प्रशासन ने पहले हीनिलंबित कर दिया था.
पेगासस मामले पर राहुल गांधी का मोदी-शाह पर हमला, पात्रा का पलटवार
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पेगासस मामले की जाँच के लिए तीन साइबर विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को एक बड़ा क़दम बताया है और आशा जताई है कि सच सामने आ जाएगा.
आज एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केवल प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने ही पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल का आदेश दिया होगा.
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, "सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का हम स्वागत करते हैं. बात राजनीति की नहीं है- ये देश के लोकतांत्रिक ढाँचे पर, जनता पर व आज़ादी पर हमला है. ये हमला करने का निर्देश सिर्फ़ दो ही लोग दे सकते हैं और जब सच सामने आएगा उनके पास कोई जवाब नहीं होगा."
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इसराइली स्पाइवेयर पेगासस के ज़रिए कथित तौर पर कुछ लोगों की जासूसी किए जाने की मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति नियुक्त की और कहा कि देश के हर नागरिक को निजता के हनन से बचने का अधिकार है और केवल "राष्ट्रीय सुरक्षा" के नाम पर अदालत एक "मूक दर्शक" नहीं बनी रह सकती.
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सरकार के ही इस मामले पर दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक़ है.
पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी मखौल उड़ाते हुए कहा कि वो बीजेपी को निशाना बनाने के लिए एक ही तरह की शब्दावली का इस्तेमाल करते है और बातों को दोहराते हैं.
संबित पात्रा ने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय को लेकर राहुल गांधी जी ने फिर उन्हीं शब्दों का उच्चारण किया, जो वो हमेशा करते हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस इस विषय को लेकर कोर्ट नहीं गए थे."
पात्रा ने कहा, "भ्रम और राहुल गांधी जी का गहरा रिश्ता रहा है. झूठ बोलना, भ्रम फैलाना ये राहुल गांधी जी की आदत रही है".
नेपाल क्या एक बार फिर संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहा है?
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राना ने इस्तीफ़ा देने से इनकार कर दिया है.
उन पर ये आरोप है कि उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदार को शेर बहादुर देउबा की कैबिनेट में मंत्री पद दिलाने में मदद की थी.
इस आरोप के सामने आने के बाद नेपाल की न्यायपालिका में अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है.
बीबीसी नेपाली सेवा की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल बार एसोसिएशन और नेपाली सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों ने मुख्य न्यायाधीश के इस्तीफे की मांग की है लेकिन चीफ़ जस्टिस ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है.
नेपाल बार एसोसिएशन के कुछ वकील सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के 15 जजों के साथ हुई एक मीटिंग के दौरान चीफ़ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राना ने कहा कि वे महज इस वजह से पद नहीं छोड़ने जा रहे हैं कि मीडिया में और सड़कों पर उनके मुख्य न्यायाधीश के पद से हटने के लिए आवाज़ें उठ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता बाबूराम दहल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "चीफ़ जस्टिस ने अन्य जजों से कहा है कि वे पद छोड़ने के बजाय संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करना अधिक पसंद करेंगे. मैं किस दबाव में पद नहीं छोड़ूंगा. लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करूंगा."
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक तबके ने सर्वोच्च अदालत की कार्यवाही के बहिष्कार का फ़ैसला किया है. इसका असर कई मामलों की सुनवाई पर पड़ा है.
नेपाल बार एसोसिएशन ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर चीफ जस्टिस ने स्वेच्छा से पद नहीं छोड़ा तो राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे.
आर्यन ख़ान ड्रग्स केस में एक अभियुक्त को ज़मानत
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मुंबई क्रूज़ ड्रग्स केस में स्पेशल एनडीपीएस एक्ट कोर्ट ने अविन साहू नाम के एक अभियुक्त को ज़मानत देते हुए कहा कि ‘केवल एक ऐसे क्रूज़ पर मौजूद होना जहां से ड्रग्स की बरामदगी हुई है, किसी व्यक्ति के साजिश में शामिल होने की पुष्टि नहीं करता.’
साहू को अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान और अन्य के साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने दो अक्टूबर को गिरफ़्तार किया था.
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की स्पेशल कोर्ट के जज वीवी पाटिल के कहा कि "साहू की भूमिका, आर्यन ख़ान की बताई जा रही भूमिका से अलग है."
एनसीबी के अनुसार,साहू क्रूज पर मौजूद "मेहमानों" में से एक थे.
विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना ने तर्क दिया था कि सभी गिरफ़्तार आरोपी (अब तक 20) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं,और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 28 और 29 (उकसाने और आपराधिक साजिश के लिए सज़ा) के तहत उनकी गिरफ़्तारी हुई है.
लेकिन जज वीवी पाटिल ने इन तर्कों को ख़ारिज करते हुए अविन साहू को ज़मानत दी.
आर्यन ख़ान की जमानत की अर्जी पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, बुधवार को लागातार दूसरे दिन दोनों पक्षों ने दलीलें दी और इस मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
इस केस में पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन ख़ान की पैरवी कर रहे हैं. वकील सतीश मानशिंदे और अमित देसाई पहले से ही आर्यन ख़ान की वकालत कर रहे हैं.
ईरान का आरोप, तेल नेटवर्क पर साइबर हमले के पीछे अन्य देश का हाथ
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ईरान ने कहा है कि मंगलवार को हुए साइबर हमले के पीछे विदेशी ताक़तें शामिल थीं. इस हमले के कारण देश का पेट्रोल वितरण नेटवर्क बाधित हो गया था.
प्रीडेटरी स्पैरो नाम के एक समूह ने ये सिस्टम हैक करने का दावा किया है, लेकिन ईरान की शीर्ष इंटरनेट नीति बनाने वाली संस्था ने एक अनाम "राज्य" को इस हैक का दोषी ठहराया है.
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि इस साइबर हमले का उद्देश्य "जनता में गुस्सा भड़काना" था.
हमले ने एक इंट्रानेट-आधारित सिस्टम को प्रभावित किया जिससे मोटर चालकों को सरकार द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड के साथ रियायती कीमत पर ईंधन खरीदने की सुविधा मिलती है. इसके कारण पेट्रोल स्टेशनों पर लंबी कतारें लग गईं.
हैकरों ने राजधानी तेहरान और अन्य जगहों के राजमार्गों पर डिजिटल होर्डिंग को भी हाईजैक कर लिया,और इन बोर्डों पर संदेश चलाया गया- "सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, हमारा ईंधन कहां है?"
राष्ट्रीय ईरानी तेल उत्पाद वितरण कंपनी (एनआईओपीडीसी) के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि "बुधवार सुबह तक देश के 4,300 पेट्रोल स्टेशनों में से केवल 5% को ही रिकनेक्ट किया जा सका है."
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"हालांकि,लगभग 3,000 पेट्रोल स्टेशन बिना सब्सिडी वाली कीमत पर "ऑफ़लाइन" ईंधन बेचने में सक्षम थे."
अधिकांश लोग ईरान में सब्सिडी वाले ईंधन पर निर्भर हैं, देश की अर्थव्यवस्था वर्षों से अमेरिकी प्रतिबंधों के साथ-साथ सरकारी कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के कारण बुरी तरह प्रभावित है.
रईसी ने बुधवार को एक कैबिनेट बैठक में कहा, "कुछ लोग अराजकता पैदा करके और लोगों के जीवन को बाधित करके जनता में गुस्सा भड़काने का चाह रहे हैं."
उन्होंने यह भी दावा किया कि ईरानी अधिकारियों द्वारा बरती गई "सतर्कता" ने हैकर्स को स्थिति का लाभ उठाने से रोका.
चीन 'अपमान की सदी' से गुज़रकर कैसे बना वैश्विक महाशक्ति
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ताइवान के साथ बढ़े तनाव की वजह से एक बार फिर सबकी निगाहें चीन पर चली गई हैं.
कई लोग इस बात पर भी हैरत जताते हैं कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने मुल्क को किस मुकाम पर देखना चाहते हैं. शायद इस सवाल का जवाब अतीत में छुपा है. चीन अब एक वैश्विक शक्ति है. कुछ दशक पहले ये वो बात थी, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.
कई बार चीन बाहरी दुनिया से अपने गठजोड़ के बूते ताक़त जुटाता है, जैसे पेरिस जलवायु समझौते पर उसका दस्तखत करना. और कई बार इसका मतलब बाहरी दुनिया से प्रतिस्पर्धा करना भी होता है. जैसे कि बेल्ट एंड रोड इनिशटिव जिसे दुनिया चीन के सिल्क रूट प्रोजेक्ट के नाम से भी जानती है.
60 से भी ज़्यादा देशों में चीन इस प्रोजेक्ट के तहत बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का जाल खड़ा कर रहा है. इस प्रोजेक्ट से जुड़ने वाले देश अब तक पश्चिमी देशों से मिलने वाले कर्ज़ों से महरूम रहे थे. फिर भी दुनिया के फलक पर चीन के उभार के ख़िलाफ़ कई तरह की बातें कही-सुनी जाती रही हैं.
ताइवान के साथ बढ़े तनाव की वजह से एक बार फिर सबकी निगाहें चीन पर चली गई हैं. कई लोग इस बात पर भी हैरत जताते हैं कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने मुल्क को किस मुकाम पर देखना चाहते हैं. शायद इस सवाल का जवाब अतीत में छुपा है.
भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने अपनी सरहदों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए शनिवार को एक नया क़ानून पारित किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ चीन का ये नया सीमा क़ानून अगले साल एक जनवरी से लागू होने वाला है. भारत के साथ लगने वाली सीमा पर अप्रैल, 2020 से ही चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.
वियतनाम और म्यांमार से अवैध रूप से सीमा पार करने वाले लोगों की वजह से चीन के सामने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने की भी चुनौती है.
सऊदी अरब ने ज़ीरो-नेट इमिशन का लक्ष्य रखा, भारत का साथ ज़रूरी
सऊदी अरब ने 2060 तक ज़ीरो-नेट इमिशन का लक्ष्य रखा है. शनिवार को सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी ग्रीन इनिशिएटिव (एसजीआई) के प्रमुख के तौर पर एक पर्यावरण सम्मेलन में इसकी घोषणा की.
क्राउन प्रिंस ने कहा कि सऊदी अरब हर साल 27 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए 186.63 अरब डॉलर के निवेश की ज़रूरत होगी.
क्राउन प्रिंस ने कहा कि एसजीआई के तहत पहले चरण में साल 2030 तक हर साल कार्बन उत्सर्जन में 278 मेगा टन की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.
इस साल की शुरुआत के एसजीआई समिट में जो लक्ष्य रखा गया था, उसका यह दोगुना से भी ज़्यादा है.
बिहार में दो सीटों के उपचुनाव में लालू और नीतीश क्यों उतरे मैदान में?
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बिहार विधानसभा की दो सीटें तारापुर और कुशेश्वर स्थान पर 30 अक्टूबर को होनेवाले उपचुनाव में किसी दल के जीतने या हारने से राज्य में सत्ता बदलती नहीं दिख रही है, लेकिन आरजेडी और जेडीयू जो आक्रामकता दिखा रहे हैं, उसमें लगभग तीन साल बाद पटना पहुंचे लालू प्रसाद यादव के प्रवेश से राजनीति तेज़ हो गयी है. सत्ता भले न बदले, लेकिन यह उपचुनाव सत्ता की छवि को आँकने वाला ज़रूर हो सकता है.
बिहार विधानसभा की 243 सदस्यों वाले सदन में चार दलों के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की नीतीश सरकार मामूली बहुमत से चल रही है, इसलिए मुख्य विरोधी पार्टी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के "खेला करने" के दावे के बावजूद यह उपचुनाव राजनीतिक महत्व बढ़ाने वाले जैसा ही है.
दूसरी तरफ विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी जेडीयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की ओर से किये गए विकास कार्यों के दावों के बीच यह उपचुनाव जेडीयू की साख और सरकार बचाने जैसा है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद बिहार में यह उपचुनाव यह भी तय करेगा कि कोरोना और बाढ़ प्रबंधन को लेकर नीतीश सरकार से लोग संतुष्ट हैं या नहीं. चूँकि ये सीटें जेडीयू विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई हैं इसलिए बीजेपी चुनावी मैदान में नहीं है.
बिहार विधानसभा की दो सीटें तारापुर और कुशेश्वर स्थान पर उपचुनाव में किसी दल के जीतने या हारने से राज्य में सत्ता बदलती नहीं दिख रही है, लेकिन जीत के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी जान लगा दी है.
यूपी चुनाव: बुंदेलखंड में राम मंदिर और ओवैसी के कारण बदलेंगे समीकरण?
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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हो चुकी है. सभी राजनीतिक दल अपने-अपने मोहरे तैनात करने पर लगे हैं. कहीं गठबंधन की बातें हो रही हैं, तो कहीं चुनावी मुद्दों की. देश के सबसे बड़े राज्य के विधानसभा चुनाव में मुद्दों की कमी नहीं मिलेगी. हर क्षेत्र में एक अलग समस्या और एक अलग चुनावी मुद्दा दिखेगा.
यूपी के बुंदेलखंड में हमने झाँसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट ज़िलों के कुछ गाँवों जाकर लोगों हाल जानने की कोशिश की और यह भी समझना चाहा कि चुनाव को लेकर माहौल कैसा है और क्या असल मुद्दे भी चुनाव में जगह बना पाएँगे?
क्या यूपी के चुनाव भी बाक़ी राज्यों की तरह हिंदू-मुसलमान के मुद्दे पर लड़े जाएँगे या फिर विकास की बात होगी? क्या असदुद्दीन ओवैसी की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के आने से यूपी के चुनावी समीकरण बदलेंगे? और क्या अयोध्या में राम मंदिर बनने से बीजेपी को चुनाव में फ़ायदा होगा?
ये वो सवाल हैं, जिन्हें लेकर हम जनता के बीच पहुँचे और उनसे जवाब जानने की कोशिश की. साथ ही यह भी समझना चाहा कि उनके लिए असल चुनावी मुद्दे क्या हैं?
ब्रेकिंग न्यूज़म्यांमार में कई बम धमाके, सैन्य सत्ता के खिलाफ़ बढ़ता जा रहा है विरोध
म्यांमार के मंडाले टाउनशिप के निवासियों का कहना है कि बुधवार को दोपहर में पुलिस थाने औरसड़क यातायात प्रशासन विभाग के पास चार विस्फोट हुए.
स्थानीय लोगों ने बीबीसी को बताया कि धमाके के बाद सेना के लोग पहुंचे और पास के ज़ेयर थिरी रोड से कुछ लोगों को गिरफ़्तार कर अपने साथ ले गए.
इस इलाके में रहने वाले एक शख़्स ने बताया, "मैंने चार धमाकों की आवाज़ सुनी, इस धमाके में कोई ज़ख़्मी नहीं हुआ है लेकिन सेना के लोग तुरंत घटनास्थल पर आए और कुछ लोगों की गिरफ़्तारी कर साथ ले गए."
म्यांमार के शहरों में गोली-बमबारी और ग्रामीण इलाकों में सशस्त्र संघर्ष की घटनाएं सामने आना आम हो चुका है. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और अन्य पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि फरवरी में सेना के सत्ता पर जबरन काबिज़ होने से पैदा हुई अशांति, गृह-युद्ध की ओर बढ़ रही है.
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खुद को स्पेशल अटैकिंग फोर्स (अपर बर्मा) बताने वाले एक समूह ने अपने फेसबुक पेज पर इस धमाके की ज़िम्मेदारी ली है.
इस समूह ने कहा है कि "हम नहीं चाहते कि सैन्य सरकार गोलियां खरीदने के लिए राजस्व का इस्तेमाल करे, जिस कार्यालय को टारगेट किया गया है वह ड्राइविंग शुल्क और कर एकत्रित करता है."
इस समूह ने लोगों को उन एजेंसियों से दूर रहने की चेतावनी दी है जो सैन्य सरकार के लिए पैसा इकट्ठा करती हैं.
इसी तरह के कई विपक्षी समूह पूरे म्यांमार में सक्रिय हैं, ये लोग खुद को आम लोगों का ‘रक्षा बल’ कहते हैं.
पाकिस्तान: इमरान ख़ान हुकूमत और टीएलपी आमने-सामने, इस्लामाबाद छावनी बना
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पाकिस्तान में प्रतिबंधित धार्मिक और राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने इमरान ख़ान हुकूमत के साथ बातचीत में नाकाम होने का दावा करते हुए बुधवार को राजधानी इस्लामाबाद और जीटी रोड पर अपने कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ अपना 'लॉन्ग मार्च' फिर से शुरू कर दिया है.
इस काफ़िले को पुलिस आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही है, वहीं गुजरांवाला प्रशासन ने भी रेंजर्स की मदद लेने का फैसला किया है. बीबीसी के शहजाद मलिक से बात करते हुए, तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मुफ्ती उमर अल-अज़हरी ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं ने रास्ते की सभी बाधाओं को हटा दिया और आगे बढ़ गए.
संवाददाता तरहाब असगर के मुताबिक़, मार्च फिर शुरू होने के बाद साधुकी नाम की जगह पर पुलिस ने फिर से काफिले को रोकने की कोशिश की और आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस और तहरीक-ए-लब्बैक कार्यकर्ताओं के बीच भी झड़पें हुई हैं.
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक ताज़ा झड़पों में कसूर पुलिस के एएसआई अकबर की मौत हो गई और 64 अन्य घायल हो गए, जबकि तहरीक-ए-लब्बैक ने पुलिस पर तेज़ाब की बोतलें फेंकने और फायरिंग करने का आरोप लगाया है. गुजरांवाला पुलिस के अनुसार, घायल पुलिस कर्मियों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती किया गया है.
पाकिस्तान में प्रतिबंधित धार्मिक और राजनीतिक दल तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान ने इमरान ख़ान हुकूमत के साथ बातचीत में नाकाम होने का दावा करते हुए अपना 'लॉन्ग मार्च' फिर से शुरू कर दिया है.
शोएब अख़्तर को टीवी होस्ट ने कार्यक्रम के बीच अपमानित किया, देखें वीडियो
पीटीवी पाकिस्तान का सरकारी प्रसारक है. मंगलवार की रात पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज़ रहे शोएब अख़्तर को पीटीवी के ही शो 'गेम ऑन है' में ऑन एयर अपमान झेलना पड़ा. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की जीत के बाद इस शो में यह वाक़या हुआ है.
शोएब अख़्तर को अपमान विदेशी मेहमानों के बीच झेलना पड़ा है. ये सभी इस शो में मैच का विश्लेषण कर रहे थे.
शोएब अख़्तर ने शो में पाकिस्तान सुपर लीग की टीम लाहौर क़लंदर्स की तारीफ़ करते हुए कहा कि इसी टीम से शाहीन शाह अफ़रीदी और हैरिस रउफ़ जैसे खिलाड़ी सामने आए.
नोमान नियाज़ इस शो को होस्ट कर रहे थे. नोमान इसी दौरान शोएब अख़्तर पर भड़क गए. नोमान ने शो में शोएब को झिड़कते हुए कहा, ''तुम थोड़े असभ्य हो और मैं ये कहना नहीं चाहता, लेकिन ज़्यादा स्मार्ट बनना है तो तुम यहाँ से जा सकते हो.''
रिपोर्ट: टीम बीबीसी
आवाज़: भरत शर्मा
वीडियो एडिटिंग: दीपक जसरोटिया
चीन के नए सीमा क़ानून पर भारत ने कहा- ये हमारे लिए चिंता की बात है
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चीन के नए सीमा कानून को भारत ने ‘एकतरफ़ा’ बताया है और कहा है कि इस नए क़ानून का असर सीमा से संबंधित मुद्दों पर हमारी मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्था और मौजूदा सीमा से जुड़े सवालों पर पड़ सकता है.
भारत ने इसे चिंता का विषय बताया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि चीन क़ानून के बहाने ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से बचेगा जिससे भारत-चीन सीमा, किसी किस्म का एकतरफ़ा बदलाव न आए.
उन्होंने कहा कि इस तरह के "एकतरफा क़दम" का उन व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिन पर दोनों पक्ष पहले ही सहमत चुके हैं - चाहे वह सीमा से जुड़े मामले हों पर हो या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बनाए रखने से जुड़े मुद्दे हों.
बीते सप्ताह चीन ने अपनी सरहदों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए एक नया क़ानून पारित किया है.
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इससे जुड़े एक सवाल का जबाव देते हुए बागचीने कहा ‘’ ये कानून लाने का चीन का एकतरफ़ा फैसला, सीमा प्रबंधन के साथ-साथ सीमा के सवाल पर हमारी मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्थाओं पर प्रभाव डाल सकता है,ये हमारे लिए चिंता का विषय है. ‘’
चीन का क़ानून कहता है कि सीमा सुरक्षा को ख़तरा पैदा करने वाले किसी सैन्य टकराव या युद्ध की स्थिति में चीन अपनी सीमाएं बंद कर सकता है. इस क़ानून में सीमा से जुड़े इलाक़ों में'निर्माण कार्यों'को बेहतर करने पर भी ध्यान दिया गया है.क़ानून कहता है कि सीमा से जुड़े इलाक़ों में चीन,सीमा सुरक्षा मज़बूत करने,आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोग,सार्वजनिक सेवाओं और आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए क़दम उठा सकता है.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने पिछले हफ्ते बताया कि कानून अगले साल 1 जनवरी से लागू होगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि ‘’भारत और चीन अभी भी सीमा से जुड़े सवालों का समाधान नहीं निकाल पाए हैं और दोनों पक्ष समान स्तर पर परामर्श के माध्यम से एक निष्पक्ष,उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान प्राप्त करने पर एकमत हुए हैं.’’
नीरज चोपड़ा, लवलीना समेत 11 खिलाड़ी को खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित
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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा समेत 11 खिलाड़ियों को इस साल मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित किया गया है.
इसके अलावा 35 खिलाड़ियों का नाम अर्जुन अवार्ड के लिए बनी सूची में रखा गया है. ये सारे नाम नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स कमेटी ने सुझाए हैं.
पीटीआई के मुताबिक पहलवान रवि दहिया, बॉक्सर लवलीना बोरगोहांई, फुटबॉलर सुनील छेत्री, क्रिकेटर मिताली राज और हॉकी खिलाड़ी पी. श्रीजेश का नाम भी लिस्ट में शामिल है.
इसके अलावा शूटर अवनी लकड़ा और पांच अन्य पैरा-एथलीट्स का नाम भी खेल रत्न के लिए बनी सूची में रखा गया है.
क्रिकेट मैच में पाकिस्तान के समर्थन पर गिरफ़्तार हुई उदयपुर की टीचर को मिली ज़मानत
मोहर सिंह मीणा
जयपुर से, बीबीसी हिंदी के लिए
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रविवार को भारत पाकिस्तान के बीच हुए टी 20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की जीत पर खुशी ज़ाहिर करने के मामले में बुधवार को उदयपुर पुलिस ने शिक्षिका नफ़ीसा अटारी को गिरफ्तार कर लिया था.
बाद में उन्हें अदालत ने ज़मानत दे दी.
स्थानीय पत्रकार अली असगर ने बताया है कि, "पुलिस ने नफीसा अटारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से उन्हें बीस हज़ार के बॉन्ड पर जमानत मिल गई है."
नफीसा अटारी के वकील राजेश सिंघवी ने बीबीसी से फ़ोन पर हुई बातचीत में बताया कि, "नफीसा अटारी पर आई की धारा 153 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई है, जबकि यह मामला बनता नहीं है. हमने कोर्ट में यही बात रखी."
वकील सिंघवी ने कहा, "नफीसा अटारी को कोर्ट ने बीस हज़ार रुपए के बॉन्ड पर जमानत दे दी है."
क्या है मामला?
नीरजा मोदी स्कूल की शिक्षिका नफ़ीसा को 25 नवंबर को स्कूल प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया था और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज भी कराई गई थी.
उदयपुर के अंबामाटा थाना अधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने बीबीसी से बताया कि, "थाने में नफ़ीसा अटारी के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके बाद आज (27 अक्तूबर) को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था."
शिक्षिका ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत पर खुशी ज़ाहिर करते हुए अपने व्हाट्सेप पर एक स्टेट्स लगाया था.
हालांकि मामला सामने आने के बाद नफ़ीसा ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखते हुए माफ़ी मांगी थी.
उन्होंने कहा, "इसका मतलब कहीं भी नहीं है कि मैं पाकिस्तान को सपोर्ट करती हूं. मैं इंडियन हूं,आई लव इंडिया और मैं इंडिया से उतना ही प्यार करती हूं जितना आप सभी लोग प्यार करते हैं."
"मैं आप सभी से माफ़ी मांगना चाहती हूं कि मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं था. किसी को ठेस पहुंची हो उसके लिए आई एम वेरी सॉरी."
आर्यन ख़ान की ज़मानत पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई गुरुवार को जारी रहेगी
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मुंबई क्रूज़ ड्रग्स मामले में अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान की जमानत की अर्जी पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई अब गुरुवार को ढाई बजे के बाद जारी रहेगी
मंगलवार को शुरु हुई इस याचिका पर सुनवाई का आज दूसरा दिन था.
इस मामले में पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन ख़ान की पैरवी कर रहे हैं. वकील सतीश मानशिंदे और अमित देसाई पहले से ही आर्यन ख़ान की वकालत कर रहे हैं.
आर्यन ख़ान को एक क्रूज़ पर हुई कथित रेव पार्टी के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.
इससे पहले आर्यन ख़ान की ज़मानत याचिका दो बार ख़ारिज की जा चुकी है.
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दूसरी बार 20 अक्टूबर को मुंबई की एक विशेष अदालत ने आर्यन ख़ान और दो अन्य अभियुक्तों को ज़मानतदेने से इनकार कर दिया था.
ज़मानत की याचिका को ठुकराते हुए अदालत ने यह तो माना था कि आर्यन ख़ान के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुए लेकिन साथ ही कहा कि चूँकि आर्यन ख़ान को इस बात कि जानकारी थी कि उनके दोस्त अरबाज़ मर्चेंट के पास प्रतिबंधित पदार्थ थे और चूंकि वो दोनों साथ थे इसलिए इसे'कॉन्शियस पज़ेशन' (अपनी जानकारी में ड्रग्स रखना) माना जाएगा.
अरबाज़ मर्चेंट से छह ग्राम चरस की बरामदगी हुई थी.
मुकुल रोहतगी ने बीते दिनों आर्यन ख़ान का समर्थन भी किया था. उन्होंने कहा था कि आर्यन ख़ान को कैद में रखना का कोई आधार नहीं है. आर्यन ख़ान को एक सेलिब्रिटी होने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है.
इस मामले में एनसीबी ने आर्यन ख़ान,अरबाज़ मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमेचा सहित आठ लोगों को क्रूज़ से गिरफ़्तार किया था. इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
आर्यन ख़ान और अन्य अभियुक्तों पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8 (सी) के साथ 20 बी (खरीद),27 (खपत),28 (अपराध करने का प्रयास),29 (उकसाना और साज़िश) और 35 (दोषपूर्ण मानसिक स्थिति का अनुमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
लाइव रिपोर्टिंग
रिपोर्टर- पवन सिंह अतुल, अभिजीत श्रीवास्तव और कीर्ति दुबे
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आगरा: पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में तीन कश्मीरी छात्र गिरफ़्तार
अनंत झणाणे
बीबीसी हिंदी के लिए
आगरा पुलिस ने टी-20 विश्वकप में भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ़्तार किया है.
इस गिरफ़्तारी की पुष्टि आगरा के लोहामंड इलाके के सर्कल ऑफ़िसर सौरभ सिंह ने की.
इन छात्रों को जगदीशपुरा थाने में गिरफ़्तार किया गया और अब इन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. यह तीनों आगरा के राजा बलवंत सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र हैं.
गिरफ़्तार किए गए छात्रों में, अर्शीद युसूफ़ और इनायत अल्ताफ़ शेख़ इंजीनियरिंग के तीसरे साल के छात्र हैं और शौकत अहमद गनी चौथे साल के छात्र हैं.
इन तीनों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153A, 505(1)(b) और आईटी एक्ट, 2008 की धारा 66F के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एफ़आईआर में कहा गया है कि इन तीनों ने देश विरोधी नारे लगाए और आराजकता फैलाने की कोशिश की है,जिससे माहौल ख़राब होने की आशंका पैदा हुई.
आईपीसी की धारा 153- ए के अनुसार, "कोई व्यक्ति अगर लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देता है जिससे साम्प्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती है तो उसे गिरफ़्तार किया जा सकता है इसके तहत जुर्माने के साथ, छह महीने से एक साल की क़ैद की सजा हो सकती है."
आईपीसी की धारा 505(1)(b)के तहत समाज में फ़र्जी ख़बर फैलाने का मामला दर्ज किया जाता है जबकि धारा 66Fआईटी एक्ट में साइबर टेररिज़्म के अपराध के लिए लगाया जाता है.
इन तीनों छात्रों को कॉलेज प्रशासन ने पहले हीनिलंबित कर दिया था.
पेगासस मामले पर राहुल गांधी का मोदी-शाह पर हमला, पात्रा का पलटवार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पेगासस मामले की जाँच के लिए तीन साइबर विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को एक बड़ा क़दम बताया है और आशा जताई है कि सच सामने आ जाएगा.
आज एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केवल प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने ही पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल का आदेश दिया होगा.
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, "सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का हम स्वागत करते हैं. बात राजनीति की नहीं है- ये देश के लोकतांत्रिक ढाँचे पर, जनता पर व आज़ादी पर हमला है. ये हमला करने का निर्देश सिर्फ़ दो ही लोग दे सकते हैं और जब सच सामने आएगा उनके पास कोई जवाब नहीं होगा."
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इसराइली स्पाइवेयर पेगासस के ज़रिए कथित तौर पर कुछ लोगों की जासूसी किए जाने की मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति नियुक्त की और कहा कि देश के हर नागरिक को निजता के हनन से बचने का अधिकार है और केवल "राष्ट्रीय सुरक्षा" के नाम पर अदालत एक "मूक दर्शक" नहीं बनी रह सकती.
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सरकार के ही इस मामले पर दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक़ है.
पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी मखौल उड़ाते हुए कहा कि वो बीजेपी को निशाना बनाने के लिए एक ही तरह की शब्दावली का इस्तेमाल करते है और बातों को दोहराते हैं.
संबित पात्रा ने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय को लेकर राहुल गांधी जी ने फिर उन्हीं शब्दों का उच्चारण किया, जो वो हमेशा करते हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस इस विषय को लेकर कोर्ट नहीं गए थे."
पात्रा ने कहा, "भ्रम और राहुल गांधी जी का गहरा रिश्ता रहा है. झूठ बोलना, भ्रम फैलाना ये राहुल गांधी जी की आदत रही है".
नेपाल क्या एक बार फिर संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहा है?
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राना ने इस्तीफ़ा देने से इनकार कर दिया है. उन पर ये आरोप है कि उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदार को शेर बहादुर देउबा की कैबिनेट में मंत्री पद दिलाने में मदद की थी.
इस आरोप के सामने आने के बाद नेपाल की न्यायपालिका में अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है.
बीबीसी नेपाली सेवा की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल बार एसोसिएशन और नेपाली सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों ने मुख्य न्यायाधीश के इस्तीफे की मांग की है लेकिन चीफ़ जस्टिस ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है.
नेपाल बार एसोसिएशन के कुछ वकील सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के 15 जजों के साथ हुई एक मीटिंग के दौरान चीफ़ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राना ने कहा कि वे महज इस वजह से पद नहीं छोड़ने जा रहे हैं कि मीडिया में और सड़कों पर उनके मुख्य न्यायाधीश के पद से हटने के लिए आवाज़ें उठ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता बाबूराम दहल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "चीफ़ जस्टिस ने अन्य जजों से कहा है कि वे पद छोड़ने के बजाय संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करना अधिक पसंद करेंगे. मैं किस दबाव में पद नहीं छोड़ूंगा. लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करूंगा."
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक तबके ने सर्वोच्च अदालत की कार्यवाही के बहिष्कार का फ़ैसला किया है. इसका असर कई मामलों की सुनवाई पर पड़ा है.
नेपाल बार एसोसिएशन ने ये भी चेतावनी दी है कि अगर चीफ जस्टिस ने स्वेच्छा से पद नहीं छोड़ा तो राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे.
आर्यन ख़ान ड्रग्स केस में एक अभियुक्त को ज़मानत
मुंबई क्रूज़ ड्रग्स केस में स्पेशल एनडीपीएस एक्ट कोर्ट ने अविन साहू नाम के एक अभियुक्त को ज़मानत देते हुए कहा कि ‘केवल एक ऐसे क्रूज़ पर मौजूद होना जहां से ड्रग्स की बरामदगी हुई है, किसी व्यक्ति के साजिश में शामिल होने की पुष्टि नहीं करता.’
साहू को अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान और अन्य के साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने दो अक्टूबर को गिरफ़्तार किया था.
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की स्पेशल कोर्ट के जज वीवी पाटिल के कहा कि "साहू की भूमिका, आर्यन ख़ान की बताई जा रही भूमिका से अलग है."
एनसीबी के अनुसार,साहू क्रूज पर मौजूद "मेहमानों" में से एक थे.
विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना ने तर्क दिया था कि सभी गिरफ़्तार आरोपी (अब तक 20) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं,और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 28 और 29 (उकसाने और आपराधिक साजिश के लिए सज़ा) के तहत उनकी गिरफ़्तारी हुई है.
लेकिन जज वीवी पाटिल ने इन तर्कों को ख़ारिज करते हुए अविन साहू को ज़मानत दी.
आर्यन ख़ान की जमानत की अर्जी पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, बुधवार को लागातार दूसरे दिन दोनों पक्षों ने दलीलें दी और इस मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
इस केस में पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन ख़ान की पैरवी कर रहे हैं. वकील सतीश मानशिंदे और अमित देसाई पहले से ही आर्यन ख़ान की वकालत कर रहे हैं.
ईरान का आरोप, तेल नेटवर्क पर साइबर हमले के पीछे अन्य देश का हाथ
ईरान ने कहा है कि मंगलवार को हुए साइबर हमले के पीछे विदेशी ताक़तें शामिल थीं. इस हमले के कारण देश का पेट्रोल वितरण नेटवर्क बाधित हो गया था.
प्रीडेटरी स्पैरो नाम के एक समूह ने ये सिस्टम हैक करने का दावा किया है, लेकिन ईरान की शीर्ष इंटरनेट नीति बनाने वाली संस्था ने एक अनाम "राज्य" को इस हैक का दोषी ठहराया है.
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि इस साइबर हमले का उद्देश्य "जनता में गुस्सा भड़काना" था.
हमले ने एक इंट्रानेट-आधारित सिस्टम को प्रभावित किया जिससे मोटर चालकों को सरकार द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड के साथ रियायती कीमत पर ईंधन खरीदने की सुविधा मिलती है. इसके कारण पेट्रोल स्टेशनों पर लंबी कतारें लग गईं.
हैकरों ने राजधानी तेहरान और अन्य जगहों के राजमार्गों पर डिजिटल होर्डिंग को भी हाईजैक कर लिया,और इन बोर्डों पर संदेश चलाया गया- "सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, हमारा ईंधन कहां है?"
राष्ट्रीय ईरानी तेल उत्पाद वितरण कंपनी (एनआईओपीडीसी) के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि "बुधवार सुबह तक देश के 4,300 पेट्रोल स्टेशनों में से केवल 5% को ही रिकनेक्ट किया जा सका है."
"हालांकि,लगभग 3,000 पेट्रोल स्टेशन बिना सब्सिडी वाली कीमत पर "ऑफ़लाइन" ईंधन बेचने में सक्षम थे."
अधिकांश लोग ईरान में सब्सिडी वाले ईंधन पर निर्भर हैं, देश की अर्थव्यवस्था वर्षों से अमेरिकी प्रतिबंधों के साथ-साथ सरकारी कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के कारण बुरी तरह प्रभावित है.
रईसी ने बुधवार को एक कैबिनेट बैठक में कहा, "कुछ लोग अराजकता पैदा करके और लोगों के जीवन को बाधित करके जनता में गुस्सा भड़काने का चाह रहे हैं."
उन्होंने यह भी दावा किया कि ईरानी अधिकारियों द्वारा बरती गई "सतर्कता" ने हैकर्स को स्थिति का लाभ उठाने से रोका.
चीन 'अपमान की सदी' से गुज़रकर कैसे बना वैश्विक महाशक्ति
ताइवान के साथ बढ़े तनाव की वजह से एक बार फिर सबकी निगाहें चीन पर चली गई हैं.
कई लोग इस बात पर भी हैरत जताते हैं कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने मुल्क को किस मुकाम पर देखना चाहते हैं. शायद इस सवाल का जवाब अतीत में छुपा है. चीन अब एक वैश्विक शक्ति है. कुछ दशक पहले ये वो बात थी, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.
कई बार चीन बाहरी दुनिया से अपने गठजोड़ के बूते ताक़त जुटाता है, जैसे पेरिस जलवायु समझौते पर उसका दस्तखत करना. और कई बार इसका मतलब बाहरी दुनिया से प्रतिस्पर्धा करना भी होता है. जैसे कि बेल्ट एंड रोड इनिशटिव जिसे दुनिया चीन के सिल्क रूट प्रोजेक्ट के नाम से भी जानती है.
60 से भी ज़्यादा देशों में चीन इस प्रोजेक्ट के तहत बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का जाल खड़ा कर रहा है. इस प्रोजेक्ट से जुड़ने वाले देश अब तक पश्चिमी देशों से मिलने वाले कर्ज़ों से महरूम रहे थे. फिर भी दुनिया के फलक पर चीन के उभार के ख़िलाफ़ कई तरह की बातें कही-सुनी जाती रही हैं.
चीन 'अपमान की सदी' से गुज़रकर कैसे बना वैश्विक महाशक्ति
ताइवान के साथ बढ़े तनाव की वजह से एक बार फिर सबकी निगाहें चीन पर चली गई हैं. कई लोग इस बात पर भी हैरत जताते हैं कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने मुल्क को किस मुकाम पर देखना चाहते हैं. शायद इस सवाल का जवाब अतीत में छुपा है.
और पढ़ेंचीन के नए सीमा क़ानून में क्या-क्या है?
भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने अपनी सरहदों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए शनिवार को एक नया क़ानून पारित किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ चीन का ये नया सीमा क़ानून अगले साल एक जनवरी से लागू होने वाला है. भारत के साथ लगने वाली सीमा पर अप्रैल, 2020 से ही चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.
वियतनाम और म्यांमार से अवैध रूप से सीमा पार करने वाले लोगों की वजह से चीन के सामने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने की भी चुनौती है.
सऊदी अरब ने ज़ीरो-नेट इमिशन का लक्ष्य रखा, भारत का साथ ज़रूरी
सऊदी अरब ने 2060 तक ज़ीरो-नेट इमिशन का लक्ष्य रखा है. शनिवार को सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी ग्रीन इनिशिएटिव (एसजीआई) के प्रमुख के तौर पर एक पर्यावरण सम्मेलन में इसकी घोषणा की.
क्राउन प्रिंस ने कहा कि सऊदी अरब हर साल 27 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए 186.63 अरब डॉलर के निवेश की ज़रूरत होगी.
क्राउन प्रिंस ने कहा कि एसजीआई के तहत पहले चरण में साल 2030 तक हर साल कार्बन उत्सर्जन में 278 मेगा टन की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.
इस साल की शुरुआत के एसजीआई समिट में जो लक्ष्य रखा गया था, उसका यह दोगुना से भी ज़्यादा है.
बिहार में दो सीटों के उपचुनाव में लालू और नीतीश क्यों उतरे मैदान में?
बिहार विधानसभा की दो सीटें तारापुर और कुशेश्वर स्थान पर 30 अक्टूबर को होनेवाले उपचुनाव में किसी दल के जीतने या हारने से राज्य में सत्ता बदलती नहीं दिख रही है, लेकिन आरजेडी और जेडीयू जो आक्रामकता दिखा रहे हैं, उसमें लगभग तीन साल बाद पटना पहुंचे लालू प्रसाद यादव के प्रवेश से राजनीति तेज़ हो गयी है. सत्ता भले न बदले, लेकिन यह उपचुनाव सत्ता की छवि को आँकने वाला ज़रूर हो सकता है.
बिहार विधानसभा की 243 सदस्यों वाले सदन में चार दलों के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की नीतीश सरकार मामूली बहुमत से चल रही है, इसलिए मुख्य विरोधी पार्टी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के "खेला करने" के दावे के बावजूद यह उपचुनाव राजनीतिक महत्व बढ़ाने वाले जैसा ही है.
दूसरी तरफ विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी जेडीयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की ओर से किये गए विकास कार्यों के दावों के बीच यह उपचुनाव जेडीयू की साख और सरकार बचाने जैसा है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद बिहार में यह उपचुनाव यह भी तय करेगा कि कोरोना और बाढ़ प्रबंधन को लेकर नीतीश सरकार से लोग संतुष्ट हैं या नहीं. चूँकि ये सीटें जेडीयू विधायकों के निधन की वजह से खाली हुई हैं इसलिए बीजेपी चुनावी मैदान में नहीं है.
बिहार में दो सीटों के उपचुनाव में लालू और नीतीश क्यों उतरे मैदान में?
बिहार विधानसभा की दो सीटें तारापुर और कुशेश्वर स्थान पर उपचुनाव में किसी दल के जीतने या हारने से राज्य में सत्ता बदलती नहीं दिख रही है, लेकिन जीत के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी जान लगा दी है.
और पढ़ेंयूपी चुनाव: बुंदेलखंड में राम मंदिर और ओवैसी के कारण बदलेंगे समीकरण?
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हो चुकी है. सभी राजनीतिक दल अपने-अपने मोहरे तैनात करने पर लगे हैं. कहीं गठबंधन की बातें हो रही हैं, तो कहीं चुनावी मुद्दों की. देश के सबसे बड़े राज्य के विधानसभा चुनाव में मुद्दों की कमी नहीं मिलेगी. हर क्षेत्र में एक अलग समस्या और एक अलग चुनावी मुद्दा दिखेगा.
यूपी के बुंदेलखंड में हमने झाँसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट ज़िलों के कुछ गाँवों जाकर लोगों हाल जानने की कोशिश की और यह भी समझना चाहा कि चुनाव को लेकर माहौल कैसा है और क्या असल मुद्दे भी चुनाव में जगह बना पाएँगे?
क्या यूपी के चुनाव भी बाक़ी राज्यों की तरह हिंदू-मुसलमान के मुद्दे पर लड़े जाएँगे या फिर विकास की बात होगी? क्या असदुद्दीन ओवैसी की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के आने से यूपी के चुनावी समीकरण बदलेंगे? और क्या अयोध्या में राम मंदिर बनने से बीजेपी को चुनाव में फ़ायदा होगा?
ये वो सवाल हैं, जिन्हें लेकर हम जनता के बीच पहुँचे और उनसे जवाब जानने की कोशिश की. साथ ही यह भी समझना चाहा कि उनके लिए असल चुनावी मुद्दे क्या हैं?
यूपी चुनाव: बुंदेलखंड में राम मंदिर और ओवैसी के कारण बदलेंगे समीकरण?
क्या यूपी के चुनाव भी बाक़ी राज्यों की तरह हिंदू-मुसलमान के मुद्दे पर लड़े जाएँगे या फिर विकास की बात होगी?
और पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़म्यांमार में कई बम धमाके, सैन्य सत्ता के खिलाफ़ बढ़ता जा रहा है विरोध
म्यांमार के मंडाले टाउनशिप के निवासियों का कहना है कि बुधवार को दोपहर में पुलिस थाने औरसड़क यातायात प्रशासन विभाग के पास चार विस्फोट हुए.
स्थानीय लोगों ने बीबीसी को बताया कि धमाके के बाद सेना के लोग पहुंचे और पास के ज़ेयर थिरी रोड से कुछ लोगों को गिरफ़्तार कर अपने साथ ले गए.
इस इलाके में रहने वाले एक शख़्स ने बताया, "मैंने चार धमाकों की आवाज़ सुनी, इस धमाके में कोई ज़ख़्मी नहीं हुआ है लेकिन सेना के लोग तुरंत घटनास्थल पर आए और कुछ लोगों की गिरफ़्तारी कर साथ ले गए."
म्यांमार के शहरों में गोली-बमबारी और ग्रामीण इलाकों में सशस्त्र संघर्ष की घटनाएं सामने आना आम हो चुका है. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और अन्य पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि फरवरी में सेना के सत्ता पर जबरन काबिज़ होने से पैदा हुई अशांति, गृह-युद्ध की ओर बढ़ रही है.
खुद को स्पेशल अटैकिंग फोर्स (अपर बर्मा) बताने वाले एक समूह ने अपने फेसबुक पेज पर इस धमाके की ज़िम्मेदारी ली है.
इस समूह ने कहा है कि "हम नहीं चाहते कि सैन्य सरकार गोलियां खरीदने के लिए राजस्व का इस्तेमाल करे, जिस कार्यालय को टारगेट किया गया है वह ड्राइविंग शुल्क और कर एकत्रित करता है."
इस समूह ने लोगों को उन एजेंसियों से दूर रहने की चेतावनी दी है जो सैन्य सरकार के लिए पैसा इकट्ठा करती हैं.
इसी तरह के कई विपक्षी समूह पूरे म्यांमार में सक्रिय हैं, ये लोग खुद को आम लोगों का ‘रक्षा बल’ कहते हैं.
पाकिस्तान: इमरान ख़ान हुकूमत और टीएलपी आमने-सामने, इस्लामाबाद छावनी बना
पाकिस्तान में प्रतिबंधित धार्मिक और राजनीतिक दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने इमरान ख़ान हुकूमत के साथ बातचीत में नाकाम होने का दावा करते हुए बुधवार को राजधानी इस्लामाबाद और जीटी रोड पर अपने कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ अपना 'लॉन्ग मार्च' फिर से शुरू कर दिया है.
इस काफ़िले को पुलिस आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही है, वहीं गुजरांवाला प्रशासन ने भी रेंजर्स की मदद लेने का फैसला किया है. बीबीसी के शहजाद मलिक से बात करते हुए, तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मुफ्ती उमर अल-अज़हरी ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं ने रास्ते की सभी बाधाओं को हटा दिया और आगे बढ़ गए.
संवाददाता तरहाब असगर के मुताबिक़, मार्च फिर शुरू होने के बाद साधुकी नाम की जगह पर पुलिस ने फिर से काफिले को रोकने की कोशिश की और आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस और तहरीक-ए-लब्बैक कार्यकर्ताओं के बीच भी झड़पें हुई हैं.
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक ताज़ा झड़पों में कसूर पुलिस के एएसआई अकबर की मौत हो गई और 64 अन्य घायल हो गए, जबकि तहरीक-ए-लब्बैक ने पुलिस पर तेज़ाब की बोतलें फेंकने और फायरिंग करने का आरोप लगाया है. गुजरांवाला पुलिस के अनुसार, घायल पुलिस कर्मियों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती किया गया है.
पाकिस्तान: इमरान ख़ान हुकूमत और टीएलपी आमने-सामने, इस्लामाबाद छावनी बना
पाकिस्तान में प्रतिबंधित धार्मिक और राजनीतिक दल तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान ने इमरान ख़ान हुकूमत के साथ बातचीत में नाकाम होने का दावा करते हुए अपना 'लॉन्ग मार्च' फिर से शुरू कर दिया है.
और पढ़ेंबीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 27 अक्टूबर 2021
सुनिए मोहनलाल शर्मा से
पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई,
राहुल गांधी बोले समीर वानखेड़े की धार्मिक पहचान को लेकर चर्चाएं ज़ोरों पर
और दुनिया जहान में सुनिए कि क्या धरती पर पानी ख़त्म हो रहा है?
शोएब अख़्तर को टीवी होस्ट ने कार्यक्रम के बीच अपमानित किया, देखें वीडियो
पीटीवी पाकिस्तान का सरकारी प्रसारक है. मंगलवार की रात पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज़ रहे शोएब अख़्तर को पीटीवी के ही शो 'गेम ऑन है' में ऑन एयर अपमान झेलना पड़ा. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की जीत के बाद इस शो में यह वाक़या हुआ है.
शोएब अख़्तर को अपमान विदेशी मेहमानों के बीच झेलना पड़ा है. ये सभी इस शो में मैच का विश्लेषण कर रहे थे.
शोएब अख़्तर ने शो में पाकिस्तान सुपर लीग की टीम लाहौर क़लंदर्स की तारीफ़ करते हुए कहा कि इसी टीम से शाहीन शाह अफ़रीदी और हैरिस रउफ़ जैसे खिलाड़ी सामने आए.
नोमान नियाज़ इस शो को होस्ट कर रहे थे. नोमान इसी दौरान शोएब अख़्तर पर भड़क गए. नोमान ने शो में शोएब को झिड़कते हुए कहा, ''तुम थोड़े असभ्य हो और मैं ये कहना नहीं चाहता, लेकिन ज़्यादा स्मार्ट बनना है तो तुम यहाँ से जा सकते हो.''
रिपोर्ट: टीम बीबीसी
आवाज़: भरत शर्मा
वीडियो एडिटिंग: दीपक जसरोटिया
चीन के नए सीमा क़ानून पर भारत ने कहा- ये हमारे लिए चिंता की बात है
चीन के नए सीमा कानून को भारत ने ‘एकतरफ़ा’ बताया है और कहा है कि इस नए क़ानून का असर सीमा से संबंधित मुद्दों पर हमारी मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्था और मौजूदा सीमा से जुड़े सवालों पर पड़ सकता है.
भारत ने इसे चिंता का विषय बताया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि चीन क़ानून के बहाने ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से बचेगा जिससे भारत-चीन सीमा, किसी किस्म का एकतरफ़ा बदलाव न आए.
उन्होंने कहा कि इस तरह के "एकतरफा क़दम" का उन व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिन पर दोनों पक्ष पहले ही सहमत चुके हैं - चाहे वह सीमा से जुड़े मामले हों पर हो या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बनाए रखने से जुड़े मुद्दे हों.
बीते सप्ताह चीन ने अपनी सरहदों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए एक नया क़ानून पारित किया है.
इससे जुड़े एक सवाल का जबाव देते हुए बागचीने कहा ‘’ ये कानून लाने का चीन का एकतरफ़ा फैसला, सीमा प्रबंधन के साथ-साथ सीमा के सवाल पर हमारी मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्थाओं पर प्रभाव डाल सकता है,ये हमारे लिए चिंता का विषय है. ‘’
चीन का क़ानून कहता है कि सीमा सुरक्षा को ख़तरा पैदा करने वाले किसी सैन्य टकराव या युद्ध की स्थिति में चीन अपनी सीमाएं बंद कर सकता है. इस क़ानून में सीमा से जुड़े इलाक़ों में'निर्माण कार्यों'को बेहतर करने पर भी ध्यान दिया गया है.क़ानून कहता है कि सीमा से जुड़े इलाक़ों में चीन,सीमा सुरक्षा मज़बूत करने,आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोग,सार्वजनिक सेवाओं और आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए क़दम उठा सकता है.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने पिछले हफ्ते बताया कि कानून अगले साल 1 जनवरी से लागू होगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि ‘’भारत और चीन अभी भी सीमा से जुड़े सवालों का समाधान नहीं निकाल पाए हैं और दोनों पक्ष समान स्तर पर परामर्श के माध्यम से एक निष्पक्ष,उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान प्राप्त करने पर एकमत हुए हैं.’’
नीरज चोपड़ा, लवलीना समेत 11 खिलाड़ी को खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीट नीरज चोपड़ा समेत 11 खिलाड़ियों को इस साल मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित किया गया है.
इसके अलावा 35 खिलाड़ियों का नाम अर्जुन अवार्ड के लिए बनी सूची में रखा गया है. ये सारे नाम नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड्स कमेटी ने सुझाए हैं.
पीटीआई के मुताबिक पहलवान रवि दहिया, बॉक्सर लवलीना बोरगोहांई, फुटबॉलर सुनील छेत्री, क्रिकेटर मिताली राज और हॉकी खिलाड़ी पी. श्रीजेश का नाम भी लिस्ट में शामिल है.
इसके अलावा शूटर अवनी लकड़ा और पांच अन्य पैरा-एथलीट्स का नाम भी खेल रत्न के लिए बनी सूची में रखा गया है.
आर्यन ख़ान की जमानत पर LIVE: ज़मानत याचिका पर जानकारी के साथ बीबीसी की प्राजक्ता पोल
क्रिकेट मैच में पाकिस्तान के समर्थन पर गिरफ़्तार हुई उदयपुर की टीचर को मिली ज़मानत
मोहर सिंह मीणा
जयपुर से, बीबीसी हिंदी के लिए
रविवार को भारत पाकिस्तान के बीच हुए टी 20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की जीत पर खुशी ज़ाहिर करने के मामले में बुधवार को उदयपुर पुलिस ने शिक्षिका नफ़ीसा अटारी को गिरफ्तार कर लिया था.
बाद में उन्हें अदालत ने ज़मानत दे दी.
स्थानीय पत्रकार अली असगर ने बताया है कि, "पुलिस ने नफीसा अटारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से उन्हें बीस हज़ार के बॉन्ड पर जमानत मिल गई है."
नफीसा अटारी के वकील राजेश सिंघवी ने बीबीसी से फ़ोन पर हुई बातचीत में बताया कि, "नफीसा अटारी पर आई की धारा 153 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई है, जबकि यह मामला बनता नहीं है. हमने कोर्ट में यही बात रखी."
वकील सिंघवी ने कहा, "नफीसा अटारी को कोर्ट ने बीस हज़ार रुपए के बॉन्ड पर जमानत दे दी है."
क्या है मामला?
नीरजा मोदी स्कूल की शिक्षिका नफ़ीसा को 25 नवंबर को स्कूल प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया था और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज भी कराई गई थी.
उदयपुर के अंबामाटा थाना अधिकारी दलपत सिंह राठौड़ ने बीबीसी से बताया कि, "थाने में नफ़ीसा अटारी के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके बाद आज (27 अक्तूबर) को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था."
शिक्षिका ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत पर खुशी ज़ाहिर करते हुए अपने व्हाट्सेप पर एक स्टेट्स लगाया था.
हालांकि मामला सामने आने के बाद नफ़ीसा ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखते हुए माफ़ी मांगी थी.
उन्होंने कहा, "इसका मतलब कहीं भी नहीं है कि मैं पाकिस्तान को सपोर्ट करती हूं. मैं इंडियन हूं,आई लव इंडिया और मैं इंडिया से उतना ही प्यार करती हूं जितना आप सभी लोग प्यार करते हैं."
"मैं आप सभी से माफ़ी मांगना चाहती हूं कि मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं था. किसी को ठेस पहुंची हो उसके लिए आई एम वेरी सॉरी."
अनीता आनंदः जिन्हें कनाडा के पीएम ने मुश्किल दौर में बनाया रक्षा मंत्री
सुशीला सिंह
बीबीसी संवाददाता
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक ऐसे समय में अनीता आनंद को ये अहम ओहदा दिया है जब वहाँ सेना यौन दुराचार के मामलों से जूझ रही है.
और पढ़ेंआर्यन ख़ान की ज़मानत पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई गुरुवार को जारी रहेगी
मुंबई क्रूज़ ड्रग्स मामले में अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान की जमानत की अर्जी पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई अब गुरुवार को ढाई बजे के बाद जारी रहेगी
मंगलवार को शुरु हुई इस याचिका पर सुनवाई का आज दूसरा दिन था.
इस मामले में पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आर्यन ख़ान की पैरवी कर रहे हैं. वकील सतीश मानशिंदे और अमित देसाई पहले से ही आर्यन ख़ान की वकालत कर रहे हैं.
आर्यन ख़ान को एक क्रूज़ पर हुई कथित रेव पार्टी के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.
इससे पहले आर्यन ख़ान की ज़मानत याचिका दो बार ख़ारिज की जा चुकी है.
दूसरी बार 20 अक्टूबर को मुंबई की एक विशेष अदालत ने आर्यन ख़ान और दो अन्य अभियुक्तों को ज़मानतदेने से इनकार कर दिया था.
ज़मानत की याचिका को ठुकराते हुए अदालत ने यह तो माना था कि आर्यन ख़ान के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुए लेकिन साथ ही कहा कि चूँकि आर्यन ख़ान को इस बात कि जानकारी थी कि उनके दोस्त अरबाज़ मर्चेंट के पास प्रतिबंधित पदार्थ थे और चूंकि वो दोनों साथ थे इसलिए इसे'कॉन्शियस पज़ेशन' (अपनी जानकारी में ड्रग्स रखना) माना जाएगा.
अरबाज़ मर्चेंट से छह ग्राम चरस की बरामदगी हुई थी.
मुकुल रोहतगी ने बीते दिनों आर्यन ख़ान का समर्थन भी किया था. उन्होंने कहा था कि आर्यन ख़ान को कैद में रखना का कोई आधार नहीं है. आर्यन ख़ान को एक सेलिब्रिटी होने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है.
इस मामले में एनसीबी ने आर्यन ख़ान,अरबाज़ मर्चेंट और मॉडल मुनमुन धमेचा सहित आठ लोगों को क्रूज़ से गिरफ़्तार किया था. इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
आर्यन ख़ान और अन्य अभियुक्तों पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8 (सी) के साथ 20 बी (खरीद),27 (खपत),28 (अपराध करने का प्रयास),29 (उकसाना और साज़िश) और 35 (दोषपूर्ण मानसिक स्थिति का अनुमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था.