आर्यन ख़ान के पक्ष में उनके वकीलों ने क्या दलील दी, ब्लड टेस्ट पर सवाल- प्रेस रिव्यू

मुकुल रोहतगी

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इमेज कैप्शन, मोदी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे मुकुल रोहतगी ने आर्यन ख़ान का बॉम्बे हाई कोर्ट में जमकर बचाव किया है.

बॉलीवुड सुपर स्टार शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान की ज़मानत याचिका पर सुनवाई बॉम्बे हाई कोर्ट में आज भी जारी रहेगी. मंगलवार को सीनियर वकील और मोदी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे मुकुल रोहतगी ने आर्यन ख़ान की ओर से कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि बहुत ही मनमानी तरीक़े से गिरफ़्तारी की गई है.

आर्यन की बचाव टीम में शामिल मुकुल रोहतगी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में जस्टिस नितिन डब्ल्यू सांबरे की सिंगल बेंच से कहा कि नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को 23 साल के आर्यन के पास से कोई ड्रग नहीं मिला है और न ही कोई मेडिकल जाँच कराई गई, जिससे पता चलता हो कि आर्यन ने ड्रग का सेवन किया था.

बॉम्बे कोर्ट में आर्यन की ज़मानत पर सुनवाई की ख़बर को अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने पहले पन्ने की लीड ख़बर बनाई है. अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, आर्यन की ओर से कोर्ट में सीनियर वकील अमित देसाई भी दलील दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि आर्यन ख़ान और उनके एक दोस्त के बीच ऑनलाइन पोकर को लेकर वॉट्सऐप चैट की ग़लत व्याख्या की गई और उसे ड्रग से जोड़ दिया गया.

आर्यन ख़ान दो अक्टूबर से हिरासत में हैं. उन्हें उसी दिन एक क्रूज़ शिप में कथित रेव पार्टी से पकड़ा गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को आर्यन ख़ान ने हाई कोर्ट में एक लिखित प्रस्ताव में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के एनसीबी मुंबई ज़ोन के निदेशक समीर वानखेड़े पर आरोप से ख़ुद को अलग कर लिया.

आर्यन ख़ान

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आर्यन की बचाव टीम ने हाई कोर्ट में कहा कि पूरे मामले में राजनीतिक विवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं है. स्पेशल नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टैंस एक्ट कोर्ट ने पिछले बुधवार को आर्यन ख़ान की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी. इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में ज़मानत याचिका दायर की गई थी.

एनडीपीएस कोर्ट ने इस तर्क को नहीं माना था कि आर्यन के पास से कोई ड्रग बरामद नहीं हुआ है. एनडीपीएस कोर्ट ने कहा था कि आर्यन ख़ान को ये बात पता थी कि उनके दोस्त अरबाज़ मर्चेंट के पास ड्रग है.

मुकुल रोहतगी ने अदालत में दलील देते हुए कहा कि आर्यन पर अगर मामला कॉन्शस पज़ेशन (अभियुक्त को निषिद्ध सामान के बारे में पता होना) का भी है तो इसमें एक साल जेल का प्रावधान है. रोहतगी ने कोर्ट में कहा, ''ये लड़के कॉन्शस पज़ेशन को स्वीकार भी करते हैं, तब भी क़ानून के हिसाब से उन्हें पीड़ित के तौर पर देखा जाना चाहिए न कि अपराधी के तौर पर. इन्हें सुधार गृह में भेजा चाहिए. इस मामले में ज़मानत ना देने का कोई तुक नहीं है.''

अख़बार के अनुसार, मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में इंडियन एक्सप्रेस में सामाजिक न्याय मंत्रालय के छपे नोट को भी सौंपा, जिनमें कहा गया है कि ड्रग इस्तेमाल करने वालों को जेल के बदले सुधार गृह में भेजा जाना चाहिए.

आर्यन ख़ान

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रोहतगी ने कहा कि आर्यन ख़ान के मोबाइल से जो वॉट्सऐप चैट मिला है, उनका रेव पार्टी से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि ये चैट साल 2018 के हैं. रोहतगी ने कहा, ''यह बहुत ही अहम है. चैट से ड्रग मामले में कोई सबूत नहीं मिलता है. एनसीबी चैट की ग़लत व्याख्या कर आर्यन को क्रिमिनल बनाने में जुटी है.''

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आर्यन ख़ान का बचाव करते हुए सीनियर वकील अमित देसाई ने कहा कि जिस वॉट्सऐप चैट को एनसीबी ने ड्रग सेवन से जोड़ा है, उसमें आर्यन अपने दोस्त से ऑनलाइन पोकर खेलने की बात कर रहे हैं. देसाई ने कहा, ''आर्यन ख़ान की बात अरबाज़ मर्चेंट और अर्चित कुमार से है. अर्चित क्रूज़ में नहीं था और उसे बाद में 2.6 ग्राम गांजे के साथ गिरफ़्तार किया गया. आर्यन और अर्चित दोस्त हैं. अर्चित के साथ ही आर्यन ऑनलाइन पोकर खेलते थे. इसी वॉट्सऐप चैट को ड्रग सेवन से जोड़ा गया है. यहाँ कोई साज़िश नहीं है. यहाँ दो दोस्तों के बीच की बातचीत है और यह भी 18 महीने पहले की है.''

देसाई बुधवार को भी कोर्ट में दलील जारी रखेंगे. एनसीबी ने आर्यन ख़ान की बेल का विरोध करते हुए कोर्ट में हलफ़नामा दाख़िल किया है. एनसीबी ने तर्क दिया है कि अभियुक्त प्रभावी परिवार से है और बेल मिलने के बाद सबूतों को मिटा सकता है.

पेगासस

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पेगासस जासूसी पर सुप्रीम कोर्ट का आज फ़ैसला

हिन्दी दैनिक अख़बार जनसत्ता ने पहले पन्ने पर एक ख़बर लगाई है- पेगासस पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आज. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पेगासस जासूसी मामले में स्वतंत्र जाँच की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फ़ैसला सुनाएगा.

मुख्य न्यायधीश जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने 13 सितंबर को इस मामले में अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा था कि केंद्र सरकार ये बताए कि सरकार ने अवैध तरीक़े से पेगासस सॉफ़्टेवेयर का इस्तेमाल किया था या नहीं.

इस बेंच ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा था कि वह इस मामले में जाँच के लिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन करेगी और इसराइली कंपनी एनएसओ के सॉफ़्टवेयर पेगासस से कुछ प्रमुख भारतीयों के फ़ोन हैक कर कथित जासूसी करने की शिकायतों की स्वतंत्र चाँज कराने के लिए दायर याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देगी.

नेवी

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नेवी कमांडर समेत पांच सूचना लीक करने में गिरफ़्तार

प्रमुख हिन्दी अख़बार हिन्दुस्तान ने पहने पन्ने की लीड ख़बर बनाई है- नेवी कमांडर समेत पाँच सूचना लीक करने में गिरफ़्तार. अख़बार की ख़बर के अनुसार, सीबीआई ने नौसेना (नेवी) से जुड़ी संवेदनशील सूचना लीक करने के मामले में कमांडर स्तर के एक अफ़सर समेत पाँच लोगों को गिरफ़्तार किया है. इनमें नौसेना के दो सेवानिवृत्त अफ़सर और दो निजी अधिकारी भी शामिल हैं. इन पर रिश्वत लेकर 'किलो-क्लास' की पनडुब्बी के आधुनिकीकरण से जुड़ी गोपनीय जानकारियां लीक करने का आरोप है.

जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इस मामले की पड़ताल के लिए दिल्ली, नोएडा, मुंबई और हैदराबाद के क़रीब 19 स्थानों पर छापेमारी की गई. यहाँ से तमाम तरह के संवेदनशील दस्तावेज़ और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ज़ब्त किए गए हैं.

एजेंसी गिरफ़्तार अधिकारी द्वारा प्रयोग किए गए हार्डवेयर और डेटा की भी जाँच करके इसे विदेशी एजेंसी को साझा किए जाने की संभावना को खंगाल रही है. सूत्रों के मुताबिक, संबंधित एजेंसियों से इनपुट प्राप्त करने के बाद, सीबीआई ने कमांडर रैंक के एक सेवारत नौसेना अधिकारी को गिरफ्तार किया जो वर्तमान में सेवानिवृत्त अधिकारियों को पनडुब्बी आधुनिकीकरण परियोजना से संबंधित अनधिकृत जानकारी दे रहे थे. यह अधिकारी मुंबई में तैनात है.

नौसेना के गोपनीय दस्तावेज़ के मामले में एजेंसियों ने गुजरात के गोधरा से एक व्यक्ति को पकड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अल्ताफ़ हुसैन हारुन घांची को आंध्र पुलिस और एसओजी ने पकड़ा. गिरफ़्तारी से पहले, पुलिस ने सोमवार को गोधरा में पाँच-छह अलग-अलग इलाक़ों में छापेमारी की और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया तथा फ़ोन, सिम कार्ड आदि ज़ब्त किए.

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